Bulandshahr ArmsRacket: गिरोह का भंडाफोड़
Bulandshahr ArmsRacket में यूपी पुलिस ने उस ऑन-डिमांड हथियार सप्लाई नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जो मेड इन इटली पिस्टलों को मेड इन बुलंदशहर तस्करों के ज़रिये दिल्ली-NCR में सप्लाई कर रहा था। शाकिब, साहिल और आरिश नाम के ये ‘डिलीवरी बॉय’ बाइक से बारूद का कारोबार चला रहे थे। पुलिस की फिल्मी शैली में कार्रवाई ने इस देसी Zomato ऑफ गन सप्लाई को बीच रास्ते में ही डिलीट कर दिया।
जनपद बुलंदशहर, यूपी | 24 जून 2025 | संवाददाता: सुरेन्द्र सिंह भाटी
जब दिल्ली-एनसीआर की हवा गर्म होती है, तो यूपी का बुलंदशहर ठंडी सांस नहीं लेता, बल्कि मेड इन इटली पिस्टलों की सप्लाई ऑन डिमांड करके उसे और भी ‘फायर’ बना देता है। जी हां, बुलंदशहर के थाना सिकंदराबाद की पुलिस ने तीन ऐसे युवाओं को गिरफ्तार किया है, जो अवैध हथियारों की होम डिलीवरी का स्टार्टअप चला रहे थे।
Bulandshahr ArmsRacket -पिस्टल मेड इन इटली, पकड़ मेड इन बुलंदशहर
गिरफ्त में आए शातिर तस्कर शाकिब, साहिल और आरिश—नाम से मासूम और काम से कातिल सप्लायर—दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, हापुड़ समेत पूरे एनसीआर में ज़रूरत के हिसाब से अवैध हथियारों की डिलीवरी कर रहे थे। ग्राहक बोले तो गोली तैयार। मेड इन इटली पिस्टल, 6 कारतूस और एक बाइक पुलिस ने इनकी जेब से नहीं, इरादों से बरामद की है।
सिकंदराबाद पुलिस की स्क्रिप्ट हिट निकली

CO भाष्कर मिश्रा ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर सलमान पर पहले से नजर थी। पुलिस को खुफिया सूचना मिली कि उसे ‘खास डिलीवरी’ मिलने वाली है। पुलिस ने जाल बिछाया और हथियार लेकर आए इन तीनों ऑन-डिमांड डिलीवरी बॉयज़ को रंगे हाथों धर दबोचा। सलमान तो रडार पर था ही, लेकिन अब उसके ‘ऑनलाइन सेलर’ भी सलाखों के पीछे हैं।
Bulandshahr ArmsRacket -हथियार सप्लाई का Zomato मॉडल
ये गिरोह आधुनिक तकनीक की तरह काम करता था—कॉल करो, लोकेशन दो, और हथियार लो। नो रसीद, नो गारंटी, लेकिन क्वालिटी इंटरनेशनल। अब सवाल उठता है कि मेड इन इटली पिस्टल इन देसी डीलरों तक पहुंच कैसे रही थी? क्या इसके पीछे कोई इंटरनेशनल नेटवर्क है या फिर ये लोकल क्राइम का हाई-कैलिबर अपग्रेड है?
बाइक पर पिस्टल, कमर में नेटवर्क
इनके पास से बरामद बाइक इस बात का सबूत है कि कैसे ये ‘मोबाइल वार जोन’ बन चुके थे। पुलिस अब इनके नेटवर्क की जांच कर रही है। ये कोई एक रात की कहानी नहीं, बल्कि एक लंबा हथियारनामा है जिसमें नोएडा से लेकर ग़ाज़ियाबाद तक कई चैप्टर बाकी हैं।
Bulandshahr ArmsRacket -नोटबंदी के बाद ये ‘बंदूकबंदी’ कब होगी?
जब हर गली में पिस्तौल ऑन डिमांड मिलने लगे तो ये सोचने की ज़रूरत है कि समाज किस ओर जा रहा है। यूपी पुलिस की इस कार्रवाई ने साबित किया है कि सिस्टम सो नहीं रहा, लेकिन सवाल अब भी ये है—कितने और शाकिब, साहिल और आरिश समाज में घूम रहे हैं जो किसी ‘सलमान’ के वॉट्सऐप पर अगली डिलीवरी की तैयारी कर रहे हैं?
