Bulandshahr Underpass Flood- बारिश से रेलवे अंडरपास बना तालाब
Bulandshahr Underpass Flood-बुलंदशहर के खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र में ईदगाह रोड का रेलवे अंडरपास 5 फीट गहरे पानी में डूबा। दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा। लोग रेलवे ट्रैक से गुजरने को मजबूर। नगर निगम और रेलवे विभाग बेखबर। Bulandshahr Underpass Flood अब प्रशासन की जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
बारिश में बह गई विकास की पोल — अंडरपास में नाव नहीं तो रेलवे ट्रैक चढ़ो, जान जाए तो अफसरों को क्या! Bulandshahr Underpass Flood
जनपद बुलंदशहर में जहां-जहां मूसलाधार बारिश हुई, वहां-वहां विकास के पोस्टर बह गए। थाना खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र का ईदगाह रोड स्थित रेलवे अंडरपास इसका ताज़ा नमूना है। पानी भरते-भरते हालात ऐसे हो गए कि करीब 4 से 5 फीट का विकास कुंड बन गया है। इस अंडरपास से जुड़े दर्जनभर गांवों का संपर्क शहर से कट गया है — और नगर निगम के अफसर अपनी मीटिंग में बिजी हैं!

रेलवे लाइन बना रोड, मोटरसाइकिल बने कंधों का बोझ
जब अंडरपास तालाब बन जाए तो इंसान क्या करे? मजबूरी में लोग रेलवे ट्रैक पर चढ़कर जान हथेली पर लेकर गुजर रहे हैं। कई जांबाज तो अपनी मोटरसाइकिल को कंधे पर उठाकर पटरी के ऊपर से ले जाते दिखे। किसी को कोई डर नहीं कि कब ट्रेन आए और सब विकास के नाम पर बलि चढ़ जाएं। मगर रेलवे अफसर हैं कि बेजान फोन पर ठोस जवाब तक नहीं दे रहे!
एम्बुलेंस और दमकल? सपना देखो, साहब!Bulandshahr Underpass Flood

कभी सोचा है, किसी गांव में आग लग जाए या कोई बीमार मरने की कगार पर हो — तो क्या होगा? जवाब सीधा है — दमकल गाड़ी और एम्बुलेंस पानी में तैरना नहीं जानतीं! गांव वालों को अपनी किस्मत का भरोसा ही एकमात्र सहारा है। उधर नगर निगम के बाबू चाय के साथ बिस्कुट खाते हुए अगली फाइल का इंतज़ार कर रहे हैं।
शिकायतें हज़ार, सुनवाई जीरो — जिम्मेदार अब भी बेशर्म
गांववालों ने न जाने कितनी बार रेलवे विभाग को नलियों की सफाई और पानी निकासी के लिए चिट्ठियां भेजीं — लेकिन सरकारी फाइलें भीगती नहीं हैं, बस धूल खाती हैं! निकासी की जगह अफसरों की नैतिक जिम्मेदारी ही बह गई है। रेलवे के बड़े साहबों ने कानों में रुई डाल ली है — बाकी जो रह गया वो नगर निगम की लापरवाही ने पूरा कर दिया है।
कब जागेंगे ‘सोते’ अफसर? कोई जवाब नहीं! Bulandshahr Underpass Flood

सवाल बड़ा है — कब तक लोग रेलवे ट्रैक पर जान जोखिम में डालकर चढ़ते रहेंगे? कब तक अंडरपास ‘तालाब’ बनता रहेगा? कब नगर निगम और रेलवे विभाग मिलकर कोई स्थायी इलाज करेंगे? फिलहाल तो गांववाले भगवान भरोसे और प्रशासन नींद भरोसे हैं।
✅ Written by khabarilal.digital Desk
📍 Location: बुलंदशहर,यूपी
🗞️Reporter: सुरेंद्र सिंह भाटी
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