 
                  बीजेपी का नया अध्यक्ष कौन.? संगठनात्मक अनुभव के साथ जातीय-क्षेत्रीय समीकरण जिसके पास, उसी के हाथ भाजपा की कमान? Exclusive Story
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी जिसे आज की तारीख में देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बताया जाता है, जल्द ही उसके नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है. क्योंकि पार्टी में हमेशा सब कुछ लोकतांत्रिक तरीके से होता आया लिहाज़ा इस बार भी उसी तरीके से BJP President के नाम का चुनाव किया जाना है. खबरों की मानें तो भाजपा अध्यक्ष बनने की रेस में 6 नामों पर विचार चल रहा है. इनमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल, भूपेंद्र यादव, विनोद तावड़े, धर्मेंद्र प्रधान, सुनील बंसल जैसे दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं.
पार्टी से जुड़े लोगों की मानें तो भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के लिए 3 मुख्य बातों को ध्यान में रखा जा रहा है…
पहला – संगठनात्मक अनुभव
दूसरा – क्षेत्रीय संतुलन
तीसरा – जातीय समीकरण
BJP National President Election के लिए जल्द ही एक केंद्रीय चुनाव समिति का गठन हो सकता है. Election की जरूरत पड़ती है तो ये समिति नामांकन, जांच और मतदान का प्रोसेस पूरा करेगी. बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष JP Nadda का कार्यकाल जून 2024 को खत्म हो चुका है. वह पहले से एक्सटेंशन पर चल रहे हैं. नड्डा केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं इसी वजह से पार्टी जल्द ही नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी में लगी हुई है.
क्या कहता है पार्टी संविधान?
पार्टी संविधान के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 50% राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुनने के बाद किया जाता है. फिलहाल BJP की 37 मान्यता प्राप्त State Unit हैं. जिनमें से 26 राज्यों में अध्यक्ष चुने जा चुके हैं, पार्टी ने जुलाई की में ही 9 राज्यों में (हिमाचल, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, MP, पश्चिम बंगाल, दमन दीव और लद्दाख) नए प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए थे. इससे पार्टी प्रेसीडेंट के चुनाव की तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है.
कौन हैं चार मुख्य दावेदार?
- शिवराज सिंह चौहान – RSS की पहली पसंद. पॉपुलर और Mass Leader.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं, चार बार MP के CM रह चुके हैं. CM रहते हुए लाडली बहना योजना शुरू की जो विधानसभा चुनाव में Game Changer साबित हुई और दूसरे राज्यों के लिए भी Roll Model बन गई. अब विपक्षी दल भी इस योजना को कॉपी करने लगे हैं. चौहान के पास सरकार और संगठन चलाने का लंबा अनुभव है. इसीलिए ये RSS की पहली पसंद बने हुए हैं.
- मनोहर लाल – पीएम मोदी और RSS को पसंद हैं मनोहर

दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके और मौजूदा समय में केंद्र में मंत्री मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने साथी हैं. उनकी दोस्ती 90 के दशक की बताई जाती है जब दोनों किसी पद पर नहीं थे. एक ही स्कूटर पर घूमते थे. Manohar Lal की छवि एक ईमानदार और कड़क नेता की है. RSS का बैकग्राउंड भी है. लेकिन हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले उन्हे CM पद से हटाया गया था. कुछ दावों के मुताबिक हरियाणा में मनोहर लाल को लेकर लोगों में नाराजगी थी. ऐन वक्त पर Nayab Singh Saini को चलती सरकार में मुख्यमंत्री बनाया गया जो प्रदेश में फिर से सरकार बनाने में कामयाब हो पाए.
- धर्मेंद्र प्रधान – RSS-BJP के साइलेंट वॉरियर, संगठन में कोई विरोधी नहीं

धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा से आते हैं… वो मौजूदा सरकार में एजुकेशन मिनिस्टर हैं और सरकार, संगठन दोनों में पसंद किए जाते हैं. धर्मेंद्र प्रधान 2010 में BJP के राष्ट्रीय महासचिव बने थे. 2 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा सांसद भी रहे. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में धर्मेंद्र प्रधान इस्पात, पेट्रोलियम और कौशल विकास मंत्री रह चुके हैं. संबलपुर सीट से सांसद हैं प्रधान को लेकर RSS को एतराज नहीं है. Top Leadership के करीबी हैं साथ ही पार्टी या संगठन में कोई विरोधी नहीं है.
- सुनील बंसल – अमित शाह के करीबी हैं और UP में भाजपा को जितवाया था

सुनील बंसल राजस्थान से आते हैं और अभी ओडिशा, बंगाल और तेलंगाना के प्रभारी हैं. कहते हैं यूपी में BJP की सरकार बनवाने में उन्होने बड़ी भूमिका निभाई थी. इसी वजह से उन्हे नेशनल लेवल पर जगह मिली. लोकसभा चुनाव 2024 के वक्त भी Sunil Bansal प्लानिंग और एक्जीक्यूशन का हिस्सा थे. ये RSS के बैकग्राउंड से आते हैं जिनकी संगठन और पार्टी पर अच्छी पकड़ है. अमित शाह से करीबी होने की वजह से पार्टी अध्यक्ष की दावेदारी पर बंसल के नाम पर मुहर लग सकती है.
किसे मिलेगी BJP की Power?
आपको बता दें पार्टी के नियम के अनुसार BJP President का कार्यकाल 3 साल का होता है. एक व्यक्ति 2 से ज्यादा बार पार्टी अध्यक्ष नहीं बन सकता अब क्योंकि नड्डा अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और पहले से एक्सटेंशन पर हैं. इसलिए इस बार किसी नए चेहरे को पार्टी की कमान और पॉवर मिल सकती है. लेकिन किसे……… ये भी जल्द ही पता चल जाएगा.

 
         
         
        