 
                  Doctor Negligence Bijnor: साहनपुर में डॉक्टर की लापरवाही ने छीनी दो जिंदगियां
Doctor Negligence Bijnor: अस्पताल या पैसा उगाही सेंटर?
बिजनौर से एक बार फिर Doctor Negligence Bijnor की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। नजीबाबाद के साहनपुर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर की लापरवाही ने जच्चा-बच्चा दोनों की जान लील ली।
गांव कांठ निवासी चरन सिंह अपनी बहू को प्रसव पीड़ा के चलते ससुराल साहनपुर लाए। सोचा था अच्छे इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल बेहतर होगा। लेकिन किसे पता था कि अस्पताल के नाम पर चल रहा ‘पैसा उगाही सेंटर’ उनका घर ही उजाड़ देगा।
Doctor Negligence Bijnor: नार्मल डिलीवरी से ऑपरेशन तक की चालबाज़ी
परिजनों का आरोप है कि ईवा हॉस्पिटल में पहले डॉक्टर ने बड़ी-बड़ी बातों के झूले झुलाए — बोले नार्मल डिलीवरी होगी। फिर अचानक ऑपरेशन की नौटंकी शुरू हुई।
Doctor Negligence Bijnor का खेल देखिए — पहले भरोसा, फिर पचास हजार रुपये ऐंठना। सब ठीक होता, तो भी गम सह लेते। मगर लापरवाही ऐसी कि जच्चा-बच्चा दोनों की सांसें भी डॉक्टर के लालच की भेंट चढ़ गईं।
Doctor Negligence Bijnor: शव सड़क पर, इंसाफ आसमान में
लापरवाही से मौत के बाद परिजनों का कलेजा फट गया। गुस्साए परिजनों ने जच्चा-बच्चा के शव को अस्पताल के बाहर रखकर जमकर हंगामा काटा। नारे लगे — ‘कत्लखाना बंद करो, Doctor Negligence Bijnor जवाब दो!’
घंटों सड़क जाम रही। अस्पताल प्रशासन बिल में घुस गया। पुलिस आई, दो मीठी बातें करके ‘जांच होगी’ का पुराना राग सुनाया। लेकिन सवाल वही — क्या डॉक्टरों पर कोई गाज गिरेगी? या फिर फाइलों में इंसाफ की सांस घुट जाएगी?
Doctor Negligence Bijnor: प्राइवेट हॉस्पिटल या मौत की दुकान?
ये कोई पहला मामला नहीं है। Doctor Negligence Bijnor की फाइलें कबाड़खाने में पड़ी हैं — कोई कार्रवाई नहीं। कभी गलत इंजेक्शन, कभी ऑपरेशन टेबल पर लापरवाही — सब चलता है।
बिजनौर ही नहीं, पूरे यूपी में ‘प्राइवेट हॉस्पिटल’ मतलब मौत की दुकान — जहाँ इलाज कम, कमीशन और लालच ज्यादा। नजीबाबाद का ईवा हॉस्पिटल भी उसी धंधे का हिस्सा निकला।
Doctor Negligence Bijnor: सरकार चुप, सिस्टम बेहाल
हर बार एक ही स्क्रिप्ट — डॉक्टर की लापरवाही, दो-चार दिन का हंगामा, पुलिस की ‘जांच’ और फिर सब ठंडा। Doctor Negligence Bijnor की यह कहानी बताती है कि मेडिकल सिस्टम मरीज़ों के लिए नहीं, मोटी कमाई के लिए है।
अगर यही हाल रहा, तो हर मोहल्ले में कोई न कोई ईवा हॉस्पिटल जच्चा-बच्चा निगलता रहेगा। सवाल उठता है — क्या वाकई जिम्मेदारों की आंख खुलेगी?
Doctor Negligence Bijnor: अब किसका बुलडोजर चलेगा?
जब किसी माफिया के मकान पर बुलडोजर चलता है तो तालियाँ बजती हैं। मगर Doctor Negligence Bijnor जैसे मामलों में सफेद कोट वालों पर कब चलेगा बुलडोजर?
अगर जनता नहीं जागी, तो अगले हफ्ते कोई और जच्चा-बच्चा डॉक्टर के लालच की बलि चढ़ेगा।
फिलहाल पुलिस ने कार्यवाही का आश्वासन दे दिया है — जैसे हर बार देती है!

 
         
         
         
        