
Congress Meeting Me Hungama. जिलाध्यक्ष चयन को लेकर भिड़ गए कांग्रेस कार्यकर्ता. AICC सचिव मनोज चौहान से तकरार.
Bhiwani : हरियाणा के भिवानी में आयोजित कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण मीटिंग में नए जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर जमकर हंगामा खड़ी हो गया. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यानि AICC Secretary Manoj Chauhan की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक और माइक को लेकर खींचतान देखने को मिली. ये मीटिंग कांग्रेस ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत भगवती धर्मशाला में आयोजित की गई थी, लेकिन ये हंगामे की भेंट चढ़ गई.
मीटिंग में क्या-क्या हुआ?
बैठक का मकसद भिवानी जिले के लिए नए जिलाध्यक्ष के नाम पर चर्चा करना था. जैसे ही मीटिंग शुरू हुई कई कार्यकर्ता अपनी बात रखने के लिए मंच पर चढ़ गए. माइक को लेकर खींचतान करने लगे. इस दौरान AICC सचिव मनोज चौहान से एक कार्यकर्ता की तीखी बहस भी हुई. चौहान ने सभी को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि हर किसी को बोलने का मौका मिलेगा. लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने और आपस में बहस करते रहे. हंगामा इतना बढ़ गया कि मीटिंग को वक्त से पहले ही समाप्त करना पड़ा. एक कार्यकर्ता ने मंच पर पहुंचकर बोलने का मौका न मिलने का विरोध किया जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई.
जिलाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया पर बहस
विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने हाल ही में चंडीगढ़ दौरे पर कहा था कि 30 जून तक पूरे हरियाणा में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए AICC ने ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं, जिनमें भिवानी के लिए मनोज चौहान को जिम्मेदारी दी गई. चौहान 10 जून से भिवानी में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और जिलाध्यक्ष के नाम पर चर्चा कर रहे हैं. इस दौरान जिलाध्यक्ष बनने के दावेदार अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस को मजबूत करने के लिए ऐसा नेता चुना जाए जो मेहनती हो और जनता के बीच काम करता हो. उन्होंने कहा अगर पार्टी जमीनी कार्यकर्ता को मौका देगी तभी भिवानी में कांग्रेस मजबूत हो पाएगी.
क्या थी हंगामे की असली वजह?
भिवानी में हुए ‘संगठन सृजन अभियान’ के दौरान हंगामे की मुख्य वजह कार्यकर्ताओं के बीच बोलने के अवसर को लेकर असंतोष था. कई कार्यकर्ता अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन माइक न मिलने पर वे नाराज हो गए. कुछ ने AICC सचिव की बातों को अनसुना कर आपस में बहस शुरू कर दी. एक कार्यकर्ता ने मंच पर पहुंचकर सभा का विरोध किया जिससे स्थिति और ज्यादा तनावपूर्ण हो गई. इससे ये साफ हो जाता है कि ये कांग्रेस की ये बैठक संगठन को मजबूत करने के बजाय हंगामे का कारण बन गई. जिलाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया में कार्यकर्ताओं की एकजुटता की कमी साफ दिखाई दी. अब देखना होगा कि AICC और मनोज चौहान इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और भिवानी में कांग्रेस के लिए नया नेतृत्व कैसे उभरता है?