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Goa Temple Stampede: गोवा में मौत की भगदड़… जलते अंगारों के बीच ये क्या हो गया?

7 लोगों की मौत.. 50 से ज्यादा घायल, PM Modi ने जताया दुख..पढ़ें पूरी खबर

Goa temple Stampede: गोवा में आस्था का मेला.. दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गया। गोवा के शिरगांव में श्री लैराई यात्रा के दौरान अचानक मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हादसे पर पीएम मोदी ने गहरा दुख जताया है और गोवा के सीएम प्रमोद सावंत से फोन पर बात कर घटना की पूरी जानकारी ली है।

घटना के बाद गोवा के सीएम प्रमोद सावंत एक्शन में हैं। हालात का जायजा लेने के लिए उन्होंने उत्तरी गोवा जिला अस्पताल का दौरा किया। घायलों से मुलाकात की। सभी घायलों को इलाज के लिए मापुसा के उत्तरी गोवा ज़िला अस्पताल और गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक घटना शिरगाओ गांव में लैराई देवी मंदिर में 3 मई को तड़के घटी। गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक से हजारों भक्त लैराई मां के उत्सव के लिए मंदिर में एकजुट हुए थे।

गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने हालात से निपटने के लिए तत्काल कई कदम उठाए हैं। घायलों के उचित इलाज और हर संभव मदद के निर्देश दिए गए हैं।

क्या है श्री लैराई यात्रा?

गोवा के शिरगाओ के प्रसिद्ध श्री लैराई देवी मंदिर में हर साल श्री लैराई जात्रा उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव के लिए राज्य भर से और उसके बाहर से भक्त देवी लैराई की पूजा करने के लिए आते हैं। लैराई देवी को मां पार्वती का रूप माना जाता है। उत्सव के दौरान विशाल पारंपरिक ढोंडाची जात्रा (यात्रा) निकाली जाती है। इस दौरान हजारों भक्त नंगे पैर जलते अंगारों पर चलते हैं।

आखिर कैसे मची भगदड़?

शिरगाओ के प्रसिद्ध श्री लैराई देवी मंदिर में अचानक भगदड़ क्यों मची…इसके पीछे की असल वजह क्या है…ये पता लगाने के लिए सावंत सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। बताया जा रहा है कि लैराई देवी जात्रा में करीब 40 से 50 हजार भक्त शामिल हुए थे। मंदिर परिसर में इतनी ज्यादा भीड़ इकट्ठी हो जाएगी…इसका अंदाजा किसी को भी नहीं था। काफी समय तक भीड़ को संभालने की कोशिश की गई…लेकिन लोगों का हुजूम नहीं खत्म हुआ। देखते ही देखती अफरा-तफरी की स्थिति बन गई और बाद में यही भीड़ भगदड़ में बदल गई। लोग एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते जान बचाकर भागने लगे। मीडिया रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के मुताबिक भीड़ के एक हिस्से के नियंत्रण खो देने के बाद स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई। सरकार की ओर से अनुष्ठान के लिए करीब एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। गतिविधियों पर हवाई निगरानी के लिए ड्रोन भी लगाए गए थे। बावजूद इसके भगदड़ मच गई।