Balrampur का मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय है CM Yogi का ड्रीम प्रोजेक्ट
बलरामपुर (Balrampur) के मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के कुलगीत का विमोचन, आज गोरखनाथ मंदिर के प्रांगण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. इस खास मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि शंकर सिंह भी मौजूद थे. ये कुलगीत देवीपाटन मंडल की धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान की गाथा को बयां करता है.
मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. इस नए विश्वविद्यालय के कुलगीत को तैयार करने के लिए 4 फरवरी 2025 को कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह ने एक समिति बनाई थी. इस समिति की अगुवाई काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. अवधेश प्रधान ने की. समिति में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप वशिष्ठ और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विज्ञान विभाग के प्रो. योगेंद्र प्रताप सिंह को सदस्य के रूप में शामिल किया गया. विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुल सचिव प्रमोद कुमार ने समिति का संयोजन किया.
कुलगीत के लिए देवीपाटन मंडल के सभी महाविद्यालयों के शिक्षकों, छात्रों और छात्राओं से प्रविष्टियां मांगी गई थीं. समिति के कड़े परिश्रम के बाद कुलगीत का चयन किया गया. इस कुलगीत के शब्दों का संयोजन महारानी लाल कुंवर महाविद्यालय, बलरामपुर के हिंदी विभाग के प्रभारी प्रो. पीसी गिरी ने किया, जबकि संगीत का संयोजन भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ की प्रो. मांडवी सिंह के निर्देशन में हुआ.

विमोचन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कुलगीत को साझा करते हुए लिखा, “मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय ‘भद्रं भद्रं क्रतुमस्मासु धेहि’ की अवधारणा से सुसज्जित है. ये राष्ट्र की सांस्कृतिक, प्राकृतिक, वैदिक और सनातन चेतना के स्वर से समृद्ध है.”
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह ने कहा कि ये कुलगीत देवीपाटन मंडल के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को दर्शाता है. इसमें धर्म, संस्कृति और नवाचार का स्पंदन झलकता है. उन्होंने कुलगीत के निर्माण में योगदान देने वाले सभी कर्मचारियों, अधिकारियों, प्राचार्यों, शिक्षकों, छात्रों और छात्राओं को हार्दिक बधाई दी.
ये कुलगीत न केवल विश्वविद्यालय की पहचान को मजबूत करता है, बल्कि देवीपाटन मंडल की समृद्ध विरासत को भी सामने लाता है. ये क्षेत्र के शैक्षिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास में मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है.
