Fear of Flood in Sambhal: राजघाट पर खतरे का निशान पार, बाढ़ का खौफ!
Fear of Flood in Sambhal: पहाड़ों की बारिश ने बढ़ाई मुश्किल
गंगा के जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश है। हिमालयी क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण नदी में पानी का बहाव बढ़ गया है। नरौरा बैराज से छोड़ा जा रहा पानी भी मैदानी इलाकों में गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है। संभल के राजघाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे आसपास के खेतों में पानी घुसने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, अभी तक किसी गांव में पानी नहीं घुसा है, लेकिन जलस्तर की तेज वृद्धि चिंता का विषय बनी हुई है।

Fear of Flood in Sambhal:स्थानीय लोग सतर्क, प्रशासन अलर्ट
राजघाट के किनारे बसे लोगों में बेचैनी साफ देखी जा सकती है। स्थानीय निवासी रामपाल सिंह ने बताया कि गंगा का पानी सुबह से ही तेजी से बढ़ रहा है। “हम हर साल गंगा के उफान को देखते हैं, लेकिन इस बार पानी की गति और मात्रा डराने वाली है” – उन्होंने कहा। कई लोग अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी में जुट गए हैं। प्रशासन ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है और बचाव के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। बाढ़ चौकियां और शेल्टर होम तैयार किए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा सके।

Fear of Flood in Sambhal: खेतों को खतरा, गांवों पर मंडराती चिंता
हालांकि अभी तक गंगा का पानी किसी गांव तक नहीं पहुंचा है, लेकिन नदी का तेज बहाव और बढ़ता जलस्तर तटवर्ती खेतों के लिए खतरा बन रहा है। पहले भी ऐसी स्थिति में खेतों में पानी घुसने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय किसान रामकिशोर ने चिंता जताते हुए कहा – “अगर पानी इसी तरह बढ़ता रहा, तो हमारी फसलें डूब जाएंगी। प्रशासन को समय रहते कदम उठाने होंगे।” नदी के किनारे मिट्टी का कटाव भी शुरू हो गया है, जो मकानों और खेतों के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा कर रहा है।

Fear of Flood in Sambhal: प्रशासन की तैयारियां और चुनौतियां
जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। बाढ़ से निपटने के लिए छह बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, और कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय है। नावों और राहत सामग्री की व्यवस्था भी की गई है। गुन्नौर तहसील के एसडीएम वंदना मिश्रा ने कहा – “हम गंगा के जलस्तर पर लगातार नजर रख रहे हैं। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।” हालांकि, अगर जलस्तर में वृद्धि की गति ऐसी ही रही, तो प्रशासन के सामने चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
