Dead Treatment Scam-पीलीभीत
💉 Dead Treatment Scam: Private Hospital की लूट की दुकान!
कभी हॉस्पिटल को मंदिर कहा जाता था — लेकिन अब Private Hospital में इलाज नहीं, Dead Treatment Scam चलता है। बिस्तर पर मरीज हो या Dead Body, बिल वही VVIP! हुआ यूं कि 20 साल का विष्णु, एक्सीडेंट के बाद गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचा, परिजनों को लगा भगवान बचा लेंगे… पर यहां भगवान नहीं, Dead Body के गब्बर बैठे थे!
परिजनों के मुताबिक विष्णु की मौत उसी दिन हो चुकी थी, लेकिन Private Hospital ने Dead Body को ICU में डालकर ऑपरेशन-थियेटर का खेल शुरू कर दिया। परिजनों को ‘Hope’ के इंजेक्शन लगाए और रुपयों की ड्रीप लगा दी। पहले 50 हजार एडवांस, फिर 1 लाख ऑपरेशन के नाम पर
विष्णु की Body को 3 दिन तक ICU में सुला कर 3 लाख का Bill बना दिया गया।
किसी को शक न हो, इसलिए Dead Body के आगे सलाइन की बोतलें लटकाईं, रिश्तेदारों को ICU से दूर रखा — अंदर Dead Body सड़ती रही, बाहर रुपया बहता रहा। ये है Dead Treatment Scam — जिसमें इंसान का शरीर भी ‘Business Model’ है।
Doctor Fraud: जब परिजनों ने खोली Dead Treatment Scam की पोल
जब परिजनों ने जबरन Dead Body को देखने की जुर्रत की, तो Dead Treatment Scam की परत खुल गई। विष्णु की Body ठंडी पड़ चुकी थी! भाई राजेंद्र ने आरोप लगाया कि डॉक्टर फिर भी Dead Body को जिंदा बताकर बरेली रेफर करने का ड्रामा कर रहे थे। Ambulance बुला ली थी, लेकिन परिजनों ने Dead Treatment Scam का पर्दाफाश कर दिया। हंगामा होते ही गब्बर बने डॉक्टर और उनका स्टाफ Private Hospital से फरार हो गया।
Private Hospital Fraud: सरकार ने क्यों पहनी ‘खामोशी की पट्टी’?
देश में Private Hospital की लूट कोई नई बात नहीं। रोज Dead Treatment Scam जैसे किस्से निकलते हैं, लेकिन मजाल है सरकार के कान पर जूं रेंग जाए! जिनके जिम्मे Private Hospital की लगाम कसने की जिम्मेदारी है — वही आंख, कान, मुंह बंद करके बैठे हैं।
कितनी ही शिकायते दर्ज होती हैं, कितनी ही FIR होती हैं — लेकिन कार्रवाई? वो Gabbar के Dialogues जितनी ही हवा में उड़ जाती हैं। Private Hospital के हौसले बुलंद हैं, क्योंकि सरकार की चुप्पी ही इनका Licence है। Dead Treatment Scam इसका ताजा Example है।
Dead Treatment Scam: इलाज धंधा, लूट मंत्र!
Private Hospital Scam अब सिर्फ लूट नहीं — ये ‘सिस्टमेटिक Business’ है। डॉक्टर के कोट के पीछे करोड़ों का घोटाला छुपा है। मरीज ICU में हो या मर जाए — Bill Meter चलता रहेगा। Operation, ICU, Ambulance — हर चीज के नाम पर परिवार को निचोड़ा जाएगा।
Dead Treatment Scam तो बस एक नमूना है। सरकार की नालायकी ने Private Hospital को लूटने की खुली छूट दे दी है। अब सवाल ये है — कब तक? कब तक Dead Body से भी पैसे बनाए जाएंगे?
Government Failure: जिम्मेदारी या मजबूरी? Dead Treatment Scam
सरकार का रवैया देखिए — पुलिस मौके पर आई, CMHO बोले — ‘लिखित शिकायत नहीं आई!’ वाह सरकार! परिजन लूट के बाद कागज लेकर दौड़ें — तब कार्रवाई? इस Dead Treatment Scam ने साबित कर दिया कि Private Hospital को बस मरीज नहीं चाहिए — सरकार की खामोशी भी चाहिए।
सरकार की ये चुप्पी ही Private Hospital Loot की सबसे बड़ी वजह है। न जांच, न सजा — बस फाइलों में दबे केस, और लुटता आम आदमी!
Dead Treatment Scam: कब बजेगा असली गब्बर का डंडा?
Akshay Kumar की Gabbar Movie में जैसे लुटेरों को धूल चटाई जाती थी, वैसे असली Gabbar अब चाहिए — जो Dead Treatment Scam करने वालों को जेल भेजे। Private Hospital Fraud पर नकेल कसे, Doctor Fraud का Licence रद्द हो और सरकार की खामोशी टूटे।
वरना ये Dead Treatment Scam बार-बार लौटेगा — और किसी के घर का चिराग बुझाकर भी Bill बनाएगा।
याद रखिए — Dead Body का इलाज करने वाला डॉक्टर भगवान नहीं, गब्बर ही है — फर्क बस ये है कि ये Gabbar Movie वाला नहीं, असली वाला है!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: शकुश मिश्रा
📍 लोकेशन: पीलीभीत, यूपी
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