Bulandshahr Car Accident-सड़कें अब सिर्फ सफ़र की जगह नहीं रहीं, ये अब रफ्तार और लापरवाही की रिंग बन चुकी हैं। बुलंदशहर के थाना नगर कोतवाली क्षेत्र की टीचर्स कॉलोनी में ऐसा ही एक ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ ड्रामा रियल लाइफ में देखने को मिला — जहाँ शराब, स्पीड और बेफिक्री ने मिलकर ‘नियमों की चिता’ जलाई।
घटना एक आम सड़क हादसा नहीं, बल्कि चलती सड़क पर किस्मत के पहियों का क़ातिल खेल था। रोड किनारे खड़ी कार को सामने से आ रही एक तेज़ रफ्तार अनियंत्रित कार ने इतनी जोरदार टक्कर मारी कि गाड़ी के पुर्ज़े इज्ज़त की तरह बिखर गए।
अजीब विडंबना देखिए—जहां ‘टीचर्स कॉलोनी’ में तालीम की बातें होनी चाहिए थीं, वहां अब रफ्तार की गालियां गूंज रही हैं।
Bulandshahr Car Accident-मौत से यूं टकराई ज़िंदगी
हादसे के वक्त सड़क किनारे खड़ी कुछ महिलाएं अपने रोज़मर्रा के ‘सड़क सेफ्टी’ वाले सिंपल रास्ते से गुजर रही थीं, लेकिन किस्मत ने उन्हें झकझोर दिया।
सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि अगर वो महिलाएं दो कदम और आगे बढ़ जातीं, तो इस खबर की हेडलाइन कुछ और होती—“बुलंदशहर में तेज़ रफ्तार ने छीन ली माँ-बेटियों की मुस्कान”
बचाने की कोशिश, लेकिन कार सवार निकले ‘निकलवादी’
हादसे के बाद मौके पर मौजूद महिलाओं ने तुरंत हरकत में आकर कार से निकल रहे युवकों को रोकने की कोशिश की, लेकिन इन ‘रोड रोबिनहुड्स’ की नैतिकता कार की स्पीड से भी तेज़ निकली—वो भाग खड़े हुए।
गाड़ी में सवार युवक किसी फ़िल्मी विलेन की तरह एक्सीडेंट के बाद शॉर्ट कट से निकल लिए।
Bulandshahr Car Accident-CCTV ने खोल दी पोल
घटना की पूरी कहानी पास के एक घर में लगे CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, और ये फुटेज अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे ड्राइवर ने ब्रेक की जगह ब्रेन से काम लेना छोड़ दिया, और सीधा जाकर सामने खड़ी कार में घुस गया।
अब सवाल ये नहीं कि टक्कर क्यों हुई, सवाल ये है कि…
कार सवार नशे में थे या बस ज़िम्मेदारी से बेखबर?
रफ्तार की लत कब हमारी सड़कों से उतरकर सिस्टम की सोच में आएगी?
CCTV होने के बावजूद पुलिस अभी तक सिर्फ ‘जांच कर रहे हैं’ की प्ले लूप में क्यों है?
Bulandshahr Car Accident-जांच में जुटी पुलिस
पुलिस के मुताबिक मामला नगर कोतवाली क्षेत्र का है, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच जारी है, और कार सवार युवकों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
मतलब — जांच का व्हील घूम रहा है, लेकिन नतीजों का एक्सीलेटर अभी भी न्यूट्रल में है।
बुलंदशहर की टीचर्स कॉलोनी अब ‘पढ़ने-सिखाने’ की नहीं, सीख लेने की जगह बन गई है। ये हादसा महज एक हादसा नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए चेतावनी है जो ड्राइविंग सीट को थ्रिल का थियेटर समझता है।
कान खोलकर सुन लीजिए—सड़कें रेस ट्रैक नहीं होतीं और गाड़ी चलाना कोई ‘गदर 3’ का सीन नहीं है।
अगर अब भी ना चेते, तो अगली ख़बर किसी के घर की हेडलाइन बन सकती है — “खुदा गवाह है, पर सड़क पर ड्राइवर नहीं!”
