
GoatRescue
Goat Rescue: बागपत में जानवरों को लेकर ऐसा प्रेम, आप भी सोचने पर हो जाएंगे मजबूर
बागपत, उत्तर प्रदेश।संवाददाता-राहुल चौहान
Goat Rescue-कभी सोचा है, उस बकरे की आंखों में क्या होता है, जो मंडी से बिकने के बाद कुर्बानी की ओर बढ़ रहा होता है? नहीं ना? लेकिन बागपत की एक संस्था ने सोचा… और इतना सोचा कि उसकी जान बचाने के लिए अपनी जेब, वक्त और ज़िंदगी तक खोल दी।
इसी सोच का नाम है — Goat Rescue।
💔 जहां लोग खंजर तेज़ कर रहे थे, वहीं कोई ‘ममता’ के गीत गा रहा था…
जब देशभर में बकरों की मंडियां सजती हैं और सौदे तय होते हैं, उस वक्त बागपत की ये संस्था दोहरी कीमत देकर बकरा खरीदती नहीं, बल्कि बचाती है।
दिनेश जैन, इस मुहिम के सबसे भावुक सिपाही, कहते हैं —
“हम कोई कारोबार नहीं कर रहे, ये तो हमारी आत्मा की आवाज़ है। बकरा हमारे लिए जानवर नहीं, एक बच्चा है… जिसकी जान हमारे रहते नहीं जा सकती।”
Goat Rescue: जहां बकरे ‘मौत’ से नहीं, ‘ममता’ से टकराते हैं
इस संस्था ने एक अनोखा ठिकाना बनाया है — ‘बकराशाला’, एक ऐसा घर जहां मौत से बचे हर बकरे को प्यार, खाना और सम्मान मिलता है।
न कोई रस्सी, न कोई डर, न कोई वध…
यहां हर बकरा खुले में घूमता है, बच्चों जैसा खेलता है, और सबसे ज़्यादा — जिंदा होता है।Goat Rescue के मैनेजर बताते हैं —
“हर बकरा हमारे लिए नाम से नहीं, चेहरे से जाना जाता है। हमें पता है कौन शरारती है, कौन शांत है और कौन किसे पसंद करता है।”
2000+ बकरों की बची जान — वो जिनकी मौत तय थी…
अब तक इस संस्था ने 2000 से ज़्यादा बकरों की जान बचाई है।
बकरों को देश के कोने-कोने से खरीद कर लाया गया, ताकि उनकी कुर्बानी न हो। ये काम आसान नहीं था, लेकिन ज़रूरी था।क्योंकि कभी-कभी, एक जान बचाना पूरी इंसानियत को जिंदा करने जैसा होता है।
देखभाल से लेकर इलाज तक, हर बकरे को दी जाती है खास तवज्जो
➡ GoatRescue का मानवीय प्रयास, जहां जानवरों को मिलता है सम्मानसोशल मीडिया पर #GoatRescue और #Bakraashala की तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं।
भीड़ में चुपचाप खड़े बकरे, अब कैमरे की फ्लैश में मुस्कराते नज़र आते हैं।
Twitter, Instagram और YouTube पर लोग इन्हें ‘The Luckiest Goats’ कहकर पहचानने लगे हैं।यह मंडी नहीं, यह ममता की जगह है
➡ GoatRescue का बकराशाला: तस्वीरों में दिखती है करुणा की कहानीयह संस्था किसी धर्म का विरोध नहीं करती, सिर्फ हिंसा के बिना श्रद्धा की बात करती है।
“अगर भगवान को खुश करने के लिए जान लेनी पड़े… तो वो कैसा भगवान?” — संस्था के एक सदस्य की मासूम टिप्पणी सोशल मीडिया पर चर्चा में है।
बकरों के लिए देशभर से पहुंच रहे हैं फरिश्ते
➡ GoatRescue बन रहा है राष्ट्रीय अभियान, हर कोने से हो रही मदददिल्ली, जयपुर, भोपाल जैसे शहरों में भी अब GoatRescue जैसी कोशिशे शुरू हो रही हैं।
बकराशाला अब केवल आश्रय नहीं, आशा का नाम है।
एक ऐसे समाज की, जो कमजोरों की जान लेने के बजाय, उन्हें जीने देता है।एक कदम करुणा का, जो बदल दे जीवों की किस्मत
➡ GoatRescue ने साबित किया—ईद का मतलब सिर्फ कुर्बानी नहीं, दया भी हैGoatRescue सिर्फ बकरों को नहीं बचा रहा — यह इंसान के भीतर के इंसान को बचा रहा है।
जब आप अगली बार किसी मंडी में खड़े बकरे की आंखों में झांके… तो बस एक सवाल खुद से पूछिएगा —“क्या इसका भी जीने का हक नहीं है?”