
Firozabad News: पार्षद एकता मंच ने दी धरने की चेतावनी
Firozabad News: फिरोज़ाबाद में पार्षद एकता मंच ने नगर निगम से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए हैं. पार्षद एकता मंच के पदाधिकारियों ने इस मामले को लेकर एक ज्ञापन नगर निगम में सौंपा है.
टेंडर प्रक्रिया पर सवाल
पार्षद एकता मंच ने एक सुर में नगर निगम से संबंधित टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पार्षद एकता मंच का आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में केवल दो फर्म ही शामिल होती दिख रही है. सरकारी पैसे का बंदरबांट हो रहा है. पार्षद एकता मंच ने नगर निगम के संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगा दिया है. पार्षद एकता मंच का आरोप है कि टेंडर मैनेज किए जा रहे हैं, ये काम बंद होना चाहिए . पार्षदों का कहना है कि जब तक टेंडर प्रक्रिया को मैनेज करना बंद नहीं किया जाएगा, तब तक इलाके का विकास नहीं हो सकता है.
मेयर के पति पर गंभीर आरोप
पार्षद एकता मंच ने टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए, मेयर कामिनी राठौर को घेर लिया है. पार्षद एकता मंच ने मेयर कामिनी राठौर के पति सुरेंद्र राठौर पर टेंडर मैनेज करने के आरोप लगा दिए हैं.
उग्र आंदोलन की चेतावनी
पार्षद एकता मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो जल्द बड़ा प्रदर्शन होगा. अगर पार्षद एकता मंच की ओर से बताई गई समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरी में उनका विरोध उग्र आंदोलन का रुप ले सकता है, जिसके लिए नगर निगम प्रशासन जिम्मेदार होगा.
बुनियादी सुविधाओं का है अभाव !
पार्षद एकता मंच के पदाधिकारियों और सदस्यों ने नगर निगम में पहुंचकर सामूहिक रुप से एक ज्ञापन भी सौंपा है. इस दौरान आशीष दिवाकर, देवेंद्र कुमार, अलीम, अकरम, ऊषा देवी ,पंकज यादव ,सुभाष यादव ,शारिक सलीम सहित आदि पार्षद मौके पर मौजूद रहे. पार्षदों ने सामूहिक रुप से कहा है कि लोग बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं, विकास कार्य होने चाहिए लेकिन हो नहीं रहे हैं. पार्षदों का कहना है कि जहां लोग पानी के लिए परेशान हैं, वहां समाधान के लिए सबमर्सिबल लगाए जाने चाहिए. जहां पर नाले की ज़रुरत है, वहां नाला बनना चाहिए. लेकिन आश्वासन दिए जाने के सिवाए और कोई काम नहीं हो रहा है.
नगर आयुक्त ने क्या कहा ?
पार्षद एकता मंच के गंभीर आरोपों के बीच नगर आयुक्त ऋषि राज की प्रतिक्रिया सामने आई है. ऋषि राज का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है, कोई टेंडर मैनेज नहीं किया जा रहा है. पार्षदों की जो समस्याएं हैं उनका जल्द समाधान किया जाएगा.