
Police Encounter

संवाददाता-मुकेश कुमार बघेल
पुलिस बोली – तमंचा निकालोगे तो गोली मिलेगी, शीटू बोला – ओ भाई गोली लग गई!
फिरोजाबाद की सुबह उस वक्त एक्शन मोड में आ गई जब सिरसागंज पुलिस ने पैंगू रोड पर Police Encounter में ₹15 हजार के इनामी बदमाश शीटू यादव को सीधा लंगड़ा बना दिया।
पुलिस को मुखबिर ने खबर दी थी – “सर, आज शीटू बाइक पर निकलेगा, माल समेत।”
पुलिस भी फिल्मी मूड में थी — बोली, “चलो बच्चा, आज स्क्रिप्ट हमारी होगी।”
जैसे ही दो सस्पेक्ट बाइक पर दिखे, पुलिस ने रोका। लेकिन हमारे हीरो (मतलब विलेन) तो बिना हेलमेट भागने लगे। बाइक फिसली, तमंचा निकला और फिर वही हुआ जो यूपी पुलिस वाले बैकग्राउंड म्यूज़िक में कहते हैं — “ठांय ठांय ठांय!”
पुलिस की गोली सीधी शीटू के पैर में लगी। साथी विकास को पुलिस ने ऐसे दबोचा जैसे चुनाव से पहले नेता अपनी जाति को।
जब तलाशी हुई तो मिला — 2 तमंचे, 2 जिंदा कारतूस, 2 खोखा, ₹1100 कैश और एक बाइक जो शायद EMI पर थी।
शीटू अब अस्पताल में बिस्तर तोड़ रहा है और विकास जेल की रोटियां बेल रहा है।
थाना प्रभारी वैभव कुमार सिंह बोले – “हमें मुठभेड़ की स्क्रिप्ट नहीं लिखनी पड़ती, बदमाश खुद आकर किरदार बन जाते हैं।”
Firozabad Police Encounter: आंकड़ों की गोलियों में लिपटा बदमाशों का काल
उत्तर प्रदेश की पुलिस अब सिर्फ वर्दी नहीं पहनती, क्राइम थ्रिलर की स्क्रिप्ट भी खुद ही लिखती है — और वो भी “ठांय-ठांय” के साउंड इफेक्ट के साथ। ज़रा गौर फरमाइए, 2017 से 2024 तक यूपी में जो हुआ, वो किसी Singham या Simmba से कम नहीं —
🔥 2017 से सितंबर 2024 तक पुलिस मुठभेड़ का रियल डाटा:
👉 कुल मुठभेड़: 12,964
👉 मारे गए अपराधी: 207
👉 गिरफ्तार किए गए अपराधी: 27,117
मतलब: यूपी पुलिस हर महीने एक वेबसीरीज़ का क्लाइमेक्स रच रही है — और इसमें एक्शन भी है, ड्रामा भी, और असली अपराधियों का “Pack-up” भी।
🎯 2025 में अब तक:
👉 1500+ Police Encounters
मतलब: हर दूसरे दिन यूपी में कहीं न कहीं कोई अमित, शीटू या बबलू गोली खाकर या तमंचा छोड़कर पकड़ा जा रहा है। गोली नहीं तो कम से कम बाइक जरूर फिसल रही है।
🎯 इनामी अपराधियों की बात करें तो:
👉 2017 से 2024 के बीच ₹75,000 से ₹5 लाख तक के इनामी पकड़ाए
👉 इनमें 2 तो ऐसे ‘VIP अपराधी’ थे जिन पर ₹5 लाख का इनाम था
👉 फिरोजाबाद में सिर्फ 2024-25 में 10+ इनामी अपराधी मुठभेड़ में पकड़ाए
मतलब: अब फिरोजाबाद की पुलिस सीधे “इनाम वाली लिस्ट” देखकर शिकार खेल रही है। CRIME से इनकम टैक्स जैसा व्यवहार — जहां जितना बड़ा अपराधी, उतनी सख्त रेड!
👮♂️ पुलिस बल का बलिदान भी कम नहीं:
👉 17 पुलिसकर्मी शहीद
👉 1,601 पुलिसकर्मी घायल
यानी: वर्दी सिर्फ शोभा की चीज नहीं, बल्कि खून-पसीने से सनी हुई जिद है।
UP पुलिस की ये लड़ाई सिर्फ रिपोर्ट कार्ड नहीं, शहादत और साहस का इतिहास है।
Firozabad Police Encounter: कैसे बनती है ये स्क्रिप्ट?
मुखबिर तंत्र:
अब मुखबिर सिर्फ फिल्मी किरदार नहीं — Ground Reality का सबसे ज़रूरी चैप्टर हैं।
सिरसागंज में अमित की हर हरकत पर रिपोर्ट कार्ड बन रहा था — और पुलिस ने ठीक वैसा ही पढ़ा, जैसा पेपर में पूछा गया।
तकनीकी निगरानी:
CCTV, ड्रोन और मोबाइल ट्रैकिंग — यानी “बदमाश जहां भी छिपे, कैमरा-ready पुलिस तैयार”।
शीटू को लगा था वो बाइक से भागेगा, पर मोबाइल लोकेशन पहले ही रायता फैला चुकी थी।
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश:
हर Encounter अब कोर्ट की नज़र में भी क्लीन है।
2017 से कोई भी मुठभेड़ जांच में फंसी नहीं — यानी “ठांय-ठांय भी और लीगलली फुल क्लीन”।
सख्त कानूनी कार्रवाई:
अपराधी को पकड़कर सिर्फ जेल नहीं भेजा जा रहा,
उस पर गैंगस्टर एक्ट, NSA, और धारा एक्सप्रेस भी चढ़ाई जा रही है।
Firozabad Police Encounter से मिला क्या सबक?
इस मुठभेड़ ने ये साफ कर दिया कि “अब यूपी में तमंचा नहीं, कानून बोलेगा।”
शीटू और विकास जैसे किरदार अब सिर्फ चार्जशीट में मिलेंगे — रियल लाइफ में नहीं।
तो ध्यान रहे:
अब यूपी में कोई अमित बाइक लेकर निकलेगा और हेलमेट नहीं पहनेगा,
तो पुलिस उसकी बाइक ही नहीं,
पूरी ‘क्रिमिनल कैरियर’ की चेन स्क्रैच कर देगी।
#PoliceEncounter #FirozabadShootout #UPPoliceZindabad #TamchaWaleBhai #SheetuShot #SirsaganjNews #CriminalDrama