ED Action in Himachal: हिमाचल में ED की ताबड़तोड़ रेड...असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन पर बड़ा ऐक्शन
ED Action in Himachal: हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है जहां प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रदेश के एक वरिष्ठ दवा नियंत्रण अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और राजनीतिक पहुंच के आरोपों को लेकर शुरू की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है।
रिपोर्टर: आदित्य श्रीवास्तव, धर्मशाला
ED का जाल…अफसर निशांत सरीन मालामाल
ED Action in Himachal: धर्मशाला में तैनात असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन .. उनके ससुर रमेश कुमार गुप्ता और करीबी सहयोगी कोमल खन्ना सहित कुछ अन्य लोगों के घरों और कार्यालयों की तलाशी ली गई। ईडी ने हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में कुल पांच स्थानों पर छापे मारे।
निशांत सरीन की बेहिसाब कमाई बेनकाब
ED Action in Himachal: सूत्रों के मुताबिक ED की तलाशी कार्रवाई के दौरान ड्रग लाइसेंस, कारण बताओ नोटिस, फार्मा कंपनियों को जारी मंजूरी, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज के अलावा मोबाइल फोन,लैपटॉप,पेन ड्राइव सहित डिजिटल डिवाइस जैसे दस्तावेज जब्त किए गए हैं। तलाशी कार्रवाई के दौरान निशांत सरीन और उनके परिवार के सदस्यों के लगभग 32 लाख रुपये कीमत के दो वाहन, 40 से ज्यादा बैंक खाते/FDR और तीन लॉकर जब्त/फ्रीज किए गए। इसके अलावा ओमेक्स कैसिया न्यू चंडीगढ़ स्थित उनके बंगले पर 60 से अधिक बेहिसाब शराब की बोतलें भी मिली हैं। निशांत सरीन की ओर से एडीसी, धर्मशाला के रूप में अपनी वर्तमान भूमिका में जबरन वसूली की शिकायतों और निशांत सरीन के परिवार के सदस्यों और दवा कंपनियों के बीच परस्पर जुड़े वित्तीय लेनदेन की भी जांच की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक यह मामला उस समय से जुड़ा है जब निशांत सरीन (Nishant Sarin) सोलन जिले के बद्दी क्षेत्र में पदस्थ थे — जो प्रदेश का प्रमुख फार्मा हब माना जाता है। आरोप है कि सरीन ने फार्मा कंपनियों से लाभ लेकर नियमों में ढील दी और अपने पद का दुरुपयोग किया।
2009 में खुला मामला..जेल गए सरीन
ED Action in Himachal: इस पूरे मामले की शुरुआत 2019 में हिमाचल प्रदेश पुलिस की भ्रष्टाचार शाखा द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत से हुई थी। उसी साल उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन कुछ समय बाद जमानत पर रिहा होकर फिर से सरकारी सेवा में बहाल हो गए थे।
अब ईडी इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि कहीं ऐसे कामों से खड़ी की गई काली कमाई को वैध संपत्ति में तो नहीं बदला गया? साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या इन गतिविधियों को किसी राजनीतिक संरक्षण का सहारा मिला था।
सरीन की चुप्पी…लेकिन सवाल बड़े
ED Action in Himachal: हालांकि इस पूरे मामले में अभी तक आरोपी अधिकारी निशांत सरीन या उनके वकील की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन इस घटनाक्रम ने सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है, और एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद भी क्या उन्हें दोबारा जिम्मेदार पदों पर बैठाना सही है।
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