Bijnor News: संत समुदाय में आक्रोश, त्वरित न्याय की मांग
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Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के धामपुर तहसील क्षेत्र में स्थित ग्राम हरेवला में मठ और मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जे का गंभीर मामला सामने आया है. इस मामले ने स्थानीय ग्रामीणों और संत समुदाय के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है. ग्राम हरेवला निवासी मोरकानंद दास जी महाराज ने उपजिलाधिकारी (एसडीएम) धामपुर, रीतू रानी को एक शिकायती पत्र सौंपकर इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में कुछ दबंगों पर मठ और मंदिर की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया है.
मंदिर में आकर अभद्र व्यवहार
मोरकानंद दास ने बताया कि वो लंबे समय से ग्राम हरेवला में स्थित मठ और मंदिर में निवास करते हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है. उनकी शिकायत के अनुसार, गांव के कुछ लोग, जिनमें तेजपाल, महिपाल, कपिल, निखिल और अन्य शामिल हैं, मंदिर में आकर अभद्र व्यवहार करते हैं. ये लोग न केवल गंदी-गंदी गालियां देते हैं, बल्कि मठ और मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जे की नीयत से जबरन पेड़ लगाने जैसे कार्य भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक रात करीब 9:30 बजे इन लोगों ने पौधरोपण की मशीन भी चुरा ली, जिससे उनकी मंशा और स्पष्ट हो जाती है.
दबंगों और भू-माफियाओं के हौसले बुलंद
मोरकानंद दास ने गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान में दबंगों और भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग मंदिरों और गरीबों की जमीनों पर खुलेआम कब्जा कर रहे हैं, जिससे धार्मिक स्थलों की पवित्रता और ग्रामीणों की जमीनों की सुरक्षा खतरे में है. इस घटना से आहत ग्रामीणों ने भी संत का समर्थन किया है. चंद्रपाल सिंह, नरेश कुमार, सूरज सिंह और सोनू सिंह जैसे स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की. उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो दबंगों का मनोबल और बढ़ेगा.
SDM की त्वरित कार्रवाई
शिकायती पत्र मिलने के बाद एसडीएम रीतू रानी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने हल्का लेखपाल को इस मामले की विस्तृत जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. स्थानीय लोग और मोरकानंद दास को उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करेगा, ताकि मठ और मंदिर की जमीन को अवैध कब्जे से बचाया जा सके. ग्रामीणों ने ये भी मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. ये मामला न केवल धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का सवाल उठाता है, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है.
