बिजनौर के धामपुर में एक गरीब Widow Struggle कर रही है सूदखोर बाप-बेटे की धमकियों से। पति के लिए लिए कर्ज की रकम चुकाने के बाद भी नसरीन को अब 8 लाख रुपये देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मकान छीनने की धमकी और पुलिस में शिकायत…
कितने में बिकेगा इंसाफ? सूदखोरों की धमकी और Widow Struggle की दास्तान!
Widow Struggle की शुरुआत
ग्राम किरारखेड़ी, धामपुर की रहने वाली नसरीन के जीवन में दुख उस दिन से शुरू हुआ, जब उसके पति मुकीम ने लाला सर्तेन्द्र अग्रवाल और उसके बेटे विपुल अग्रवाल से 40,000 रुपये उधार लिए। ब्याज समेत 45,000 रुपये लौटाकर नसरीन ने सोचा था कि अब सब खत्म… लेकिन Widow Struggle यहीं से असली रूप में शुरू हुई।
Widow Struggle:सूदखोरों का खेल
नसरीन के मुताबिक, सूदखोर बाप-बेटे अब 8 लाख की मांग कर रहे हैं। उनका मकसद साफ है— गरीब की छत छीन लो, धमकियां दो, और मकान हड़प लो। विपुल खुलेआम कहता है, “एसपी से कहकर तेरे लड़कों को उठवा दूंगा।” इस धमकी ने नसरीन के Struggle को और दर्दनाक बना दिया।
कर्ज की सूली पर चढ़ा इंसाफ

नसरीन का कहना है कि इसी तनाव में उसके पति की मौत हो गई। अब वही मकान ही उसका सहारा है। लेकिन सूदखोरों ने उसे भी हड़पने की स्क्रिप्ट लिख ली है। दूसरी तरफ साहूकार सत्येंद्र अग्रवाल कोर्ट के फैसले का हवाला देते हैं कि मकान उनके नाम हो चुका है।
Widow Struggle:पुलिस से उम्मीद
मकान बचाने के लिए नसरीन ने SP Eastern बिजनौर अमित किशोर श्रीवास्तव को शिकायती पत्र देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। उसने साफ कहा है कि अगर मकान गया तो उसके बच्चों का सिर छुपाने को भी जगह नहीं बचेगी। पुलिस ने जांच का भरोसा दिया है,लेकिन क्या यही भरोसा उसके Widow Struggle का अंत करेगा?
कब रुकेगा सूदखोरी का नंगा नाच?

बिजनौर हो या यूपी का कोई गांव, सूदखोरों का खेल आज भी बेखौफ जारी है। ब्याज दर, गाली-गलौज, धमकी, और कोर्ट में पेचीदा लड़ाई— ये सब गरीब को Struggle को खत्म करने की जगह और बढ़ा देते हैं।
सिस्टम का मौन और इंसाफ का सवाल
गांव में सब जानते हैं कौन कितना लूट रहा है, किसके तार कहां जुड़े हैं। लेकिन सिस्टम अकसर गूंगा-बहरा बन जाता है। अब देखना है नसरीन की Struggle को न्याय मिलता है या फिर सूदखोरों के शिकंजे में एक और गरीब विधवा दम तोड़ देगी।
गाँव के लोग भी इस गरीब विधवा की जंग को देख रहे हैं, लेकिन डर के मारे कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं। नसरीन अब उम्मीद लगाए बैठी है कि एसपी पूर्वी की सख्ती से सूदखोरों की हनक टूटेगी और उसका मकान ही नहीं, उसका हौसला भी बचेगा। सवाल यही है — इस गरीब विधवा की जंग में कानून उसके साथ खड़ा होगा या फिर रिश्वतखोरी और धौंस के आगे फिर से इंसाफ बिक जाएगा?
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: नवनीत राजपूत
📍 लोकेशन: बिजनौर, यूपी
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