Coronavirus Fourth Wave:महाराष्ट्र, दिल्ली और केरल जैसे राज्यों में कोविड के मामलों में फिर तेजी, एक्टिव केसों की संख्या 1,828 के पार – एक्सपर्ट्स बोले— यह चौथी लहर की हो सकती है शुरुआत।
कोरोना वायरस, जिसने 2020-2021 की दूसरी लहर के दौरान भारत में लाखों लोगों को प्रभावित किया और कई परिवारों को अपनों से दूर कर दिया, एक बार फिर चर्चा में है।एक बार फिर कुछ वैसा ही होने की आशंका बलवती हो रही है।दरअसल भारत में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं. कोरोना के इन बढ़ते मामलों ने लोगों की टेंशन बढ़ानी भी शुरू कर दी है। यह सवाल पैदा होने लगा है कि,क्या ये कोरोना की चौथी लहर(coronavirus fourth wave:) है?
coronavirus fourth wave क्या भारत में चौथी लहर आने वाली है?
दिल्ली: 30 मई 2025 को स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार,देश में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या 1828 तक पहुंच गई है, और पिछले 24 घंटों में 15 मौतें दर्ज की गई हैं। नए वैरिएंट्स JN.1 और NB.1.8.1 के उभरने से चौथी लहर((coronavirus fourth wave) की आशंका बढ़ रही है। यह वृद्धि भले ही मामूली दिखती हो, लेकिन ट्रेंड अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में बड़ी चुनौती बन सकता है।इस विस्तृत रिपोर्ट में हम नवीनतम आंकड़ों, नए वैरिएंट्स, और चौथी लहर की संभावना पर चर्चा करेंगे।
coronavirus fourth wave>क्या भारत में चौथी लहर आने वाली है?
coronavirus का नया वेरियंट, वर्तमान हालात क्या?
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या में हाल के दिनों में तेजी देखी गई है। ताजा आंकड़ों (30 मई 2025 तक) के मुताबिक, देश में एक्टिव केसों की संख्या 1326 से बढ़कर 1828 तक पहुंच गई है। इसके अलावा, 15 नई मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से सबसे अधिक 6 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। ये आकंड़े दरअसल चिंता में डालने वाले हैं। चाहें हम हों या आप कोरोना के बढ़ते केस हमारी चिंता को बढ़ाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नए वैरिएंट्स, खासकर JN.1 और NB.1.8.1, इम्यूनिटी को कमजोर कर रहे हैं, हालांकि लक्षण अभी तक हल्के ही देखे जा रहे हैं।और अस्पतालों में भर्ती होने की दर अभी कम है।
राज्यवार आंकड़े टेंशन बढ़ाने वाले?
अगर राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो महाराष्ट्र में गुरुवार को 79 नए मामले सामने आए। राज्य में अगर कुल केसों की बात करें तो अब तक कुल 379 केस सामने आ चुके हैं। वहीं अगर जम्मू-कश्मीर की बात करें तो यहां कोरोना के दो नए मामले सामने आए हैं। दोनों ही कोरोना पॉजिटिव केरल के रहने वाले बताए जा रहे हैं, जो डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। गुजरात में अगर कोरोना के नए मामलों की बात करें तो यहां गुरुवार को 6 नए मामले सामने आए हैं। इनमें एक आठ महीने की बच्ची भी शामिल है, जिसकी खराब हालत को देखते हुए उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। केरल जहां सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं वहां कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 727 हो गई है।
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coronavirus fourth wave?:राज्यवार स्थिति
महाराष्ट्र: गुरुवार को 79 नए मामले सामने आए, और कुल केस 379 तक पहुंच गए हैं।
केरल: सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक, जहां 727 एक्टिव केस हैं। हाल ही में 430 नए मामले दर्ज किए गए।
गुजरात: 6 नए मामले सामने आए, जिनमें एक 8 महीने की बच्ची शामिल है, जिसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
जम्मू-कश्मीर: 2 नए मामले सामने आए, दोनों मरीज केरल के निवासी हैं और डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।
coronavirus fourth wave: 2022 में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बाद जनजीवन सामान्य होने की ओर बढ़ रहा था। लोग करोनो के डर से बाहर निकल चुके थे, लेकिन हाल के महीनों में नए वैरिएंट्स के उभरने से चौथी लहर(coronavirus fourth wave) की आशंका फिर से बढ़ गई है। यहां सवाल उठता है कि, अगर कोरोना वायरस की चौथी लहर आती है, तो ये कितने दिन रहेगी? और किन-किन लोगों को ज्यादा प्रभावित करेगी?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि चौथी लहर आती है, तो यह लगभग 28 दिनों तक रह सकती है। हालांकि, वर्तमान में लक्षण हल्के हैं, और अस्पतालों में भर्ती होने की दर कम है।
coronavirus fourth wave क्या भारत में चौथी लहर आने वाली है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 वैरिएंट को “वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” (VUM) के रूप में वर्गीकृत किया है, जो ओमिक्रॉन सबलाइनेज JN.1 से उत्पन्न हुआ है। यह वैरिएंट पहली बार 22 जनवरी 2025 को चीन में पाया गया और अब भारत, सिंगापुर, और हांगकांग जैसे एशियाई देशों में फैल रहा है।विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा वैक्सीन इस वैरिएंट पर पूरी तरह प्रभावी नहीं है, जिसके कारण टीकाकरण और बूस्टर डोज पर फिर से जोर दिया जा रहा है।फिर भी, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और कोविड उपयुक्त व्यवहार (मास्क, सामाजिक दूरी, और स्वच्छता) का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
नए वैरिएंट्स और उनकी चुनौतियां
हाल के महीनों में भारत में चार नए वैरिएंट्स की पहचान की गई है, जिनमें JN.1 और NB.1.8.1 प्रमुख हैं। ये वैरिएंट्स इम्यूनिटी को कमजोर करने में सक्षम हैं, जिससे पहले से वैक्सीनेटेड लोगों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। लिहाजा आपको सावधान रहने की जरूरत है। केरल, महाराष्ट्र, और दिल्ली जैसे राज्यों में नए मामलों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जिसमें केरल में 430 नए केस दर्ज किए गए हैं।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नए वैरिएंट्स के कारण अस्पतालों में भर्ती होने की आवश्यकता कम है, लेकिन बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके लिए सरकार ने टेस्टिंग और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण की गंभीरता भले कम हो, लेकिन तेजी से फैलाव इसे खतरनाक बनाता है।
वैक्सीनेशन की स्थिति और सरकारी कदम
भारत का कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान दुनिया में सबसे बड़े अभियानों में से एक रहा है। कोविड पोर्टल के अनुसार, अब तक 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं, जिनमें 102 करोड़ से अधिक लोग पहली डोज और 95 करोड़ से अधिक लोग दोनों डोज ले चुके हैं। हालांकि, केवल 18% आबादी ने बूस्टर डोज ली है, जो नए वैरिएंट्स के खिलाफ अपर्याप्त मानी जा रही है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को टीकाकरण अभियान को तेज करने, पुराने वैक्सीनेशन केंद्रों को फिर से खोलने, और जन-जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि नए वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन विकसित करने की जरूरत है।
स्वास्थ्य ढांचे की कैसी हैं तैयारियां?
चौथी लहर की संभावना को देखते हुए, कई राज्यों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं:
अस्पताल और आईसीयू: दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में कोविड-समर्पित अस्पतालों को फिर से सक्रिय किया जा रहा है।
टेस्टिंग: RT-PCR टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाया जा रहा है ताकि नए वैरिएंट्स की समय पर पहचान हो सके।
दवाएं और संसाधन: ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू बेड, और रेमडेसिविर जैसी दवाओं का स्टॉक सुनिश्चित किया जा रहा है।
टेलीमेडिसिन: ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन सेवाएं शुरू की गई हैं ताकि लक्षणों की जल्द पहचान हो सके।
क्या फिर से लगेगा लॉकडाउन?
फिलहाल केंद्र या किसी भी राज्य सरकार ने कोरोना के नए वैरिएंट के चलते लॉकडाउन लगाने का कोई एलान नहीं किया है। लेकिन महाराष्ट्र, दिल्ली और केरल जैसे राज्यों ने पब्लिक प्लेस में मास्क पहनने की लोगों से अपील की जा रही है। दूसरे राज्यों में भी सरकार लोगों से कोरोना को लेकर सतर्क रहने की अपील कर रही हैं।
कोरोना के नए वायरस से कैसे बचें?
कोरोना का नया वायरस भले ही अभी व्यापक स्तर पर न फैला हो, लेकिन संकेत साफ हैं कि खतरा टल नहीं गया है। हमें मास्क पहनने, हाथ धोने, सोशल डिस्टेंसिंग और वैक्सीनेशन जैसे बुनियादी उपायों को फिर से अपनाना होगा। सरकार चाहे जितनी तैयारियाँ कर ले, लेकिन असली जिम्मेदारी आम जनता की सतर्कता और सहयोग पर ही टिकी है। यदि हम अभी सजग नहीं हुए, तो एक और लहर को रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
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