Double Murder in Bijnor
गांव में मचा हाहाकार: गन्ने के खेत से मिली दंपति की लाश। Double Murder in Bijnor
Double Murder in Bijnor
बिजनौर ज़िले के थाना नूरपुर क्षेत्र के गांव अब्दुल रहमानपुर पुरैनी में सोमवार की सुबह जैसे ही एक किसान अपने खेत की ओर गया, तो उसका सामना हुआ गन्ने के बीच बिछी दो लाशों से। कोई सस्पेंस थ्रिलर फिल्म चल रही हो जैसे — लेकिन अफसोस, ये असलियत थी। मृतक एक पति-पत्नी थे, जो गांव के ही निवासी बताए जा रहे हैं। देखते ही देखते गांव में हाहाकार मच गया और लोगों का हुजूम खेत की ओर दौड़ पड़ा।
हत्या या कोई ‘प्योर एक्सिडेंट’? पुलिस का माथा ठनका। Double Murder in Bijnor
Bijnor Crime Scene
पुलिसिया नजरें इसे फिलहाल “संदिग्ध मौत” मान रही हैं, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो ये तो हत्या है! वो भी सधे हुए अंदाज में की गई। अब सवाल ये उठता है कि आखिर कौन है वो जोड़ी तोड़ने वाला जो इस खूनी खेल के पीछे है?
SP और DM के आने तक तो गांव में ऐसा लग रहा था मानो हर कोई Sherlock Holmes बन गया हो — “देखो ज़रा, सिर के पीछे चोट है”, “मौका-ए-वारदात में खून के छींटे नहीं दिख रहे”, “जरूर कहीं और मारे गए, फिर यहां लाए गए” — जनता की CSI टीम एक्टिव मोड में है।
गुस्साए ग्रामीण बोले – “अब नहीं सहेंगे, SP-DM बुलाओ!”Double Murder in Bijnor
Public Protest in Bijnor

घटना की खबर जैसे ही फैली, गांव के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उनका कहना साफ है — ये हत्या है, और वो भी सुनियोजित! “जब तक SP और DM खुद मौके पर नहीं आएंगे, तब तक हम शव नहीं उठाने देंगे” — ऐसी चेतावनियां अब प्रशासन की टेबल पर गूंजने लगी हैं।
एक बुजुर्ग ग्रामीण ने तंज कसते हुए कहा — “पुलिस वालों को छोड़ दो यहां खेत में, तब समझ आएगा जांच किसे कहते हैं।”
पुलिसिया जांच: सबूत इकट्ठा हो रहे हैं, लेकिन सवाल अब भी कायम
Bijnor Police Investigation
पुलिस ने घटनास्थल से फॉरेंसिक टीम के ज़रिए साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है — हालांकि गांव में CCTV कम और ‘सीधी TV’ वाली बातें ज्यादा होती हैं।
अब तक की जानकारी के मुताबिक, दंपति की किसी से रंजिश की कोई ठोस पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन अगर रंजिश नहीं थी, तो फिर ये नरसंहार क्यों?
मौत की कहानी या कहानी में मौत?
Suspicious Deaths in UP
गांव वाले इसे ‘हत्या’ कह रहे हैं, पुलिस इसे ‘संदेहास्पद’ बता रही है, और प्रशासन इसे ‘गंभीरता से देख रहा है’। लेकिन असल सवाल अब भी अनसुलझा है — क्या यह एक ऑनर किलिंग थी? क्या यह कोई संपत्ति विवाद था? या फिर… कोई रोंगटे खड़े कर देने वाली प्रेम-त्रिकोण कथा?
जवाब मिलेंगे तो शायद दो लाशें नहीं, दो कहानियां सामने आएंगी — एक जो दुनिया ने देखी, और एक जो गन्ने की पत्तियों के पीछे अब भी छिपी है।
चुप्पी में छिपी है चीखें
Rural Crime in India
बिजनौर के खेतों में गन्ना काटा जाता है, लेकिन इस बार कोई गला काट कर चला गया। अब्दुल रहमानपुर की फिज़ा में सन्नाटा है, और हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा है — “कल हमारी बारी तो नहीं?”
पुलिस के पास वक्त कम है और ग्रामीणों का गुस्सा ज़्यादा। अगर जल्द कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया, तो ये मामला सिर्फ एक ‘क्राइम न्यूज’ नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था की नाकामी का तमगा बन जाएगा।
