Bulandshahr Rain: झमाझम बारिश से खुली नगर पालिका की पोल,
Bulandshahr Rain: राहत या आफ़त?
Bulandshahr Rain ने जैसे ही ज़मीन को छुआ, वैसे ही लोगों ने राहत की सांस भरी। उमस में पसीना पोंछ रहे लोग झमाझम बारिश में ऐसे नहाए कि गर्मी कहीं पीछे छूट गई। बच्चों ने छतों और गलियों में कागज की नावें तैराईं। लेकिन राहत की यह फुहारें कब आफ़त में बदल गईं, किसी को खबर ही नहीं लगी।ॉ
Bulandshahr Rain: कोर्ट परिसर बना Swimming Pool!
Bulandshahr Nagar Palika के दावों की नमी इस बारिश ने धोकर रख दी। आधे घंटे की Bulandshahr Rain ने जिला कोर्ट परिसर को ऐसा Water Park बना डाला कि जज साहब भी सोच में पड़ गए — किस केस को निपटाएं, पहले पानी को निकालें या फरियादी को? करीब दो फीट तक पानी कोर्ट में ऐसे लहराया कि वकील साहब की फाइलें भी तैरने लगीं। फरियादी तो पानी में अपनी गुहार ही डुबो बैठे!
Bulandshahr Rain: नगर पालिका का Drain System ड्रामा

हर साल Bulandshahr Nagar Palika सफाई के नाम पर ड्रेन सफाई का ढोल पीटती है। लेकिन Bulandshahr Rain ने दिखा दिया कि ढोल अंदर से खोखला है! नालियां कागजों में साफ, हकीकत में गंदगी से भरी। नतीजा? गली-मोहल्ले तालाब, घरों में गंदा पानी। लोग बाल्टी लेकर घर से पानी बाहर फेंक रहे हैं, लेकिन नगर पालिका के अफसर साहब AC में बारिश का लुत्फ ले रहे हैं!
Bulandshahr Rain: कब सुधरेंगे हालात?
Bulandshahr Rain ने बता दिया कि नगर पालिका के सारे इंतजाम कागजों तक सीमित हैं। बरसात में जो हालात हुए, उससे लोग सवाल कर रहे हैं — बजट कहां गया? सफाई के नाम पर किसका पेट भरा? Court में दो फीट पानी और गलियों में नाव, यह हालात हर साल क्यों?
लोगों की मांग है कि Bulandshahr Nagar Palika के अफसरों को भी Court परिसर में खड़ा कर दिया जाए, ताकि वो खुद देख सकें कि Drain System का असली Report Card क्या है!

Bulandshahr Rain: कागज से निकलो, ज़मीन पर उतरो!
Bulandshahr Rain हर साल आती है, नगर पालिका के दावे हर साल बह जाते हैं। लोग राहत चाहते हैं, गटर गाथा नहीं! अब जनता कह रही है — साहब, कागज पर नहीं, ज़मीन पर काम दिखाओ। वरना अगली बारिश में गटर ही आपको बहा ले जाएगी!
Bulandshahr Rain: जनता भीग रही, नेता ढींगे मार रहे!

Bulandshahr Rain में जहां जनता की छतें टपक रही हैं, घर तालाब बन गए हैं, वहीं Bulandshahr Nagar Palika के जिम्मेदार अफसर और नेता ट्वीट-फोटो में झूठा विकास दिखा रहे हैं। कहीं सेल्फी से सफाई हो रही है, तो कहीं मीटिंग में Drain साफ हो रहे हैं। लेकिन जरा गलियों में उतर कर देखिए — पानी के झाग में विकास भी बह गया है! जनता कह रही है — बारिश से भीगना मंजूर है, पर झूठे वादों में डूबना नहीं!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: सुरेंद्र सिंह भाटी
📍 लोकेशन: बुलंदशहर, यूपी
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