
Electricity Price Hike Firozabad-कांग्रेस का गांधी पार्क में धरना
Electricity Price Hike -फिरोजाबाद में बिजली बिल ने फूंकी जनता की सांसें
कांग्रेस का गांधी पार्क में बिजली-पोलिटिक्स धरना
Electricity Price Hike अब सिर्फ आंकड़ा नहीं, लोगों की आत्मा पर पड़ा बिजली का झटका है। कभी ₹4.90 प्रति यूनिट मिल रही बिजली अब ₹7.10 में भी “आएगी या नहीं”, ये सवाल बन गया है। कटौती बदस्तूर जारी है और मीटर ऐसा दौड़ रहा है जैसे ओलंपिक में दौड़ रहा हो—बस मेडल नहीं, बिल ला रहा है!
गांधी पार्क का माहौल मंगलवार को ऐसा लग रहा था जैसे बिजली विभाग के तारों में करंट नहीं, जनता की हताशा दौड़ रही हो। कांग्रेसियों ने टेंट गाड़ा, माइक उठाया और D.M. को ज्ञापन पकड़ा दिया—कह दिया, “या तो बिजली दो, या सरकार बदलो!”
🔌 जब मीटर कूदे, पोल गिरे और सरकार सोए
Electricity Price Hike-फिरोजाबाद में की बिजली सिर्फ वादों में मौजूद
Electricity Price Hike का मतलब अब सिर्फ दरें नहीं, धड़कनों की रफ्तार भी है। अजय कुमार ने गांधी पार्क से गरजते हुए कहा—“तिलक नगर में बिजली के खंभे नहीं, लेकिन तार ऐसे लटकते हैं जैसे बिजली विभाग ने DIY शो शुरू कर रखा हो। कहीं झूला बनाओ, कहीं फंदा!”
बिजली मीटर अब इतना तेज़ है कि लोग अपनी स्कूटी छोड़ कर उसे घूरते हैं—“इतना कौन दौड़ता है भाई?” और रही बात बिजली कटौती की, तो वो ऐसी है जैसे ब्रेकअप—कब हो जाए, कोई भरोसा नहीं। दिन में कट, रात में कट, त्योहार पर कट, और बिल… हर वक़्त टनाटन!
पोलिटिकल दरबार में सवाल ये है कि जब जनता रोशनी के लिए मोमबत्ती जला रही है, तो बिजली विभाग किस चीज़ की बढ़ी हुई दर वसूल रहा है? शायद “उम्मीद” की यूनिट लगाकर बिल बना रहे हैं।
Electricity Price Hike:जब बिजली का बिल बना हॉरर फिल्म की स्क्रिप्ट
Congress बोले: अब की बार, जेब की बलि तैयार!
तिलक नगर, दुर्गेश नगर, नई आबादी… Firozabad में हर मोहल्ला बिजली विभाग के स्क्रिप्ट का करेक्टर बन चुका है। हर गली में कोई न कोई मीटर ‘जंप’ मार रहा है, और विभाग ऐसे खुश है जैसे नया गाना ट्रेंड कर गया हो। Congress पार्षद नुरुलहुदा लाला राइन ने कहा—“बिजली की दरें इतनी बढ़ा दी हैं कि अब लोग इन्वर्टर नहीं, लोन ले रहे हैं!”
जहाँ पहले ₹1000 में आधा महीना निकल जाता था, अब ₹2500 में भी हफ्ता मुश्किल से कटता है। “विकास” नाम का कनेक्शन तो पता नहीं कहाँ गया, लेकिन वोल्टेज ज़रूर इतनी बार गया कि फ्रिज भी अब थर्मस बन गया है।
Electricity Price Hike Firozabad पर जनता का मीटर फट पड़ा
ना बिजली, ना पानी, फिर भी सरकार की आंखें बंद!
Electricity Price Hike अब हक की लड़ाई नहीं, सरवाइवल गेम बन चुका है। लोग मीटर की तेज़ रफ्तार और विभाग की सुस्त चाल में पिस रहे हैं। कांग्रेस का धरना एक प्रतीक था, लेकिन सवाल स्थायी है—आख़िर कब तक बिजली सिर्फ बिल में मिलेगी?
दुर्गेश नगर की 11 गलियों में पानी नहीं, नई आबादी में सड़क नहीं, और पुरानी सरकार में जवाबदेही नहीं। तार लटकते हैं, पोल नहीं हैं, मीटर कूदते हैं, और विभाग चैन की नींद में। लगता है, बिजली की प्लानिंग अब ज्योतिषाचार्य से कराई जा रही है।
बिल बढ़ा, करंट घटा—जनता की ढीली हो रही जेब!
Electricity Price Hike ने ये साबित कर दिया कि सरकार का ‘विकास’ और बिजली विभाग का ‘वितरण’ दोनों ही Google Maps पर Lost हैं। कांग्रेसियों का धरना अगर सिर्फ ज्ञापन तक सीमित रहा, तो फिर जनता को हर महीने ये कटौती वाली महंगाई सहनी पड़ेगी।
अब वक्त है कि Firozabad की जनता अपने मोबाइल की फ्लैशलाइट से नहीं, अपने वोट से उजाला लाए।