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“खबरें पढ़ने लगे हैं बच्चे, अब नेताओं को सतर्क हो जाना चाहिए!”
DM Newspaper Reading Initiative ने बदली हवा:
पूरनपुर में बच्चों ने जब अखबार पढ़ना शुरू किया, तो स्मार्टफोन की स्क्रीन थरथरा गई। DM Gyanendra Singh की इस अनोखी पहल ने बच्चों को मोबाइल से हटाकर समाचारों की दुनिया में उतारा, जहां TikTok नहीं, टेबल ऑफ कंटेंट पढ़ा जाता है।
अब स्कूलों में बच्चे पूछते हैं—”GDP क्या होती है?” और शिक्षक मुस्कुरा कर कहते हैं—”बेटा, अब तुम सरकार से सवाल पूछने लायक बन रहे हो।”
📚अखबार पढ़े, देश-विदेश जाना—स्कूल बना न्यूज़रूम। DM Newspaper Reading Initiative
Composite School Amaraiya Kalan में जब बच्चों के हाथों में “दैनिक” और “हिंदुस्तान” जैसे अखबार पहुंचे, तो क्लासरूम में खबरों की खटर-पटर शुरू हो गई।
खण्ड शिक्षा अधिकारी विजय वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में शनिवार को आयोजित इस रीडिंग कार्यक्रम में बच्चों ने खुशी से अखबारों को चाट डाला—हां, अक्षरों को।
इस कार्यक्रम (DM Newspaper Reading Initiative) के तहत जब बच्चों ने पहली बार “जियो 5G” और “चंद्रयान” की खबर पढ़ी, तो उन्हें महसूस हुआ कि उनका ज्ञान अब डाटा पैक से आगे बढ़ चुका है।
शिक्षकों ने पढ़ाया रियल टाइम GK, अब “Byju’s” भी लगे पुराना>DM Newspaper Reading Initiative
शिक्षक अवधेश कुमार और उनकी टीम ने बच्चों का हौसला इस अंदाज़ में बढ़ाया जैसे कह रहे हों—”आज अखबार पढ़ो, कल संसद हिला देना!”
अखबार की हर पंक्ति में देश-दुनिया का राज छिपा है, ये बच्चों ने जाना और माता-पिता ने राहत की सांस ली—कम से कम अब TikTok डांस नहीं, “प्रधानमंत्री का बयान” याद रहेगा।
अखबार से खुले बच्चों के दिमाग के दरवाज़े।DM Newspaper Reading Initiative
आज के डिजिटल युग में जहां छात्रों का सामान्य ज्ञान Reel और Meme तक सीमित रह गया है, वहां ये Newspaper Reading Initiative एक शांत क्रांति है।
अब बच्चों को पता है कि अमेरिका में चुनाव हो रहा है, और चीन की GDP क्यों गिर रही है—ये सब एक रुपये के अखबार से सीखा जा सकता है, कोई महंगी कोचिंग नहीं चाहिए।
DM Newspaper Reading Initiative बनी राष्ट्रीय उदाहरण?
ज्ञानेंद्र सिंह की इस पहल ने शिक्षा व्यवस्था में वो किया जो बड़े-बड़े “पॉलिसी पेपर” नहीं कर पाए। ये सिर्फ एक गतिविधि नहीं, शैक्षिक पुनर्जागरण की दस्तक है।
किसी दिन यही बच्चे पूछेंगे—”बजट में शिक्षा पर कितना खर्च हुआ?” और तब नेताओं को वोट के साथ जवाब भी देना होगा।
DM की पहल ने बच्चों को बनाया “न्यूज लिटरेट”।DM Newspaper Reading Initiative
जिलाधिकारी की इस पहल ने (DM Newspaper Reading Initiative) सिर्फ बच्चों को देश-दुनिया से जोड़ने का माध्यम नहीं, बल्कि उन्हें सोचने, समझने और सवाल पूछने लायक नागरिक बना रही है।
पूरनपुर में उगा ये ज्ञान का सूरज, शायद आने वाले कल की राजनीति और प्रशासन की रोशनी तय करेगा।
तो अब बच्चों के हाथ में मोबाइल नहीं, अखबार है। और अगर ये लहर पूरे देश में चली, तो अगली पीढ़ी “Silent Generation” नहीं, “Sensible Generation” कहलाएगी।
इस खबर को पढ़िए, और सोचिए—क्योंकि बच्चों ने तो सोचना शुरू कर दिया है!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: शकुश मिश्रा
📍 लोकेशन: पीलीभीत, यूपी
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