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फाइनल मैच में मासूम की मौत, खेल के मैदान से उठी अर्थी ने सबको किया ग़मगीन
📍 रिपोर्ट: खरबरीलाल डिजिटल | लोकेशन: फिरोजाबाद
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में Cricket Academy Death का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। क्रिकेट खेलते समय 12 साल के एक बच्चे की चेस्ट में गेंद लगने से उसकी मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना उस समय हुई जब फाइनल मुकाबले में बल्लेबाजी कर रहा था।
⚾ बल्लेबाजी करते समय छाती में लगी गेंद
थाना नारखी क्षेत्र के गांव गढ़ी रंछोर के रहने वाले सुरेंद्र सिंह का बेटा अंश फ्यूचर क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण लेता था। सोमवार देर शाम फाइनल मुकाबले में जब अंश बल्लेबाजी कर रहा था, तभी एक तेज गेंद उसकी सीधे चेस्ट में आकर लगी। गेंद लगते ही वह मैदान पर गिर पड़ा और बेहोश हो गया।
🏥 अस्पताल पहुंचते ही मृत घोषित
मैदान पर मौजूद अकादमी संचालक और प्रशिक्षकों ने तत्काल उसे एफएच मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद अंश को मृत घोषित कर दिया। जैसे ही यह खबर परिजनों तक पहुंची, अस्पताल में कोहराम मच गया।
😡 परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा
गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया। कुछ लोगों ने तोड़फोड़ भी की, जिससे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई, और हालात को काबू में किया।पुलिस का कहना है कि, परिजनों को समझा-बुझाकर घर भेज दिया गया है, और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अंश जिस स्टेडियम में क्रिकेट सिखता था,उसके कोच से पूछताछ की जाएगी। साथ ही घटना के दौरान मौजूद लोगों की भी गवाही इस मामले में ली जाएगी।
🩺 डॉक्टरों की सफाई और पुलिस की जांच
इधर डॉक्टरों का कहना है कि, जब बच्चा अस्पताल लाया गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इलाज करने का उन्हें मौका ही नहीं मिला। पुलिस भी पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। ये समझने की कोशिश कर रही है कि, आखिर मौत की असल वजह क्या थी। यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि गेंद की रफ्तार कितनी थी और क्या अंश ने सुरक्षा गार्ड्स पहने थे या नहीं। अगर नहीं पहने थे तो, कोच ने इसके लिए क्यों नहीं टोका। ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब पुलिस अभी तलाश रही है।

घटना के बाद अंश के घर में मातम पसरा हुआ है, परिजनों की आंख के आंसू सूख ही नहीं रहे हैं, घर का चिराग चले जाने का दर्द क्या होता,ये हम सब जानते हैं। कहां तो बेटे को बड़ा क्रिकेटर बनाने का सपना देखा था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

 
         
         
         
        