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Bulandshahr Illegal Mining की नई पटकथा में खनन अधिकारी ने अहमदगढ़ और शिकारपुर के जंगलों में घुसकर माफियाओं की जेसीबी और डंपर पर सीधी कार्रवाई की। बिना परमिशन के खनन कर रहे 7 भारी वाहन सीज हुए। पुलिस-प्रशासन की इस संयुक्त रेड से Bulandshahr Jungle Mining का सच उजागर हुआ और माफिया खनन के दलदल में धंसते दिखे।
✍️ रिपोर्ट:सुरेंद्र भाटी
बुलंदशहर में अवैध खनन पर आखिरकार खनन विभाग की नींद टूटी—और जब टूटी, तो जेसीबी की गड़गड़ाहट और डंपरों की दौड़ मच गई।
इस बार खनन अधिकारी खुद मैदान में उतरे और सीधे जंगलों में घुसकर माफियाओं को उनकी ही धूल चटवा दी।
🔥Bulandshahr Illegal Mining- जंगल में खनन, और खनन में जंगलराज!
अहमदगढ़ थाना क्षेत्र के फतेहगढ़ के जंगल और शिकारपुर कोतवाली क्षेत्र—दोनों जगहों से खनन माफिया खुलेआम बिना परमिशन के जेसीबी और डंपर दौड़ा रहे थे। मानो खनन विभाग उनके चाचा का घर हो!
लेकिन सोमवार को जब खनन अधिकारी पुलिस बल के साथ संयुक्त कार्रवाई में मौके पर पहुंचे, तो नज़ारा कुछ और ही था।
फतेहगढ़ जंगल से 2 JCB और 3 डंपर
शिकारपुर क्षेत्र से 1 JCB और 1 डंपर
कुल मिलाकर 7 भारी वाहन जब्त किए गए। माफिया ऐसे भागे जैसे खदान में नहीं, ट्रेनिंग में दौड़ रहे हों।
🛑 बिना परमिशन, लेकिन पूरे कॉन्फिडेंस में!

माफियाओं का हौसला देखिए—न परमिशन, न डर। जंगल के भीतर खनन की लाइन लगाई हुई थी। ना कोई दस्तावेज, ना रोक-टोक। और ऊपर से GPS से भी ज्यादा सटीक प्लानिंग।
शायद ये मान बैठे थे कि जंगल में तो सरकार नहीं आती, लेकिन इस बार सरकार खुद जेसीबी लेकर पहुंच गई।
Bulandshahr Illegal Mining- “करेंगे कार्रवाई, चाहे कोई हो माफिया”

खनन अधिकारी ने साफ कह दिया—
“बिना अनुमति खनन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं। ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।”
मतलब अब माफियाओं की खैर नहीं। फाइलों से बाहर आकर अब जेसीबी सीधा खदानों तक पहुंच रही है।
खनन माफिया की नैतिक खुदाई
इस कार्रवाई से खनन माफियाओं की नैतिक नींव भी दरक गई है। गांव वालों का कहना है कि ये लोग अब तक प्रशासन को धता बताकर जंगलों की छाती चीर रहे थे, लेकिन आज पहली बार किसी ने सीधा पकड़कर गाड़ी सीज कर दी।
कुछ माफिया तो इतने घबराए कि अपनी चप्पलें तक वहीं छोड़कर भागे।
Bulandshahr Illegal Mining-सवाल वहीं का वहीं!
लेकिन असली सवाल ये है—जब जेसीबी और डंपर बिना परमिशन चल रहे थे, तो इतने दिन तक खनन अधिकारी कहां थे? क्या ये पहली बार पकड़ में आया, या पहले आंखें मूंद ली जाती थीं?
इस पर अधिकारी चुप हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर मीम्स तेज़ हैं—
“खनन माफिया को ना रोको भाई, कभी-कभी तो जेसीबी भी सैर पर जाती है।”
Bulandshahr Illegal Mining में हुई इस कार्रवाई ने एक बात तो साफ कर दी—जंगलों में अब कानून की दस्तक सुनाई देने लगी है। लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है। अगर यही तेवर बने रहे, तभी खनन माफिया की मशीनें ठप होंगी।
वरना कल को यही जेसीबी फिर किसी और जंगल में खोदाई करती मिलेगी, और खबर बनती रहेगी।

 
         
         
         
        