CSO Murder Mystery: आम के बाग में मिला शव
Bulandshahr में फाइनेंस कंपनी के CSO की लाश आम के पेड़ से लटकी मिली, लेकिन लापता कैश और कंपनी के शक ने इस मौत को बना दिया है एक खौफनाक CSO Murder Mystery.
🌳CSO Murder Mystery– पेड़ से लटका शव और नीचे बिखरा विश्वास — ये आत्महत्या नहीं, मर्डर है साहब!
सुबह की धूप निकलने से पहले ही बुलंदशहर के पहासू गांव में वो मंजर फैल चुका था, जिसने हर आंख में खौफ और हर जुबां पर सिर्फ एक सवाल छोड़ दिया: “आखिर किसने की CSO की हत्या?”
एक आम के पेड़ पर लटका था एक फाइनेंस कंपनी का सिक्योरिटी ऑफिसर और उसके पैरों के नीचे पड़ा था — टूटा हुआ भरोसा, फटा हुआ पर्स और गायब कैश।
जो आदमी कल शाम तक कंपनी की जिम्मेदारी संभाल रहा था, वो सुबह एक फंदे से झूल रहा था। और पुलिस — वही पुराना राग: “जांच जारी है।”
💼 Company Cash की लूट या Inside Job? कत्ल के पीछे कौन सा चेहरा है छुपा?
मृतक CSO के पास कंपनी का कैश था, यही वो कैश है जो अब “लापता” है। सवाल है — कैश गायब और आदमी मरा… तो फिर ये आत्महत्या कैसे हो सकती है?
क्या ये किसी सहयोगी की चाल थी? क्या किसी ने उसकी ईमानदारी को मौत की सज़ा दी?
या फिर कोई और भी ऊँची पोस्ट वाला खिलाड़ी इस कत्ल के ताने-बाने में शामिल है?
Company Manager ने साफ़ कहा: “हमें अपनी ही कंपनी के अंदर किसी पर शक है। CSO ने शायद किसी की चोरी या गड़बड़ी पकड़ ली थी।”
CSO Murder Mystery-मौका-ए-वारदात की चुप्पी और पुलिस की बौखलाहट — Investigation या Eyewash?
पुलिस मौके पर तो पहुंची, लेकिन उसके पास न कोई सुराग है, न कोई योजना।
बाग में ना CCTV, ना कोई गवाह। मोबाइल कॉल डिटेल्स अब तक सार्वजनिक नहीं।
पुलिस कह रही है “पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है।”
लेकिन सवाल ये है कि जब लाश झूल रही हो और कैश गायब हो — तो इन्वेस्टिगेशन किस बात की?
क्यों पुलिस हत्या की थ्योरी पर खुलकर नहीं आ रही? कहीं इस मर्डर में कोई रसूखदार तो शामिल नहीं?
परिवार का आरोप — “ये कत्ल है, और कत्ल के पीछे कोई अपना ही है”
परिजनों का दावा है कि मृतक मानसिक रूप से मज़बूत था, काम में परिश्रमी और पूरी कंपनी का भरोसेमंद।
उनका कहना है कि ना कोई कर्ज़, ना कोई पारिवारिक तनाव।
“वो आत्महत्या कर ही नहीं सकता। किसी ने उसे मारा और झूठी कहानी गढ़ दी।”
अब परिवार मांग कर रहा है —मामले की उच्चस्तरीय जांच की। परिजनों का कहना है-
“हमारे बेटे को मारा गया है साहब, और अब सबूत मिटाने के लिए कहानी बनाई जा रही है।”
CSO Murder Mystery-क्राइम ब्रांच की एंट्री या लीपापोती? सच सामने आएगा या फिर फाइल दबा दी जाएगी?
अब इस केस में क्राइम ब्रांच की एंट्री हो गई है। लेकिन सच ये है कि अगर पुलिस सच में चाहती तो अभी तक CDR, फिंगरप्रिंट और बैंक ट्रांजेक्शन के सारे रिकॉर्ड सामने आ सकते थे।
या शायद असलियत ये है कि जिसे पकड़ना चाहिए, शायद पुलिस उसके बारे में सोच भी नहीं पा रही है।
CSO की मौत कोई हादसा नहीं, एक मैसेज है — “जो ईमानदारी दिखाओगे, वो फंदा बन जाएगा।”
कौन है वो जो इस हत्या के पीछे है? और क्या खबरीलाल.डीजिटल के ज़रिए ये केस सड़कों से कोर्ट तक जाएगा?
✍️ रिपोर्टर: सुरेंद्र सिंह भाटी
📍 लोकेशन: पहासू, जनपद बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)
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