नरगिस की मौत के बाद कब्रिस्तान में रोते थे Sunil Dutt… बेटे संजू को बड़े पर्दे पर देखने का सपना भी रह गया अधूरा. Pura Safarnama
Mumbai : चुलबुली लड़की का किरदार हो या मोहब्बत में डूबी माशूका हो, प्यार में हारी प्रेमिका हो या फिर अपनी उम्र के नौजवानों की मां… किरदार चाहे कैसा भी हो.? नरगिस अपनी बेजोड़ अदाकारी से उसमें जान डाल देती थीं. किसी भी रोल को निभाने से पहले वो उसमें रम जाने की पूरी तैयारी कर लेती थीं. हिंदी सिने जगत में जब भी सादगी और अदायगी के शानदार कॉम्बिनेशन की बात होती है तो बॉलीवुड की Mother India यानि Nargis का नाम ज़रूर लिया जाता है. सिर्फ अभिनय ही नहीं बल्कि नरगिस के आकर्षण का हर कोई दीवाना था. ना तो Showman Raj Kapoor उनकी खूबसूरती से बच सके और ना Bollywood के पहले एंग्री यंगमैन सुनील दत्त. उस दौर में जितनी चर्चा नरगिस की एक्टिंग की होती थी उससे कहीं ज्यादा चर्चा उनकी Love Life को लेकर भी होती थी.
फातिमा रशीद से बनीं नरगिस

नरगिस का जन्म एक जून 1929 को कलकत्ता में हुआ था. नरगिस का असली नाम फातिमा रशीद था. उनकी मां जद्दनबाई एक मुस्लिम थीं और वो एक Famous Classical Singer थीं. जबकि उनके पिता Mohan Babu एक पैसे वाले हिंदू ब्राहमण परिवार से ताल्लुक रखते थे. मोहन के परिवार को उनका एक मुसलमान लड़की से शादी करना गंवारा ना था इसलिए उन्हे जायदाद से बेदखल कर दिया गया. इसके बाद नरगिस के माता पिता कलकत्ता से Bombay आ गए. यहां उनकी मां जद्दनबाई की ठुमरी को खूब सराहा गया और वो देश की पहली महिला म्यूज़िक डायरेक्टर बनीं. और इसी के साथ नरगिस भी छोटी सी उम्र में ही Film Industry से जुड़ गईं. 6 साल की उम्र में उन्होने बतौर Child Artist ‘तलाश-ए-हक’ नाम की एक फिल्म में काम किया था. साल 1943 में उन्हे फिल्म डायरेक्टर Mehboob Khan ने अपनी फिल्म ‘तकदीर’ में लीड एक्ट्रेस के तौर पर कास्ट किया जिसके बाद नरगिस ने कभी मुड़कर नहीं देखा.
नरगिस की पहली Love Story
ये लव स्टोरी थी शोमैन राज कपूर और नरगिस की… बताया जाता है कि पहली मुलाकात में ही 16 चाल की चुलबुली नरगिस को देख कर शादीशुदा होते हुए भी राज कपूर अपना दिल हार बैठे थे. और उन्होने 1948 में अपने प्रोडक्शन में बनी पहली फिल्म ‘आग’ में उन्हे कास्ट कर लिया. राज कपूर तो नरगिस को पसंद करते थे ही, अब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई तो नरगिस भी उन्हे चाहने लगी थीं. अगले ही साल इस जोड़ी की दूसरी फिल्म ‘बरसात’ आई जो ज़बरदस्त हिट रही… फिल्म का Title Track – बरसात में हमसे मिले तुम सजन – भी काफी पॉपुलर हुआ. इस फिल्म के साथ ही दोनों की रील और रियल लाइफ पर गॉसिप्स होने लगीं.
मां के निधन के बाद राज ने संभाला

कहते हैं उसी साल नरगिस की मां जद्दनबाई की मौत हो जाने से वो काफी टूट सी गई थीं. तब कपूर साहब ने उन्हे संभाला और काफी इमोश्नल सपोर्ट भी किया था. इसके बाद तो नरगिस राज साहब के प्यार में ऐसी गिरफ्तार हुईं कि उससे निकलना नामुमकिन हो गया. राज कपूर पहले से शादीशुदा थे और दो बच्चों के पिता था. इसीलिए जीते जी नरगिस की मां ने और उनकी मौत के बाद में नरगिस के बड़े भाई अख्तर हुसैन ने भी इस रिश्ते का विरोध किया. लेकिन नरगिस कहां किसी की सुनने वाली थीं… भाई की रोक टोक से बचने के लिए नरगिस ने उनका घर छोड़ दिया और अलग रहने लगीं.
राज के लिए बेचे सोने के कंगन
नरगिस पूरे 9 साल तक Raj Kapoor के प्यार की डोर में बंधी रहीं. हिट जोड़ी ने एक साथ कुल 16 फिल्मों में साथ काम किया. यहां तक की RK Studio का लोगो भी आज तक राज और नरगिस के प्यार की निशानी है, जो उनकी फिल्म बरसात के एक सुपरहिट सीन से लिया गया था. बताया जाता है कि नरगिस ने हर तरह से राज कपूर का सपोर्ट किया. एक रिपोर्ट की मानें तो जब राज कपूर बड़े नुकसान से गुज़र रहे थे और उन्हे RK Studio बेचना पड़ रहा था, तब भी नरगिस ने उनका साथ दिया और स्टूडियो को बचाया. नरगिस ने उस वक्त अपने सोने के कंगन बेच कर और दूसरे बैनर की फिल्मों में काम किया और राज को आर्थिक संकट से उबारने में मदद की थी. इसके बाद से राज कपूर कहते थे कि “मेरी बीवी मेरे बच्चों की मां है, लेकिन मेरी फिल्मों की मां नरगिस है”. इसके बाद एक वक्त ऐसा भी आया था जब नरगिस ने ये फैसला लिया कि वो सिर्फ RK Banners की फिल्में ही करेंगी. उनके इस फैसले से उनके भाई के साथ-साथ कई बड़े निर्माता निर्देशन नाराज़ हो गए थे. लेकिन प्यार के रंग में डूबी नरगिस को उस वक्त किसकी परवाह थी.
सुखी गृहस्थी के लिए तरसीं Nargis

वक्त आगे बढ़ा… नरगिस राज कपूर से शादी करना चाहती थीं लेकिन राज कपूर की ऐसी कोई मंशा नहीं थी. चार बच्चों के पिता राज कपूर नरगिस को सालों तक शादी का दिलासा ही देते रहे. वो ना तो अपनी पत्नी कृष्णा को तलाक देना चाहते थे और न ही नरगिस को छोड़ना चाहते थे. यहां तक कि दोनों के रिश्ते में रहने के दौरान ही राज और कृष्णा के दो बच्चे और हो चुके थे और दूसरी तरफ नरगिस एक सुखी गृहस्थी के लिए तरस रही थीं. ऐसे में नरगिस को ये समझ आ गया था कि राज उनसे शादी नहीं करने वाले. अब नरगिस को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी थी.
Morarji Desai से पड़ी डांट
कहते हैं इस समस्या का हल निकालने के लिए नरगिस उस वक्त बॉम्बे के CM Morarji Desai के पास पहुंची थीं. देसाई उस वक्त Hindu Marriage Act पर काम कर रहे थे. नरगिस ने Cm Desai से पूछा कि क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे पहले से शादीशुदा इंसान दोबारा से शादी कर सके. ये बात सुनते ही देसाई ने उन्हे डांटा और कहा ऐसा सोचना भी गलत है. सीएम से मुलाकात के बाद भी नरगिस की समस्या का कोई हल नहीं निकला… उधर RK Banner में लगातार उनका काम घटता जा रहा था.
‘जागते रहो’ के बाद रिश्ता खत्म
साल 1955 में आई फिल्म Shri 420 काफी हिट रही… लेकिन फिल्म में अपने छोटे से किरदार से नरगिस खुश नहीं थीं. उन्हे लगने लगा था कि अब इस रिश्ते में कुछ नहीं बचा है और उनके करीबी भी ठीक कह रहे हैं. ऐसे में नरगिस अपने बड़े भाई अख्तर हुसैन के पास पहुंचीं और काम दिलवाने के लिए बोलीं. इसके बाद नरगिस ने वो किया जो उनका मन चाहता था… उन्होने दूसरे बैनर्स की कुछ फिल्में साइन कीं और Raj Kapoor से पूछा तक नहीं. नरगिस के इस फैसले से राज को बड़ा झटका लगा. उन्होने इस बारे में नरगिस से बात भी की, लेकिन नतीजा कुछ न निकला. मानो वो अब उस रिश्ते से आगे बढ़ने का मन बना चुकी थीं. आखिरकार 1956 में आई फिल्म जागते रहो इस सुपरहिट जोड़ी की आखिरी फिल्म थी. इसके बाद दोनों ने कभी साथ काम नहीं किया साथ ही उन्होने राज कपूर और RK Studio से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लिए.
‘मदर इंडिया’ ने किए सपने पूरे

महबूब खान की फिल्म ‘मदर इंडिया’ नरगिस की ज़िंदगी में नए रंग लेकर आई. इस फिल्म ने नरगिस की जिंदगी का हर वो सपना पूरा किया जो वो बरसों से देखती आई थीं. फिल्म के बाद न सिर्फ नरगिस की ख्याति में चार चांद लगे बल्कि वो हमसफर भी मिल गया जिसकी उन्हे बरसों से तलाश थी. इस फिल्म में 28 साल की नरगिस ने अपनी ही उम्र के Sunil Dutt और Rajendra Kumar की मां का किरदार निभाया था.
दूसरी Love Story की शुरुआत
Nargis तब तक एक चमकता सितारा बन चुकी थीं लेकिन Sunil Dutt तब सिर्फ स्ट्रग्लर ही थे. लेकिन दोनों की प्रेम कहानी किसी फिल्मी सीन की तरह शुरू हुई थी… हुआ ये कि फिल्म में सेट पर भयानक आग का सीन फिल्माया जाना था. इसके लिए तमाम सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए थे. लेकिन ऐन वक्त पर हवा का रुख बदला और नरगिस चारों चरफ से आग की लपटों में घिर गईं. आग इतनी तेज़ी से फैल चुकी थी कि ना तो नरगिस को आग से निकलने का मौका मिला और ना ही कोई उन्हे आग से बचाने की हिम्मत कर पाया. तभी एक Action Hero की तरह बिना अपनी जान की परवाह किए सुनील दत्त आग में कूद पड़े और नरगिस को बचा लाए. इस हादसे में दत्त साहब बुरी तरह घायल हो गए थे. लेकिन अपने इस जाबांज़ कारनामे से उन्होने नरगिस के दिल में अपने लिए जगह बना ली थी.
Car में किया शादी के लिए प्रपोज़

सुनील दत्त तो पहले से ही नरगिस के दीवाने थे, अब नरगिस भी उन्हे चाहने लगी थीं. वो दोनों एक दूसरे को बिल्कुल Perfect Life Partner की तरह देख रहे थे. लिहाज़ा एक दिन नरगिस को घर छोड़ने आए दत्त साहब ने अपनी Fiat Car में उन्हे शादी के लिए प्रपोज़ कर दिया और नरगिस ने भी हां कर दी. बस फिर क्या था… दोनों ने 11 मार्च 1958 को गुपचुप तरीके से शादी कर ली. प्रेमी जोड़े ने एक साल बाद ऑफिशियली अपनी शादी के बारे में दुनिया को बताया. क्योंकि तब Mother India को रिलीज़ हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ था. Public के बीच दोनों की मां-बेटे वाली इमेज थी. दोनों की शादी की खबर से फिल्म को नुकसान हो सकता था इसलिए उन्होने अपनी शादी को एक साल तक गुप्त रखा.
शादी की खबर से टूटे Raj
जब इस शादी की खबर कपूर साहब तक पहुंची तो उन्हे यकीन ही नहीं हुआ. बताया जाता है कि नरगिस की शादी की खबर सुनते ही राज कपूर ने खुद को सिगरेट की बटों से जलाना शुरू कर दिया था. उन्हे ऐसा लगता था कहीं ये कोई सपना तो नहीं. जानकारों की मानें तो नरगिस की शादी के बाद Raj Kapoor ने खुद को सिगरेट और शराब की लत लगा ली थी. भले ही राज नरगिस को ना भुला पाए हों लेकिन नरगिस अब अपनी नई जिंदगी में बेहद खुश थीं. वो इतनी खुश वो पहले कभी न थीं. बताया जाता है कि शादी के वक्त नरगिस अपने करियर के पीक पर थीं, फिर भी उन्होने खुशहाल घर गृहस्थी के लिए फिल्में करना छोड़ दिया. क्योंकि वो अपना सारा समय अपने पति और बच्चों को देना चाहती थी.
51 की उम्र में दुनिया को छोड़ा

पति और बच्चों की सेवा में नरगिस ने खुद को पूरी तरह भुला दिया था. लेकिन तकदीर का खेल तो देखिए अचनाक वक्त ने ऐसी पल्टी मारी कि हंसते खेलते खुशहाल दत्त परिवार को मानो किसी की नज़र ही लग गई थी. नरगिस Cancer का शिकार हो चुकी थीं. ये खबर दत्त परिवार के ऊपर पहाड़ बनकर टूटी. दत्त साहब नरगिस को इलाज के लिए New York ले गए. एक समय ऐसा भी आया जब नरगिस कोमा में चली गई थीं, लेकिन डॉक्टरों की कड़ी मेहनत और Sunil Dutt की दुआओं से वो 4 महीने बाद Coma से बाहर आईं और भारत वापस आने की ज़िद करने लगीं. क्योंकि उस वक्त उनके बेटे Sanjay Dutt की पहली फिल्म रिलीज़ होने वाली थी और नरगिस अपने लाडले को बड़े पर्दे पर देखना चाहती थीं. लेकिन भारत लौटने के बाद एक बार फिर नरगिस की हालत बिगड़ी और उन्हे तुरंत Breach Candy Hospital अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इस बार नरगिस को बचाया न जा सका. 3 मई 1981 को महज़ 51 साल की उम्र में नरगिस ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
बेटे की पहली फिल्म नहीं दे पाईं Nargis

बताया जाता है कि नरगिस की मौत ने दत्त साहब तो तोड़ कर रख दिया था… वो रातों को सोते तक नहीं थे. कई बार तो उठ कर उसी कब्रिस्तान में चले जाते थे जहां नरगिस को दफ्नाया गया था. और वहां बैठ कर घंटों तक रोते थे… हालांकि गम के सागर में डूबे सुनील दत्त ने उनकी आखिरी इच्छा का मान रखा और बेटे की फिल्म रॉकी की रिलीज़ डेट नहीं टाली… Nargis की मौत के ठीक 4 दिन बात यानि 7 May को संजय दत्त की Film Rocky रिलीज़ हुई. फिल्म के प्रीमियर के दौरान पूरी Film Indusry ने दत्त परिवार का हौंसला बढ़ाया और फिल्म को सराहा. भारी भीड़ के बावजूद सुनील दत्त और संजय दत्त के बीच एक सीट खाली रखी गई थी…
नरगिस की याद में बनाया अस्पताल

वो सीट Nargis के लिए थी. नरगिस की मौत के एक साल बाद Sunil Dutt ने उनकी याद में Nargis Dutt Memorial Cancer Hospital की स्थापना की. इसके बाद साल 1993 में फिल्म अभिनेत्री नरगिस के सम्मान में भारतीय डाक ने नरगिस की तस्वीर वाली एक रुपये की डाक टिकट भी जारी किए. आज भले ही नरगिस हमारे बीच मौजूद न हों लेकिन उनके करिशमाई व्यक्तित्व और शानदार अभिनय को आज भी याद किया जाता है. नरगिस दत्त की जिंदगी बहुत बड़ी नहीं रही लेकिन फिर भी उन्होने अपने काम से हिंदी सिनेमा जगत और समाज में ऐसी जगह बनाई कि अमर हो गईं…
Golden Era With Raj Kapoor. किस हीरोइन के प्यार में पागल थे Show Man Raj Kapoor?
