Bijnor Hospital Negligence बिना डिग्री वाला “डॉक्टर” निकला मौत का सौदागर
बिजनौर का एक अस्पताल बहुत सुर्खियों में है – स्योहारा थाना क्षेत्र में सहसपुर कस्बे का “जिया नर्सिंग होम” – मगर वजह कोई गर्व करने लायक नहीं। नाम सुनकर तो ऐसा लगता है मानो जिंदगी देने का ठेका लिया हो, पर यहां तो जिंदगी छीनने का धंधा चल रहा है! ताजा मामला तरन्नुम नाम की महिला का है। तरन्नुम अपने नवजात के साथ खुशियां लेकर घर जाने की उम्मीद में इस नर्सिंग होम में भर्ती हुई थी। मगर हुआ क्या? डिलीवरी के बाद नवजात की मौत हो गई और परिवार की खुशियां राख में बदल गईं।
फिर अस्पताल का पुराना राग शुरू –
“हमारी कोई गलती नहीं, खुदा की मर्जी थी!”
मगर जनता अब इन बहानों से तंग आ चुकी है।
Bijnor Hospital Negligence “बिजनौर का जुआघर: जिया नर्सिंग होम की काली सच्चाई!”
परिजनों ने हंगामा मचाया – सड़कों पर उतरे – और डॉक्टर पर लापरवाही का इल्जाम लगाया। पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ। लेकिन असली बम तब फटा जब पता चला कि जिस “डॉक्टर” साहब ने ऑपरेशन किया – उसकी डिग्री का तो अता-पता ही नहीं!
जी हां, न कोई मेडिकल कॉलेज, न कोई ट्रेनिंग—शायद YouTube पर “सर्जरी कैसे करें” का ट्यूटोरियल देखकर ही ये साहब जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे थे।
स्थानीय लोगों का कहना है – “ये अस्पताल नहीं, जुआघर है!
कभी जीत, कभी हार—बस ऑपरेशन राम भरोसे या अल्लाह भरोसे!”
Bijnor Hospital Negligence पहली बार नहीं – फिर भी चुप्पी
हैरानी की बात ये है कि ये कोई पहला मामला नहीं। 15 दिन पहले भी इसी जिया नर्सिंग होम में एक नवजात की मौत हो चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन कहां है? वो तो नींद की गोली खाकर गहरी नींद में सो रहे हैं।
जनता का गुस्सा जायज है—आखिर कब तक ऐसे फर्जी डॉक्टरों को खुली छूट मिलेगी?
कब तक निजी अस्पताल बिना निगरानी के मौत के सौदागर बनकर जिंदगियां लीलते रहेंगे?
Bijnor Hospital Negligence चुभते सवाल
- बिना डिग्री वाले “डॉक्टर” कैसे चला रहे हैं अस्पताल? क्या MBBS की जगह अब कोट और स्टेथोस्कोप ही काफी है?
- स्वास्थ्य विभाग कहां है? इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी निजी अस्पतालों पर कोई नकेल क्यों नहीं?
- क्या जिया नर्सिंग होम अकेला है? ऐसे कितने और “जुआघर” बिजनौर में चल रहे हैं, जहां जिंदगी दांव पर लगती है?
- कितनी जिंदगियां और कुर्बान होंगी? क्या ऐसे ही अस्पताल कब्रिस्तान बनते रहेंगे?
- क्या कार्रवाई होगी? परिजनों की मांग है कि डॉक्टर पर सख्त कार्रवाई हो – अस्पताल की जांच हो – और भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोका जाए। मगर प्रशासन की चुप्पी सवालों को और गहरा रही है।
जिया नर्सिंग होम का ये मामला सिर्फ एक अस्पताल की कहानी नहीं – बल्कि यूपी में निजी स्वास्थ्य सेवाओं में चल रही भारी लापरवाही और अनियमितताओं का जीता-जागता सबूत है। अगर प्रशासन अब भी नहीं जागा तो न जाने कितनी और जिंदगियां खतरे में पड़ेंगी।
जनता की मांग साफ है—सख्त कार्रवाई, पारदर्शी जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक। क्या सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस बार जागेगा – या फिर ये सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?
Written by khabarilal.digital Desk
संवाददाता: नवनीत राजपूत
लोकेशन: बिजनौर, यूपी
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