
Laapata Beta
फतेहगढ़ की ‘सुस्त’ पुलिस पर लगे गंभीर आरोप, पिता बोले – “गायब कर दिया बेटे को, और पुलिस बेच बैठी इंसाफ”
‘Laapata Beta’ बना इंसाफ का मज़ाक
Laapata Beta, जी हां एक बेटा तो अब तक गायब है ।19 मई को फर्रुखाबाद के याकूतगंज गांव से गायब हुआ एक नौजवान अब तक घर नहीं लौटा। पिता रमेशचन्द्र के लिए हर सुबह अब सवाल बनकर आती है – “मेरा बेटा जिंदा भी है या नहीं?” मगर जवाब? वो तो फतेहगढ़ पुलिस की जेब में शायद कहीं दबा पड़ा है, क्योंकि इस पूरे मामले में पुलिस की ‘नर्मदिली’ से ज्यादा उसकी ‘मिलभगत’ झलकती है।
पुलिस के लिए ‘कागज का लापता’, मां-बाप के लिए ‘कब्र का सन्नाटा’
पिता ने गिड़गिड़ाकर पहले थाना, फिर एसपी के दरवाज़े पर दस्तक दी। 26 मई को गुमशुदगी दर्ज की गई, जब पिता ने हत्या की आशंका जताई थी! पुलिस ने पहले केस दर्ज करने में टालमटोल की, फिर 29 मई को मुकदमा लिखा — वो भी एसपी की फटकार के बाद।
और गिरफ्तारी?
गिरफ्तार किया, लेकिन पिता का आरोप है कि, आरोपियों को ‘अंदर’ रखने के बजाय जेब भरकर ‘बाहर’ कर दिया। पिता का साफ कहना है कि दो आरोपियों को पैसे लेकर छोड़ दिया गया। यानी ग़ायब बेटा, खामोश मां और रोता पिता—सब बस कागज के नाम पर ठंडे कर दिए गए।
पिता ने बताया कि, जखैया महाराज मंदिर से मलिक, सोरिस और खालिज उठा ले गए, उसके बाद से वो लापता हो गया।
वो मंजर जिसने मां की आंखें फाड़ दीं और पुलिस का मुंह सी दिया!
गुरुवार को जब पीड़ित परिजन थाने पहुंचे तो देखा कि वो तीनों आरोपी फिर खुलेआम घूम रहे हैं, जिन पर बेटे को गायब करने का आरोप है! वहां हंगामा मचा, भीड़ जुटी, लेकिन पुलिस बस वही घिसा-पिटा जवाब देती रही – ‘कार्यवाही होगी’।
बाप का कलेजा पूछता है – “क्या मेरा बेटा अब कभी मिलेगा?”
मां की आंखें अब हर आती जाती सवारी में उस बेटे का चेहरा ढूंढती हैं…
सवाल जो उठते हैं पुलिस पर, और ज़मीर पर भी!
अगर पुलिस ने रिपोर्ट लिखी थी, तो अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं?
किसके इशारे पर आरोपियों को छोड़ा गया?
अगर बेटे की हत्या हो चुकी है, तो जिम्मेदार कौन?
या फिर ये मान लें कि अब फर्रुखाबाद में इंसाफ की कीमत सिर्फ ‘नकद’ में तय होती है?
“Laapata Beta” अब सिर्फ परिवार की चिंता नहीं, पूरे सिस्टम की बेशर्मी है
ये कोई पहली बार नहीं कि बेटा लापता हुआ हो और पुलिस ‘गुमशुदगी’ लिखकर अपना पल्ला झाड़ ले। लेकिन इस बार मामला सिर्फ लापता नहीं, ‘बेहिस’ और ‘बेवजह’ सिस्टम का आइना है।
पुलिस कहती है – जांच जारी है…
पर मां कहती है – “अगर वो मर भी गया है, तो कम से कम उसका अंतिम दर्शन तो करा दो!”