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Bihar Voter List : बिहार में जारी SIR ने खोले राज –  अब चलेगा चुनाव आयोग का चाबुक!
बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान ने मतदाता सूची में बड़ी अनियमितताओं का पर्दाफाश किया है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार- नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम बिहार की मतदाता सूची में शामिल पाए गए हैं। बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) ने घर-घर सत्यापन के दौरान इन संदिग्ध प्रविष्टियों की पहचान की है। इन लोगों के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और डोमिसाइल सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज भी पाए गए हैं।
Bihar Voter List : आगे क्या होने वाला है?
चुनाव आयोग ने 1 अगस्त से 30 अगस्त 2025 तक इन सभी मामलों की गहन जांच करने का फैसला किया है। यदि जांच में ये लोग बिहार के स्थायी निवासी नहीं पाए गए- तो उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। अंतिम सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होगी। इस अभियान ने बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। खासकर सीमांचल क्षेत्र (किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया) में ऐसे मामले अधिक सामने आए हैं, जहां जनसंख्या में असामान्य वृद्धि और आधार कार्ड की 126% तक पहुंच ने सवाल खड़े किए हैं। आयोग ने 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 6.32 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म्स एकत्र किए हैं- जो 80% से अधिक है। संदिग्ध विदेशी नागरिकों की नागरिकता जांच के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा।
Bihar Voter List : सियासी बवाल और कड़े सवाल
Bihar Voter List : यह मामला हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था- जहां कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दी- लेकिन कुछ कड़े सवाल भी उठाए। कोर्ट ने पूछा कि इस विशेष गहन पुनरीक्षण को नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से क्यों जोड़ा जा रहा है और इसे अलग क्यों नहीं किया जा सकता? 
कोर्ट ने इसे लोकतंत्र और मतदान के अधिकार से जुड़ा महत्वपूर्ण मुद्दा बताया। आयोग ने आश्वासन दिया कि किसी भी व्यक्ति को बिना सुनवाई के मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। अगली सुनवाई 28 जुलाई 2025 को होगी। विपक्षी दल, विशेष रूप से RJD और कांग्रेस ने इस अभियान को “NRC का बैकडोर” बताते हुए इसका विरोध किया है। 
तेजस्वी यादव ने इसे गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के मताधिकार को छीनने की साजिश करार दिया। वहीं, BJP और JDU ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि केवल भारतीय नागरिकों को ही मतदान का अधिकार मिलना चाहिए। यह विवाद बिहार के सीमांचल क्षेत्र की 24 विधानसभा सीटों पर चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
Bihar Voter List : चुनाव आयोग का सख्त रवैया
चुनाव आयोग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होगी- जिसके बाद 30 अगस्त तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जाएंगी। गृह मंत्रालय के सहयोग से संदिग्ध विदेशी नागरिकों की नागरिकता की जांच की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने भी आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को सत्यापन प्रक्रिया में शामिल करने की सलाह दी है।
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Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: उस्मान
📍 लोकेशन: पटना, बिहार
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