 
                  Firozabad News: सांसद और विधायक की ‘गुमशुदगी’ को लेकर हंगामा, विश्व हिंदू महासंघ ने थाने में दी तहरीर
Firozabad News Update
Firozabad News: फिरोजाबाद जनपद के नगला सिंघी थाना परिसर में उस समय अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब विश्व हिंदू महासंघ के पदाधिकारी सांसद और विधायक की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे। हाथों में ‘गुमशुदा’ लिखे पोस्टर और तस्वीरें लिए कार्यकर्ताओं ने सांसद अक्षय यादव और टूंडला विधायक प्रेमपाल धनगर के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और उन्हें क्षेत्र से गायब जनप्रतिनिधि बताया।
जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर सवाल
विश्व हिंदू महासंघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सांसद और विधायक लंबे समय से अपने क्षेत्र में दिखाई नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब जनता अपनी समस्याएं लेकर उनके पास जाती है, तो न तो वे कार्यालय पर मिलते हैं और न ही आवास पर। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों से संत आश्रम पर बिजली की मांग की जा रही है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर कोई भी जनप्रतिनिधि सामने नहीं आया।
थाने में दी गई गुमशुदगी की तहरीर
दोपहर करीब 12 बजे महासंघ के सदस्य नगला सिंघी थाने पहुंचे और सांसद व विधायक की गुमशुदगी को लेकर तहरीर सौंपने का प्रयास किया। उन्होंने मांग की कि इन जनप्रतिनिधियों की ‘गुमशुदगी’ की एफआईआर दर्ज की जाए ताकि क्षेत्र की उपेक्षा करने वालों को जवाबदेह बनाया जा सके।

स्थानीय समस्याएं भी उठाईं
प्रदर्शन के दौरान पदाधिकारियों और स्थानीय ग्रामीणों ने क्षेत्र की कई ज्वलंत समस्याएं भी उठाईं। ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में अध्यापक शराब पीकर आते हैं, और शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होती। इसके अलावा, एक प्राचीन मंदिर में बिजली की व्यवस्था तक नहीं है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
प्रदर्शन में मौजूद रहे ये लोग
इस अनोखे विरोध प्रदर्शन में सुरजीत सिसौदिया, मनोज धाकरे, पंकज कुमार समेत कई स्थानीय कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के खिलाफ नारेबाजी की और पोस्टर हवा में लहराकर विरोध जताया।
जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की क्षेत्र में अनुपस्थिति और जनता से दूरी अब गंभीर जनाक्रोश का कारण बनती जा रही है। विश्व हिंदू महासंघ द्वारा किया गया यह प्रतीकात्मक विरोध न केवल एक संदेश है, बल्कि शासन और प्रशासन दोनों के लिए एक चेतावनी भी है कि यदि जनता की समस्याओं की अनदेखी की जाती रही, तो विरोध के और भी अनोखे रूप सामने आ सकते हैं।

 
         
         
        