DharmaConversion Balrampur
DharmaConversion Balrampur का ये मामला झाड़-फूंक से शुरू होकर सीधे राष्ट्रविरोध तक पहुंच गया है। मधपुर गांव के छांगुर बाबा पर धर्मांतरण, फर्जी चमत्कार और आतंकी लिंक के आरोप लगे हैं। विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने उन्हें ढोंगी मौलाना करार देकर प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम थमा दिया है। मांग है—बुलडोज़र चले, जांच CBI-NIA से हो, वरना चक्का जाम तय है।
🗞️ संवाददात: राहुल रत्ना
📍 लोकेशन: बलरामपुर
🗓️ तारीख: 24 जून 2025
“कौन बनेगा ‘गजवा-ए-हिंद’ का बाबा?”
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक बार फिर चमत्कारों की चपेट में आ गया है जनतंत्र। उतरौला तहसील के मधपुर गांव में रहने वाले छांगुर बाबा अब सिर्फ झाड़-फूंक वाले बाबा नहीं रह गए, बल्कि विश्व हिंदू रक्षा परिषद के मुताबिक, ये धर्मांतरण इंडस्ट्री के CEO और राष्ट्रविरोधी गठजोड़ के ब्रांड एम्बेसडर निकल आए हैं।

परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय गांव में हाजिरी लगाकर आए और बाबा के आश्रमनुमा अड्डे का इंस्पेक्शन किया, साथ में पुलिस भी थी — शायद डर था कि कहीं बाबा भस्म ना कर दे!
72 घंटे का अल्टीमेटम, नहीं तो प्रदेश बंद!
गोपाल राय जी ने प्रशासन को सीधे शब्दों में 72 घंटे का समय दे दिया है — या तो बाबा पर कार्रवाई करो, या फिर चक्का जाम और तालाबंदी के लिए तैयार रहो। वो बोले, “यह कोई फकीर नहीं, ढोंगी मौलाना है, जो उतरौला को कश्मीर-केरल बनाना चाहता है।”
🕋 Dharma Conversion Balrampur: धर्मांतरण का Netflix?
परिषद का दावा है कि छांगुर बाबा सिर्फ झाड़-फूंक नहीं करते, बल्कि फेथ कन्वर्जन के एपिसोड लिखते हैं। गरीब, दलित, वनवासी और महिलाएं इस सीरीज़ के टारगेट ऑडियंस हैं। कभी चमत्कार से डराया जाता है, कभी मजारों का तमाशा दिखाया जाता है, और कभी नोटों की गड्डियां लहराई जाती हैं।
Dharma Conversion Balrampur: आतंक से भी लिंक?
हैरत की बात नहीं, बल्कि खौफ की बात यह है कि परिषद ने बाबा पर आतंकी फंडिंग से रिश्तों का आरोप भी जड़ दिया। दस्तावेज़ भी होने का दावा किया गया है, जिनमें बाबा का गजवा-ए-हिंद नेटवर्क से कनेक्शन बताया गया है।
बाबा के सीईओ – मोहम्मद अहमद खान और अब्दुल खान राजा
परिषद ने बाबा के दो खास चेले भी चिन्हित किए हैं – अहमद खान और अब्दुल खान राजा, जिन पर बाबा के पूरे धर्मांतरण तंत्र को ऑपरेट करने का आरोप है। अब ये मामला केवल बाबागिरी से आगे बढ़कर, नेशन सिक्योरिटी थ्रेट की तरफ मोड़ लिया है।
🏰 सवालों के घेरे में संपत्ति का ‘सम्राज्य’
“इतना बड़ा आश्रम, इतनी संपत्ति, इतने अनुयायी… वो भी झाड़-फूंक से?” परिषद का कहना है कि बाबा ने फर्जी चमत्कार और अवैध ज़मीन कब्जों से अपना ‘इस्लामिक किला’ खड़ा किया है। अब मांग हो रही है – बाबा के साम्राज्य पर बुलडोज़र चलाओ!
बुलडोज़र बनाम बाबा: कौन जीतेगा?
CBI और NIA से जांच की मांग हो चुकी है। “बाबा नहीं, ये गजवा की गूंज है!” – ये नारा मौके पर लग चुका है। कार्यकर्ताओं ने जय श्रीराम के नारे लगाकर प्रशासन को साफ संकेत दे दिया – “अगर सरकार चुप रही, तो जनता जागेगी… और सड़कें थरथराएंगी।”
Dharma Conversion Balrampur: सवाल जनता का:
अगर बाबा दोषी हैं, तो अब तक चुप्पी क्यों?
अगर ये सिर्फ राजनीति है, तो धर्म के नाम पर डर क्यों?
धर्मांतरण या धारणा – कौन हकदार है देश की आत्मा का?
DharmaConversion Balrampur अब साधु-संतों का मामला नहीं रहा, ये सवाल बन चुका है – भारत की आत्मा किसके पास सुरक्षित है?
छांगुर बाबा अगर दोषी हैं, तो सरकार कार्रवाई करे। और अगर निर्दोष हैं, तो भी सवाल खड़ा है – झाड़-फूंक की दुकानें आखिर कब तक सनातन की रगों में जहर घोलती रहेंगी?
