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Mathura news–वृंदावन के दुसायत मोहल्ला में Bijli vibhag Ki laparwahi ने एक गाय की जान ले ली। खुले तारों और जर्जर बॉक्स की शिकायतें महीनों से की जा रही थीं, लेकिन विभाग ने अनदेखी की। पहले भी कई जानें जा चुकी हैं, फिर भी जिम्मेदार अफसर बेखौफ हैं। अब सवाल है – आखिर कब तक यह लापरवाही यूं ही मौतें देती रहेगी?
मथुरा। संवाददाता-अमित शर्मा
बिजली विभाग की लापरवाही से गई गाय की जान, कल किसकी बारी?
20 जून 2025। बिजली विभाग की लापरवाही एक बार फिर इंसानियत और जिम्मेदारी के चेहरे पर करंट बनकर गिरी है। वृंदावन थाना क्षेत्र के दुसायत मोहल्ला में शुक्रवार देर रात एक बेजुबान गाय की करंट लगने से मौत हो गई, लेकिन विभाग की संवेदनाएं अब भी वोल्टेज के नीचे दबी हुई हैं। खुले पड़े तार, टूटे बॉक्स और जिम्मेदारों की आंखों पर पड़ा बेफिक्री का पर्दा – यही वो घातक गठबंधन है जो अब जानलेवा हो चला है।
खुले तार और मर चुकी संवेदनाएं, बिजली विभाग की घातक चुप्पी!
बिजली विभाग की लापरवाही का आलम ये है कि इलाके के लोग कई बार शिकायत कर चुके थे – “तार खुले हैं”, “बॉक्स जर्जर है”, “कहीं भी करंट दौड़ रहा है” – लेकिन शिकायतें विभाग के ऑफिस में घुसते ही फाइलों की कब्र में दफन हो जाती हैं। आखिर ऐसा कौन-सा संविधान है जहां गाय की मौत पर सियासी बवाल मचता है, लेकिन बिजली से मारी गई गाय को कोई न्याय नहीं मिलता?
करंट से तड़पती मौत, लेकिन विभाग ‘लोड शेडिंग’ में व्यस्त!
गनीमत यह रही कि इस बार कोई इंसान नहीं मरा। लेकिन कब तक किस्मत बचाएगी? उसी रास्ते से बच्चे, बुज़ुर्ग और महिलाएं रोज़ गुजरते हैं। एक दिन जब किसी इंसानी शरीर में दौड़ेगा ये करंट, तब शायद बिजली विभाग का सिस्टम भी कुछ सेकंड के लिए ‘शॉर्ट सर्किट’ हो जाए! लेकिन अफ़सोस, हर मौत के बाद जांच की बत्ती जलाई जाती है और फिर ‘मामला बंद’ कर दिया जाता है।
Bijli vibhag Ki laparwahi-विभाग की नींद कब खुलेगी?
स्थानीय निवासी रवि शर्मा की बातों से साफ है कि यह हादसा कोई “अचानक” नहीं था। बिजली विभाग की लापरवाही की कहानी महीनों पुरानी है, जिसकी स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी – बस ‘करंट’ ने उस पर साइन कर दिए। उन्होंने बताया कि कई बार विभाग को शिकायतें दी गईं, उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन जवाब में केवल आश्वासन और चाय के प्याले मिले। अब सवाल ये है कि जब दस्तावेज़ी चेतावनी पहले से मौजूद थी, तो ये हत्या मानी जाए या हादसा?
भारत में बिजली विभाग की लापरवाही से हादसों के आंकड़े
बिजली विभाग की लापरवाही से होने वाले हादसे भारत में कोई नई बात नहीं हैं। हाल के वर्षों में ऐसी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है:
2023 में सीतापुर: टूटी बिजली लाइन में करंट से एक बालक की मौत। शिकायत के बावजूद बिजली आपूर्ति बंद नहीं की गई।
Bijli vibhag Ki laparwahi-क्या होती है कार्रवाई?
सवाल जो बिजली विभाग से पूछे जाने चाहिए
Bijli vibhag Ki laparwahi-कौन है असली हत्यारा?
जब सड़क पर खुले तार हों, बॉक्स से चिंगारियां निकल रही हों, और जिम्मेदार अफसर कान में हेडफोन डालकर मीटिंग में व्यस्त हों – तो मौत किसी एक की नहीं होती, पूरे सिस्टम की होती है। इस बार मरी है एक गाय, कल कोई इंसान भी हो सकता है। फिर क्या हम हर मौत पर बस “कनेक्शन” काटते रहेंगे या कभी इस बिजली विभाग की लापरवाही का “करंट” जिम्मेदार अफसरों तक भी पहुंचेगा?

 
         
         
         
         
         
        