 
                  Swami Prasad Maurya के मामले में अजब-गजब प्रतिक्रियाओं का दौर
रायबरेली में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर हुए हमले के बाद माहौल गरमा गया, धर्म और राजनीति की तकरार फिर सतह पर आ गई है, दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य की पिटाई की ख़बर पर लगातार प्रतिक्रिया का दौर जारी है, और कुछ साधु-संत इस घटना को न्याय बता रहे हैं.
धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर धार्मिक संगठनों और संतों की प्रतिक्रिया भी सख्त दिखी है । अमृत कुटी तेलार धाम, गेंगासों के महंत उमेश चैतन्य महाराज ने टिप्पणी की कि,
“भगवान राम ने अपने सेवक हनुमान को भेजकर उस व्यक्ति को थप्पड़ लगवाया जिसने बार-बार रामचरितमानस जैसे पवित्र ग्रंथों का अपमान किया। यह सनातन धर्म की रक्षा के लिए ईश्वरीय न्याय है।”
उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा धार्मिक ग्रंथों और श्रीराम पर की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सनातन का अपमान किसी भी रूप में सहन नहीं किया जा सकता।

51 हजार रुपये इनाम का ऐलान
शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने इस घटना को धर्म की विजय बताते हुए रोहित द्विवेदी को 51,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि रामचरितमानस को फाड़ने वाले और धर्म का अपमान करने वाले को थप्पड़ मारने वाला व्यक्ति प्रशंसा और सम्मान का पात्र है।


हिंदू युवा वाहिनी की मांग
हिंदू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री मारुत त्रिपाठी ने भी हमले की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिन्होंने भगवान श्रीराम पर अभद्र टिप्पणी की, उन्हें यह प्रतिक्रिया मिलनी ही चाहिए थी। उन्होंने पूर्व मंत्री के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की, जिन्होंने युवकों के साथ मारपीट की।
स्वामी प्रसाद मौर्य का पलटवार
दूसरी ओर, स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस हमले पर नाराजगी जताई और उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि करणी सेना के नाम पर कुछ लोग कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं और सरकार इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही।
क्या था मामला?
रायबरेली के सारस तिराहा पर हुए एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब पूर्व मंत्री और RSSP के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य पर कथित रूप से हमला किया गया। इस घटना ने राजनीतिक और धार्मिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था । घटना के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों – शिवम यादव, रोहित द्विवेदी और दिलीप कुमार मौर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के स्वागत कार्यक्रम के दौरान हुए इस बवाल के बाद डीह थाना क्षेत्र के खुरहटी निवासी दिलीप मौर्य ने FIR दर्ज कराई थी। बताया गया कि कार्यक्रम के दौरान रोहित द्विवेदी और शिवम यादव ने मंत्री पर हमला किया, जिसके बाद दिलीप ने भी इन युवकों के साथ मारपीट की। पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
रायबरेली की यह घटना केवल एक राजनीतिक झड़प नहीं, बल्कि धर्म, आस्था और राजनीति के टकराव का प्रतीक बन गई है। जहां एक ओर संत समाज इसे ईश्वरीय न्याय बता रहा है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या हिंसा किसी भी विचारधारा या आस्था की अभिव्यक्ति हो सकती है? यह प्रकरण आने वाले समय में राजनीतिक और सामाजिक बहस को और तेज कर सकता है।

 
         
         
        