Bihar Voter List Check:
23 जून 2025। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही अब चुनाव आयोग की नींद टूटी है। वोटर लिस्ट को( “Bihar Voter List Check” )को लेकर आयोग अब घर-घर जाकर मतदाता सूची का संशोधन करने की सोच रहा है। वजह साफ है—नाम तो वोटर लिस्ट में हैं, लेकिन वोटर हैं कहां, कोई नहीं जानता!
राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने वर्षों से इस बात पर सवाल उठाए हैं कि मतदाता सूची में न केवल फर्जी नाम शामिल हैं, बल्कि मृत लोगों के नाम भी वर्षों से वोट डालते आ रहे हैं। अब चुनाव आयोग को अचानक ईमानदारी का ख्याल आया है और उसने योजना बनाई है कि पूरे बिहार में मतदाता सूची की “घर-घर पड़ताल” होगी।
यानी अब बाबू साहब की वोटर लिस्ट में जो चाचा अमेरिका से 2016 में गए थे, लेकिन हर चुनाव में वोट डाल देते थे—अब उनका नाम कटने वाला है! और जो 2014 से दुनिया छोड़ चुके हैं, लेकिन विधानसभा में उनकी मौजूदगी दर्ज है, उन्हें भी सूची से विदाई दी जाएगी।
Bihar Voter List Check-ये कदम क्यों?
आयोग के मुताबिक 2024 में ही करीब 46.26 लाख लोगों ने अपना निवास बदला, 2.32 करोड़ ने डिटेल्स सुधारने का आवेदन दिया और 33.16 लाख ने पहचान पत्र में बदलाव करवाया। कुल मिलाकर 3.15 करोड़ बदलाव सिर्फ एक साल में! अब इतने बदलाव होंगे तो मतदाता सूची भी तो हिल जाएगी न जनाब?
इसके अलावा मृत मतदाताओं के नाम हटाना, 18 साल पूरे कर चुके नए युवाओं को जोड़ना, और वोटर की लोकेशन के आधार पर मतदान केंद्रों का फिर से सीमांकन करना ज़रूरी हो गया है।
Bihar Voter List Check- लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा?
मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नाम! चुनाव आयोग कह रहा है कि अगर कोई अवैध विदेशी नागरिक वोटर बना बैठा है, तो अब उसकी भी खैर नहीं। वोटर लिस्ट से उसका नाम काट दिया जाएगा। यानी वोट की सियासत में अब ‘विदेशी एंट्री’ पर रोक!
क्यों अचानक घर-घर जांच की याद आई?
बिहार में चुनाव आते ही अक्सर मतदाता सूची में गड़बड़ियों के आरोप लगते रहे हैं। कोई कहता है नाम गायब, कोई कहता है पहचान गलत। कोई मृतक वोट डाल रहा है, कोई दो जगह वोटर बनकर चुनावी गणित बिगाड़ रहा है।
आखिरी बार ऐसा घर-घर सत्यापन 2004 में हुआ था। अब 2025 में जब सोशल मीडिया हर झूठ खोलने लगा है, तब जाकर आयोग ने सोचा कि ‘भैया, अब तो सच्ची में देख लेना चाहिए, कौन जिंदा है और कौन लोकतंत्र में भूत बनकर घूम रहा है।’
Bihar Voter List Check-राजनीति की भूमिका?
राजनीतिक दल इस पूरे अभियान को ‘भरोसे की बहाली’ मान रहे हैं—कम से कम कैमरे के सामने! अंदर की बात अलग है। कहीं किसी का वोट बैंक साफ न हो जाए, इसलिए हर पार्टी अपनी-अपनी गणना में लगी है।
आयोग का कहना है कि यह काम पूरी पारदर्शिता से होगा और हर दल को आपत्ति, दावा और अपील का मौका मिलेगा। लेकिन सवाल अब भी वही है—क्या सच में लिस्ट से सिर्फ वही हटेगा जो गलत है, या कोई और गणित लिखा जाएगा अंदर खाने?
चुनाव आयोग ने देर से ही सही, एक ज़रूरी कदम उठाया है। लेकिन ये कदम असरदार होगा या सिर्फ दिखावे की कार्रवाई बनकर रह जाएगा, ये वक्त बताएगा। फिलहाल तो इतना तय है कि Bihar Voter List Check के नाम पर अब आयोग हर घर जाकर दस्तक देगा और पूछेगा: “आप वोटर हैं, या वोट सिर्फ आपके नाम से चलता है?”
संवाददाता-सुजीत सागर
लोकेशन-पटना
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