Dharmpur News: कोटा के चुनाव में दंबंगों का कहर, प्रशासन पर सवाल
Dharmpur News Update
बलरामपुर : बलरामपुर जनपद के धर्मपुर गांव (Dharmpur News) में हाल ही में राशन के कोटा का चुनाव हुआ, जो विवादों में घिर गया है. इस चुनाव में रचना सिंह ने 342 वोटों से जीत हासिल की, आरोप है कि दबंगों ने उनकी जीत को स्वीकार नहीं किया और हंगामा खड़ा कर दिया.
चुनाव के दौरान गांव में तनाव का माहौल था. रचना सिंह के मुताबिक, विपक्षी पार्टी के दबंग समर्थक झगड़ा करने पर उतारू थे. उन्होंने न केवल हंगामा किया, बल्कि रचना सिंह के जीत के प्रमाण पत्र और स्टांप पेपर को फाड़ दिया. रचना सिंह ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया.
स्थानीय निवासी पीतांबर ने बताया कि चुनाव में सभी ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया. रचना सिंह की जीत की घोषणा के बाद, दबंगों ने कागजात फाड़ दिए और दावा किया कि वे ही विजयी हुए हैं. संजय सिंह नाम के एक दबंग ने गुस्से में स्टांप पेपर, आधार कार्ड और अन्य कागजात फाड़कर सबूत मिटाने की कोशिश की. इस दौरान प्रशासन मौके पर मौजूद था, प्रशासन पर दबंगों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाने का आरोप है .

ग्रामीण बबलू सिंह ने बताया कि चुनाव से पहले ये तय हुआ था कि ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाण पत्र एक-दो दिन में जारी होगा. इसके आधार पर चुनाव हुआ और काउंटिंग के बाद रचना सिंह की जीत की पुष्टि हुई. सेक्रेटरी गुलाब सिंह ने लिखित रूप से रचना सिंह की जीत की घोषणा की, लेकिन दबंगों ने कागजात छीनकर फाड़ दिए. गुलाब सिंह ने रचना सिंह को आश्वासन दिया कि दबंगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, लेकिन रचना सिंह को अभी तक उनका प्रमाण पत्र नहीं मिला.
राम बहादुर सिंह ने बताया कि ये चुनाव राशन कार्ड के कोटा के लिए था. संजय सिंह और उनकी पत्नी संतोषी ने कागजात छीनकर फाड़ दिए और ग्रामीणों को धमकाने की कोशिश की. स्थिति बिगड़ने पर ग्रामीणों ने गेट बंद कर दिया और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर झगड़ा शांत कराया.
धर्मपुर के ग्रामीणों ने इस घटना पर रोष जताया और कहा कि दबंगों का मनमाना व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ग्रामीणों ने एकजुट होकर रचना सिंह का समर्थन किया और मांग की कि उनकी जीत को आधिकारिक रूप से मान्यता दी जाए. ये घटना न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करती है. ग्रामीण अब प्रशासन से सख्त कार्रवाई और रचना सिंह को उनका हक दिलाने की मांग कर रहे हैं.
