Ganga Expressway Pothole ने दो मासूम बच्चों की जान ले ली

“Ganga Expressway Pothole: स्कूल से लौटते दो मासूमों की जिंदगी लील गया मौत का गड्ढा”

स्कूल से लौटते मासूम भाई और मौत का Ganga Expressway Pothole

संभल जिले में दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। Ganga Expressway Pothole में भरे बारिश के पानी ने दो मासूम जिंदगियों को निगल लिया। स्कूल से पढ़कर घर लौट रहे तहेरे-चचेरे भाई निशांत और प्रिंस कभी घर नहीं लौट सके। उनकी किताबें तो बच गईं, पर वो खुद गहरे गड्ढे में पानी के नीचे कहीं खो गए।

गांव ततारपुर संदल के लोग बताते हैं कि दोपहर में स्कूल की छुट्टी के बाद दोनों भाई घर आने के बाद खेलने के लिए बाहर गए। तभी निर्माणाधीन Ganga Expressway Pothole के पास जमा बारिश का पानी उन्हें तालाब जैसा लगा। मासूमों ने सोचा चलो थोड़ा नहा लें। किसे पता था कि यही पानी उनकी मौत का तालाब बन जाएगा।

बहन की चीखों से टूटा सन्नाटा, Ganga Expressway Pothole बना काल

जैसे ही निशांत और प्रिंस गहरे पानी में उतरे, कीचड़ भरी मिट्टी में पैर फंसते चले गए। एक दूसरे का हाथ पकड़कर बाहर निकलने की कोशिश भी नाकाम रही।स्कूल से पढ़कर आ रही निशांत की बहन प्राची ने देखा कि दोनों भाई पानी में डूबते चले गए तो वो चीखती हुई घर दौड़ी।

परिवार के लोग जब तक भागकर Ganga Expressway Pothole के पास पहुंचे, तब तक दोनों मासूम दम तोड़ चुके थे। गांववालों ने गड्ढे से बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। संभल के निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया। अब गांव की गलियां सूनसान हैं और हर आंख नम है।

कागजों में सुरक्षित, जमीन पर मौत: कब भरे जाएंगे Ganga Expressway Pothole?

ये हादसा सिर्फ एक परिवार का दुख नहीं है, बल्कि विकास के नाम पर बनते Ganga Expressway Pothole की सच्चाई भी बयां करता है। सरकारी कागजों में सड़कें चौड़ी हो रही हैं, पुल बन रहे हैं, लेकिन गहरे गड्ढे मासूम जिंदगियां निगल रहे हैं।

स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई हो और जल्द से जल्द इन जानलेवा गड्ढों को भरा जाए। निशांत और प्रिंस अब कभी स्कूल नहीं जाएंगे, लेकिन उनकी मौत एक बड़ा सवाल छोड़ गई — क्या हमारी सड़कें इतनी सुरक्षित हैं कि कोई और बच्चा Ganga Expressway Pothole का शिकार न बने?

नगर निगम और प्रशासन कब जागेगा? 

गांव वाले कहते हैं कि अगर नगर निगम और प्रशासन ने समय रहते Ganga Expressway Pothole को ठीक कराया होता तो आज निशांत और प्रिंस जिंदा होते। अफसर फाइलों में पेपरवर्क कर रहे हैं, मगर जमीन पर गहरे गड्ढे मासूमों की कब्र बनते जा रहे हैं। सवाल यही है कि आखिर कौन जिम्मेदार है इस हादसे का? गड्ढे में भरे बारिश के पानी से कोई बच्चा फिर न डूबे — इसके लिए क्या प्रशासन अब भी इंतजार करेगा या कोई ठोस कदम उठाएगा?

 Written by khabarilal.digital Desk

🎤 संवाददाता: रामपाल सिंह
📍 लोकेशन: संभल, यूपी

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