Bulandshahr Daroga Pitaai FIR
Bulandshahr Daroga Pitaai: अरे दरोगा जी! कहां फंस गए?
Bulandshahr Daroga Pitaai केस ने यूपी पुलिस की लाठी की हेकड़ी को किसानों ने गंगागढ़ पुलिया पर चूर-चूर कर दिया। रामघाट थाने में तैनात दरोगा संजीत कुमार बेचारे अकेले थे — सामने थे भाकियू के ताव में आए कार्यकर्ता। नतीजा? पीट-पीट कर दरोगा जी को धराशाई कर दिया गया। इस Bulandshahr Daroga Pitaai की गूंज अब चौपाल से लेकर ट्विटर तक सुनाई दे रही है।
Bulandshahr Daroga Pitaai: FIR से ताव, ताव से थप्पड़

सब झगड़ा शुरू हुआ मारपीट की FIR से। पुलिस ने भाकियू कार्यकर्ता पंकज पर केस दर्ज कर दिया। भाई! भाकियू वाले कोई कागज़-पत्तर पर मान जाएं, ऐसा कैसे? बस फिर क्या — Bulandshahr Daroga Pitaai की पटकथा तैयार हो गई। गंगागढ़ पुलिया पर जैसे ही दरोगा संजीत दिखे, वैसे ही भाकियू कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए — और फिर… दरोगा जी को गिरा गिराकर पीट डाला। तमाशा देख रहे लोग सोचते रहे — ये है Bulandshahr या जालियांवाला बाग?
Bulandshahr Daroga Pitaai: पुलिस की तहरीर, किसान की हथेली
अब पुलिस ने भी क्या छोड़ा! दरोगा की पिटाई होते ही थाना रामघाट में दरोगा संजीत कुमार ने तहरीर लिखवाई — 10-15 भाकियू कार्यकर्ता नामजद कर दिए गए। Bulandshahr Daroga Pitaai केस में 6 दबोच लिए गए, बाकी की तलाश में पुलिस गांव-गांव ढोल बजा रही है। पर भैया! किसान आंदोलन के बाद भाकियू के हौसले वही पुराने हैं — पुलिसिया केस उनके लिए प्याज के छिलके हैं।
Bulandshahr Daroga Pitaai: किसान Vs सरकार — किसकी चलेगी?
Bulandshahr Daroga Pitaai केस ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है — क्या पुलिस की वर्दी में इतनी ताक़त नहीं कि वो FIR दर्ज करे और खुद की हिफाज़त भी कर पाए? भाकियू वाले सड़क पर कानून बना रहे हैं या कानून से बड़ा हो गए हैं? सवाल तो ये भी है कि FIR से बौखलाए लोग दरोगा को सरेआम पीटें — और प्रशासन तमाशा देखे? फिर किसका डर बचेगा?
Bulandshahr Daroga Pitaai: किसान की लाठी, पुलिस की लाठी
Bulandshahr Daroga Pitaai के बाद अब सोशल मीडिया पर पोस्ट उड़ रही हैं — ‘किसान की लाठी में है दम!’ पुलिस अफसर भी गुपचुप में कह रहे हैं कि खेत से निकला किसान जब सड़कों पर उतरता है तो लाठी भी हार जाती है। पर कब तक? अगर FIR ही चिढ़ दिला दे तो कानून-व्यवस्था का दम घुटने में देर नहीं लगेगी। अब देखना है कि भाकियू बनाम पुलिस की ये जंग अगले पंचायत चुनावों में कौनसा रंग दिखाएगी।
Bulandshahr Daroga Pitaai: कब सुधरेगा हाल?
Bulandshahr Daroga Pitaai केस पर जिले के अफसरान भी सांसत में हैं। कहीं आंदोलन ना भड़क जाए — इस डर से दबाव अलग से। भाकियू कार्यकर्ता भी लामबंद हैं — गरज यही कि दरोगा को पिटा, अब केस भी वापिस लो।
Bulandshahr Daroga Pitaai: मुक़दमा दर्ज, हथकड़ी तैयार
Bulandshahr Daroga Pitaai की कसम! यूपी पुलिस ने भी इस थप्पड़ के बदले हाथ जोड़कर माफ़ी नहीं मांगी — सीधे केस दर्ज कर डाला। दरोगा संजीत कुमार की तहरीर पर 10-15 भाकियू कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। पुलिस ने तेजी दिखाते हुए Bulandshahr Daroga Pitaai के 6 आरोपी कार्यकर्ताओं को दबोच लिया। बाकियों की तलाश में थाना रामघाट की गाड़ी अब हर गाँव में घंटा बजा रही है।
लेकिन सवाल वही — क्या ये केस दरोगा की इज़्जत लौटाएगा? या भाकियू कार्यकर्ता फिर जमानत पर आकर थाने के बाहर तंबू तान देंगे?
Bulandshahr Daroga Pitaai: अब किसके डर से रुकेगा थप्पड़?

Bulandshahr Daroga Pitaai ने यूपी पुलिस की लाठी पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है — जब किसान गुस्से में हो तो कानून हाथ बांधकर खड़ा हो जाता है क्या? मुक़दमा दर्ज है, गिरफ़्तारी भी हो गई — पर दरोगा की वर्दी पर पड़े हाथों के निशान सरकार को दिखेंगे भी या सब FIR के पन्नों में दफ़न रह जाएगा?
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: सुरेंद्र सिंह भाटी
📍 लोकेशन: बुलंदशहर, यूपी
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