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हाईवे पर हाई-फाई डकैती | Farah Silver Loot
Farah Silver Loot Update
कभी आपने सुना है कि लुटेरे पहले पीछा करें, फिर गाड़ी रुकवाएं, फिर 75 किलो चांदी लूटें, और फिर व्यापारी बेटों को टहला लाएं? नहीं? तो आइए आगरा-दिल्ली हाईवे पर फरह क्षेत्र में हिंदुस्तान कॉलेज के पास चलते हैं, जहां नकाबपोश बदमाशों ने यही स्क्रिप्ट फिल्मी स्टाइल में अंजाम दे डाली। इस डकैती की चमक इतनी तेज है कि चांदी भी शर्मा जाए!
हथियारों के साए में लूट | Farah Silver Loot
बदमाशों ने बाइक और बोलेरो में सवार होकर चांदी व्यापारी मुकेश चंद्र सोनी के बेटों की गाड़ी रोकी, गन दिखाकर 75 किलो चांदी की राखी लूट ली और फिर बेटों को गाड़ी समेत उठा ले गए। सुनकर ऐसा लगा मानो अगली डकैत-सीरीज़ की शूटिंग हो रही हो, लेकिन ये स्क्रिप्ट असली थी और दर्द भी असली।
पुलिस आई, कैमरा देखा, चुप हो गई | Farah Silver Loot

जैसे ही फरह थाने की पुलिस को सूचना मिली, पूरा अमला हरकत में आ गया। मौके पर SSP श्लोक कुमार से लेकर SP सिटी राजीव कुमार तक पहुंच गए। जांच का तरीका वही पुराना – “सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं”, “टीमें गठित कर दी गई हैं”, “जल्द खुलासा होगा”। यानी चोर आराम कर रहे हैं, पुलिस बयान जारी कर रही है।
हड़कंप मचा, कार्रवाई ठंडी | Farah Silver Loot
90 लाख की चांदी चली गई, व्यापारी सकते में हैं और अपराधी हवा में। SSP ने जांच के लिए आधा दर्जन टीमें तैनात कर दी हैं, लेकिन अब तक किसी भी लुटेरे की पहचान या गिरफ्तारी की खबर नहीं। उधर व्यापारी समाज में रोष है, सबका सवाल यही – “क्या अब हाईवे भी सुरक्षित नहीं बचे?”
लुटेरों की प्लानिंग 5G स्पीड वाली, पुलिस की जांच BSNL जैसी | Farah Silver Loot
लूट की वारदात को देखकर साफ है कि बदमाशों की स्क्रिप्टिंग और टाइमिंग ऐसी थी जैसे किसी Netflix क्राइम सीरीज़ का ट्रेलर हो। मगर पुलिसिया ऐक्शन अब भी पुराने जमाने की VHS कैसेट वाला लग रहा है – “मामला दर्ज कर लिया गया है”, “जांच चल रही है”। सवाल ये है कि जब बदमाश लूट के बाद गाड़ी तक छोड़कर गए, तो पुलिस को अब तक सिर्फ सीसीटीवी ही क्यों दिख रहा है?
व्यापारियों की चांदी गई, पुलिस की प्रतिष्ठा और भी | Farah Silver Loot

अब सोचिए, 75 किलो चांदी लूटी गई, व्यापारी के बेटे अगवा हुए, और पुलिस के पास ना संदिग्ध है, ना स्केच, ना गिरफ्तारी। लगता है “गंभीर अपराध की सूचनाएं” अब महज़ व्हाट्सएप फॉरवर्ड तक सीमित रह गई हैं। अपराधी अगर ऐसे ही ‘हाईवे ओपन मॉल’ बना देंगे, तो व्यापारी अपने साथ अब वकील और विधायक लेकर चलें?
लूट नहीं सिस्टम की लाचारी उजागर हुई | Farah Silver Loot
इस घटना ने लूट से ज़्यादा प्रशासनिक नपुंसकता को बेनकाब किया है। हाईवे, सीसीटीवी, पुलिस पेट्रोलिंग, इंटेलिजेंस – सब कागज़ी टाइगर साबित हुए। क्या 90 लाख की लूट भी प्रशासन को जगाने के लिए काफी नहीं? अगर ये Farah Silver Loot नहीं, कोई VIP की घड़ी गायब होती, तो अब तक SIT बन गई होती।

 
         
         
         
         
         
        