
BJP MLA Farmhouse Demolished. अरावली में बने BJP विधायक मनमोहन भड़ाना के फार्महाउस पर बुलडोज़र एक्शन. Supreme Court के आदेश पर कार्रवाई
Faridabad : हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा से BJP MLA Manmohan Bhadana को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है… बताया जा रहा है कि विधायक जी के फरीदाबाद स्थित फार्महाउस को फरीदाबाद प्रशासन ने अवैध निर्माण के तहत 14 जून को तोड़ दिया है. हालांकि ये कार्रवाई Supreme Court के आदेश के तहत की गई थी, इसके बावजूद अरावली वन क्षेत्र में बने इस Farmhouse पर कार्रवाई के दौरान प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. अब जुलाई 2025 तक प्रशासन को इस मामले में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करनी है. जिसके बाद अगस्त में फिर से इस मामले पर सुनवाई होगी.
कार्रवाई की पूरी जानकारी
Faridabad प्रशासन और वन विभाग ने 5 JCB और एक पोपलेन की मदद से फार्महाउस को ध्वस्त किया… कार्रवाई के दौरान 300 से ज्यादा पुलिस जवान, 9 ड्यूटी मजिस्ट्रेट, जिला वन अधिकारी और अरावली के लीगल एडवाइजर मौके पर मौजूद थे. तोड़फोड़ से पहले सामान हटाने का समय दिया गया था लेकिन किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई.
विधायक और समर्थकों का विरोध
अनंगपुर गांव में कार्रवाई के दौरान विधायक की टीम और समर्थकों ने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया और इसे रोकने की कोशिश की… स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि वन विभाग ने रिश्वत लेकर पहले फार्महाउस बनवाए और अब तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है. पूर्व मेयर देवेंद्र भड़ाना ने वन विभाग पर महिपाल ग्रीन वैली की जमीन को गलत तरीके से फॉरेस्ट क्षेत्र से बाहर दिखाने का आरोप लगाया. पूर्व मंत्री करतार भड़ाना के भतीजे अमित भड़ाना ने प्रशासन की कार्रवाई को अनुचित बताया और सरकार से नीति स्पष्ट करने की मांग की.
बीजेपी विधायक का बयान
मनमोहन भड़ाना ने दावा किया है कि उनका फार्महाउस अवैध नहीं था और इसके लिए उनके पास रजिस्ट्री समेत सभी वैध दस्तावेज हैं. मनमोहन ने कहा कि उनका “फार्महाउस 1980 से पहले का है जब फॉरेस्ट एक्ट लागू नहीं हुआ था. मैंने खुद इसे तुड़वाया क्योंकि लोग कह रहे थे कि सरकार में होने के कारण मेरा फार्महाउस बचेगा. मैं इस भ्रम को तोड़ना चाहता था. हम कोर्ट में जाएंगे और केस जीतेंगे”.
अरावली में अवैध निर्माण पर कार्रवाई
जिला वन विभाग के अनुसार अरावली वन क्षेत्र में 6,793 छोटे-बड़े अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं जिन्हें जुलाई 2025 तक हटाना है. ये कार्रवाई Supreme Court के जुलाई 2022 के आदेश के तहत हो रही है जिसमें पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (PLPA) के तहत अरावली को संरक्षित वन क्षेत्र मानते हुए सभी अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए गए थे. अनंगपुर, लक्कड़पुर, अनखीर, और मेवला महाराजपुर जैसे गांवों में ये अभियान जारी रहेगा.
पर्यावरणविदों की चिंता
वहीं इस मामले में पर्यावरणविदों का कहना है कि अरावली क्षेत्र गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए हरे फेफड़े की तरह है. अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है. Supreme Court ने 2004 में भी अरावली को संरक्षित करने के लिए सख्त निर्देश दिए थे.