
Conviction-फिरोजाबाद कोर्ट ने हत्या के मामले में सुनाया आजीवन कारावास
Firozabad Court Verdict: ‘Conviction‘ मिशन में मिली बड़ी सफलता, हत्या के आरोपी को उम्रकैद
🎤 संवाददात-मुकेश कुमार बघेल
📍 लोकेशन-फिरोजाबाद
शिकोहाबाद के चर्चित मर्डर केस में कोर्ट का बड़ा फैसला, ऑपरेशन Conviction के तहत आरोपी को उम्रकैद और 10,000 का जुर्माना
“अपराध कितना भी शातिर क्यों न हो, अगर पुलिस और कानून एक सुर में हों, तो Conviction तय है।”
यही साबित कर दिया है फिरोजाबाद कोर्ट ने, जहां शिकोहाबाद के चर्चित मर्डर केस में आरोपी राजेश उर्फ मलुआ को उम्रकैद और ₹10,000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। केस था 2021 में गोपाल डेयरी के पास हुए हत्या का, जो थाना शिकोहाबाद में दर्ज मुकदमा संख्या 324/2021 के तहत दर्ज हुआ था।
यह फैसला केवल न्याय की जीत नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस के Conviction-मिशन की भी एक बड़ी कामयाबी है। SSP सौरभ दीक्षित की मॉनिटरिंग सेल ने इस केस को फुल एक्शन मोड में लेकर अदालत तक दोषी को पहुंचाया, जहां एडीजे-04 कोर्ट ने उसे दोषी करार देकर सख्त सजा सुनाई।
Conviction के मिशन पर कैसे जुटी पुलिस टीम?
पुलिस ने इस केस को ‘ऑपरेशन Conviction’ के तहत टॉप प्रायोरिटी पर लिया।
▶ हत्या के दिन से लेकर कोर्ट के फैसले तक हर कड़ी जोड़ी गई।
▶ मॉनिटरिंग सेल ने साक्ष्य जुटाए, गवाहों को सुरक्षा दी और कोर्ट में प्रस्तुत किया।
▶ अभियोजक अवधेश शर्मा ने हर सुनवाई में मजबूत पैरवी की।
▶ कोर्ट में पुलिस का पक्ष रखा गया हेड कांस्टेबल वेदपाल सिंह द्वारा, जिन्होंने तथ्यों के साथ केस को मजबूती दी।
उत्तर प्रदेश पुलिस के इस Conviction-केंद्रित अभियान का मकसद है अपराधियों को न्यायिक सजा दिलाना और जनता के भीतर कानून का भरोसा मज़बूत करना।
कौन था आरोपी, क्या था मामला?
आरोपी राजेश उर्फ मलुआ, निवासी शिकोहाबाद के गोपाल डेयरी के पास, पर अपने ही क्षेत्र में एक युवक की निर्मम हत्या का आरोप था। केस दर्ज हुआ धारा 302 के तहत, और पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी — न साक्ष्य जुटाने में और न कोर्ट में पेश करने में।
सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और गवाह पर्याप्त और पुख्ता थे, जिससे यह साबित हुआ कि हत्या का दोषी राजेश ही है।
Conviction मॉडल से नतीजे आने लगे हैं!
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा शुरू किए गए Operation Conviction ने फिर एक बार यह साबित कर दिया है कि सख्ती और सटीकता के साथ की गई कार्रवाई से अपराधियों को अदालत तक ले जाकर सजा दिलाई जा सकती है।
➡ SSP सौरभ दीक्षित ने कहा: “यह फैसला हमारी टीम की मेहनत और मिशन Conviction की जीत है।”
उन्होंने अभियोजन अधिकारी, पुलिस मॉनिटरिंग सेल और कोर्ट पैरोकार की भूमिका को सराहा और कहा कि आने वाले समय में ऐसे और भी केसों में तेज़ी से फैसले लाए जाएंगे।
क्या है ऑपरेशन Conviction?
लॉन्च: उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा
उद्देश्य: साक्ष्य आधारित जांच, तेज़ न्याय
तरीका: डिजिटल मॉनिटरिंग, गवाहों की सुरक्षा, अभियोजन का सशक्त समर्थन
नतीजे: कई बड़े मामलों में त्वरित सजा और जनता में कानून के प्रति भरोसा
फिरोजाबाद कोर्ट का यह फैसला सिर्फ एक आरोपी को सजा नहीं, बल्कि पूरी न्याय प्रक्रिया में Conviction की ताकत को दिखाता है। जब पुलिस, अभियोजन और न्यायपालिका मिलकर काम करें, तो न अपराध छिपता है और न ही अपराधी बचता है।
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