Ration Dealer Scam in Firozabad
Firozabad Ration Scam
फिरोजाबाद के मौढ़ा कनैटा गांव में Ration Dealer Scam का एक नया मॉडल सामने आया है, जहां उपभोक्ताओं से अंगूठा लगवाकर पर्ची तो दे दी जाती है, लेकिन राशन देने की जगह धमकी दी जाती है। बीते छह महीने से ग्रामीण भूखे पेट, फटी पर्चियों के सहारे सिस्टम को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अफसर अब भी “जांच करेंगे” के ढोल पर थिरक रहे हैं।
✍️ Written by: Khabrilal.Digital Desk
📌 अंगूठा लगाओ, पर्ची फाड़वाओ, फिर भूल जाओ: फिरोजाबाद में राशन का नया ‘कुपोषण मॉडल’
फिरोजाबाद के मौढ़ा कनैटा गांव में अब राशन नहीं, ‘आश्वासन योजना’ चल रही है। यहां के राशन डीलर लोकेश ने इनोवेशन की सारी सीमाएं पार करते हुए ऐसा सिस्टम खड़ा कर दिया है जिसमें भूखे पेट अंगूठा लगाओ, पर्ची लो और फिर उसे फाड़कर हवा में उड़ा दो! और हां, राशन मांगने की ज़ुर्रत न करना वरना धमकी का मुफ्त बोनस मिलेगा।
📌 पर्ची तो मिलेगी… लेकिन पेट भरने को नहीं, जलाने को! Firozabad Ration Scam
डीलर साहब की योजना साफ है—हर गरीब को टेक्नोलॉजी से जोड़ो, अंगूठा लगवाओ, और फिर फटी पर्ची पकड़ा दो ताकि शाम को चूल्हा न जले तो कम से कम पर्ची जलाकर ‘रोशनी’ तो की जा सके। विमला देवी से लेकर गीता देवी तक की कहानी एक सी है—पर्ची जमा है, राशन गायब है। गांव में गरीबों के पास अब पर्चियों का संग्रहालय है, लेकिन थाली में खालीपन का रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ पाया।
📌 धमकी देना डीलर का जन्मसिद्ध अधिकार! Firozabad Ration Scam
ग्रामीणों के मुताबिक, राशन मांगने जाओ तो लोकेश डीलर साहब महाभारत मोड पर आ जाते हैं। अंगूठा लगवाने के बाद कहते हैं – “एक दिन बाद आना”, फिर एक दिन बाद कहते हैं – “तेरा नंबर नहीं है”, फिर अगली बार धमकाकर भगा देते हैं। अब गरीब आदमी राशन की थैली नहीं, साहस की थैली लेकर जाना सीख रहा है।
📌 गांव में विरोध, पर सिस्टम कान में रूई डालकर बैठा है!
गांव वालों ने जब एकजुट होकर पंचायत भवन में प्रदर्शन किया, तब कहीं जाकर ARO साहब की नींद टूटी। बोले, “शिकायत आई है, जांच होगी।” अब जांच का मतलब आप जानते हैं—”फाइल चलेगी, चाय चलेगी, पर गरीब की थाली फिर भी खाली ही रहेगी।”
📌 सिस्टम की आंखों में पट्टी, मगर डीलर की जेब में मोटी पर्ची! Firozabad Ration Scam
फिरोजाबाद का ये मामला एक बार फिर सवाल खड़ा करता है—क्या डीलर गरीबों का निवाला खा रहा है या शासन आंखें मूंदकर उसे खिला रहा है? जनता शिकायतें कर-करके थक गई, लेकिन शासन अब भी ‘कृपया प्रतीक्षा करें’ मोड में बैठा है। ARO कह रहे हैं—“दोषी पाया गया तो कार्रवाई होगी”। यानी भविष्य में कभी शायद कुछ हो जाए… या न भी हो।
गरीब जनता भूख से जूझ रही है, अंगूठे से पहचान दे रही है, सिस्टम को बता रही है कि ज़िंदा हैं… लेकिन राशन डीलर के लिए वो सिर्फ डेटा इंट्री हैं। और सरकार? वो अब भी राशन नहीं, आश्वासन बांटने में लगी है।
