Ghazipur News: गाज़ीपुर में ये क्या हो रहा है ?
Ghazipur News Update
Ghazipur News: एआरटीओ कार्यालय, गाज़ीपुर एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार मामला ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े एक बड़े घोटाले का है. तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल, जिसे लाइसेंस टेस्ट की जिम्मेदारी दी गई थी, पत्रकार प्रदीप दुबे का दावा है कि स्थानीय लोगों ने तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल अब ‘लाइसेंस माफिया’ का केंद्र बन चुका है. आरोप है कि, ये स्कूल बिना टेस्ट के मोटी रकम लेकर ड्राइविंग लाइसेंस बांट रहा है, जिससे आम जनता, खासकर बेरोजगार युवाओं और मजदूरों, का शोषण हो रहा है.
क्या है घोटाला?
तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल को एआरटीओ की निगरानी में ड्राइविंग टेस्ट कराने का अधिकार है. नियमानुसार, हर अभ्यर्थी को तय मानकों पर टेस्ट पास करना अनिवार्य है. आरोप है कि हाल के महीनों में, जब जिले में एआरटीओ और आरआई के पद खाली थे, तब भी इस स्कूल ने सैकड़ों लोगों को बिना टेस्ट के पास दिखाकर लाइसेंस जारी कर दिए. सामान्यतः स्कूल महीने में 20-25 अभ्यर्थियों को पास करता था, लेकिन अधिकारियों के तबादले और पद रिक्त होने के बाद ये संख्या अचानक सैकड़ों में पहुंच गई. सवाल उठता है कि बिना निगरानी के इन टेस्टों को किसने पास किया? दस्तावेजों की जांच और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे अनिवार्य नियमों का पालन हुआ या नहीं?
मोटी रकम की वसूली
आरोप है कि तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल लाइसेंस के लिए ₹3000 से ₹6000 तक की रकम वसूल रहा है. गरीब युवा, मजदूर और छात्र, जो इस राशि का भुगतान नहीं कर सकते, लाइसेंस से वंचित रह जा रहे हैं. दलाल और कुछ दुकानदार भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं, जो लाइसेंस दिलवाने के नाम पर लोगों को एआरटीओ कार्यालय के चक्कर कटवा रहे हैं. कई अभ्यर्थी महीनों से इंतजार में हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही.
नए एआरटीओ का आश्वासन
नवनियुक्त एआरटीओ धनवीर यादव ने इस घोटाले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “अगर टेस्ट प्रक्रिया या आर्थिक लेन-देन में कोई गड़बड़ी पाई गई, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.” उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है.
सवालों के घेरे में व्यवस्था
ये घोटाला कई गंभीर सवाल खड़े करता है. जब जिले में न एआरटीओ था और न आरआई, तब टेस्ट की निगरानी किसने की? बिना जांच और टेस्ट के लाइसेंस कैसे अप्रूव हुए? क्या ये भ्रष्टाचार का सुनियोजित खेल है? तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल अब सिर्फ एक प्रशिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि लाइसेंस माफिया का अड्डा बन गया है ?
क्या है समाधान ?
ये घोटाला न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आम जनता के साथ धोखा भी है. शासन को तत्काल हस्तक्षेप कर निष्पक्ष जांच करानी चाहिए. दोषियों पर कठोर कार्रवाई के साथ ही ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जो भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोके. जनता की मेहनत की कमाई का शोषण करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.
पारदर्शी व्यवस्था की सख्त दरकार
गाज़ीपुर का ये कथित लाइसेंस घोटाला सिस्टम की खामियों को उजागर करता है. तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल जैसे संस्थानों पर अंकुश लगाकर और पारदर्शी व्यवस्था लागू करके ही जनता का भरोसा बहाल किया जा सकता है. शासन और प्रशासन को मिलकर इस माफिया राज को खत्म करना होगा, ताकि आम आदमी को उसका हक बिना रिश्वत के मिल सके.
