 
                  बलरामपुर में CM Dashboard ने विकास कार्यों और राजस्व वसूली का ऐसा पोस्टमॉर्टम किया कि अफसरों की कुर्सी से लेकर ठेकेदारों के बिल तक सबकी कंपकंपी छूट गई। DM पवन अग्रवाल ने मीटिंग में साफ कर दिया कि अब कागजों की बाजीगरी नहीं चलेगी — हर योजना, हर निर्माण, हर राजस्व वसूली सीधे CM Dashboard पर लाइव होगी। जो विभाग फिसड्डी निकलेगा, उसकी रिपोर्ट सीधी शासन में जाएगी।
CM Dashboard Review: बलरामपुर DM की मीटिंग में अफसरों की क्लास, कुर्सी भी कांपी!
✅ Written by khabarilal.digital Desk
📍 Location: बलरामपुर
🗞️Reporter: राहुल रतन
फाइलों की रैंकिंग और कुर्सियों का कांपना — CM Dashboard का कमाल!
बलरामपुर के DM पवन अग्रवाल ने जब सीएम डैशबोर्ड खोला तो अफसरों की नींद तो वही फाइलों में दब गई। जिन फाइलों को अब तक सरकारी अलमारी में नींद के गद्दे मिले थे, वो अब एक-एक कर स्क्रीन पर नंगी खड़ी हो गईं। जिन विभागों की रैंकिंग सालों से पिछली सीट पर सो रही थी, DM ने उन्हें खींचकर मीटिंग रूम में पटक दिया। आदेश साफ़ — अब फाइलों में नहीं, जमीन पर काम दिखाओ। कुर्सी पर बैठे-बैठे विकास नहीं होगा, कुर्सी की ऊन भी उधेड़ी जाएगी। CM Dashboard ने आंकड़ों को ऐसे खींचा कि अफसरों की गर्मी में भी पसीने ठंडे पड़ गए। अब हर फाइल DM की नजर में है, बचोगे कैसे साहब?
राजस्व वसूली में ढील, अब बेल्ट कसो वरना बेल्ट खुलेगी!
अब बात राजस्व वसूली की — साहब कह रहे थे, “कागज़ों में करोड़ों का वसूली लक्ष्य, पर जमीन पर फुस्स!” DM ने जब देखा कि वसूली के नाम पर सिर्फ नोटशीटें घूम रहीं हैं, तो सीधे बेल्ट कसने का फरमान जारी कर दिया। राजस्व विभाग के अफसरों को अब हर दिन के आंकड़े सीएम डैशबोर्ड पर चढ़ाने होंगे। जो फील्ड में घूमेंगे नहीं, उनसे घसीट-घसीट कर जवाब मांगा जाएगा। मीटिंग में साफ़ चेतावनी — अगर डाटा में झोल हुआ तो शासन में सीधी चिट्ठी जाएगी। अब साहब लोग तय करें — पसीना बहाएँगे या कुर्सी खाली करेंगे!
फीडिंग में फर्जीवाड़ा? अब हर क्लिक पर DM की सीधी नज़र!
कागज़ी आंकड़ों का खेल बलरामपुर में पुराना है, लेकिन इस बार DM ने सीएम डैशबोर्ड को ही वॉचडॉग बना दिया है। मीटिंग में फरमान निकला — डाटा फीडिंग में कोई लापरवाही हुई तो अफसर खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारेंगे। अब हर विकास कार्य, हर राजस्व रिपोर्ट एक क्लिक में DM की स्क्रीन पर नाच रही है। जिन बाबुओं को अब तक डाटा एंट्री से ज्यादा चाय की प्याली प्यारी थी, उनकी अब शामत आने वाली है। अफसरों को डाटा फीड करने से पहले तीन बार चेक करने का हुक्म है — वरना रिपोर्ट और कुर्सी दोनों फेल!
निर्माण कार्यों पर भी नजर — ठेकेदारों से लेकर अफसरों तक फाइलें गरम!
DM ने सिर्फ कागज़ों तक खुद को नहीं रोका — निर्माण कार्यों का भी ऐसा हाल पूछा कि ठेकेदारों को भी पसीना आ गया। चेतावनी दी — सड़क हो या पुलिया, सब समय से और गुणवत्ता से पूरे हों वरना बिल नहीं पास होगा। कार्यदाई संस्थाओं को कह दिया गया — आधा-अधूरा काम नहीं चलेगा, अब सीएम डैशबोर्ड हर ईंट का हिसाब रखेगा। यानी अब विकास की सड़क पर गड्ढे नहीं — गड्ढों में बैठे कमीशनखोर पकड़ाएंगे। अफसर भी समझ लें — अब सीएम डैशबोर्ड किसी की सिफारिश से डरने वाला नहीं!
तो अब बलरामपुर में सीएम डैशबोर्ड ने फाइलों की नींद और अफसरों की तंदुरुस्ती दोनों पर नजर गड़ा दी है। अब देखना होगा कि रैंकिंग ऊपर जाती है या अफसरों की कुर्सी नीचे गिरती है!

 
         
         
         
        