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Bihar Power Plant-NTPC बाढ़ Power Plant की नई यूनिट से बिहार को 2246 मेगावाट करंट मिलेगा। गाँव-शहर सब जगमगाएंगे, बस बिल देखकर दिल न बैठ जाए —
🔌 Bihar Power Plant: बिजली के करंट से बिहार को रोशनी, जनता को चिंता!
✅ Written by khabarilal.digital Desk
📍 Location: पटना
यूनिट चालू, मीटर चालू, जेब बंद!
Bihar Power Plant– पटना के बाढ़ में NTPC सुपर थर्मल Power Plant की तीसरी और आखिरी यूनिट भी अब ‘जिंदगी में कुछ कर दिखाने’ की कसम खा चुकी है। 1 जुलाई से 660 मेगावाट की ये यूनिट भी करंट उड़ेलने लगेगी — मतलब बिहार के घरों में पंखा, एसी, बल्ब सब झिलमिलाएंगे। हां, बिजली का बिल झटका दे जाए तो मत कहना खबरीलाल ने पहले नहीं बताया!
बाढ़ पावर प्लांट बोले — मैं अकेला ही काफी हूं!
अब पाँच यूनिटें कुल 3300 मेगावाट झोंकेंगी — उसमें से बिहार को 2246 मेगावाट फ्री में… अरे नहीं बाबा! हिस्सेदारी में मिलेगा। मतलब आधा बिहार बोलेगा ‘लाइट है’, आधा बोलेगा ‘बिल है’। एनटीपीसी कह रहा है — स्टेज-1 की तीन यूनिटों से 1110 मेगावाट, स्टेज-2 की दो यूनिटों से 1136 मेगावाट — टोटल जोड़ लो, ढेर सारा करंट!
Bihar Power Plant-गाँव में भी झिलमिल — मगर तार वही पुराने!
अब सरकारी बाबू कह रहे हैं — गाँवों में भी रोशनी पहुँचेगी। पहुँचेगी तो सही, लेकिन पुरानी लाइनें देख लो — हवा चली, फ्यूज उड़ा, खंभा गिरा तो फिर लालटेन जिंदाबाद! और हां, शिकायत करने जाओ तो जवाब मिलेगा — ‘लाइनमैन कहीं शादी में गया है, कल आ जाएगा।’
Bihar Power Plant-करोड़ों की यूनिट, करोड़ों की उम्मीद!
बाढ़ पावर प्लांट पर करोड़ों के खर्चे से यूनिट खड़ी हुई है। सरकार ने कहा — ये आत्मनिर्भर बिहार का नया सूरज है। जनता ने पूछा — बिल भी आत्मनिर्भर होगा या जेब में निर्भर रहेगा? जवाब अभी तक फाइलों में सो रहा है। लेकिन पावर प्लांट के बोर्ड पर लिखा है — ‘बिजली भरो, उम्मीद मत छोड़ो!’
Bihar Power Plant- अब उद्योग बोले — शाबाश!
अब उद्योगपति भी खुश हैं — क्योंकि करंट मिलेगा तो मशीनें चलेंगी, मशीनें चलेंगी तो माल बिकेगा, माल बिकेगा तो बिजली बिल भरेगा कौन? वही आम आदमी! यानी रोशनी भी हमारी, खर्चा भी हमारा — मुनाफा? पता नहीं किसका!
लाइट से उजाला, बिल से उजाला — मगर जेब में अंधेरा!
अब सरकार चाहे जितना दावा करे — ‘हम बिजली में आत्मनिर्भर हो गए!’ — मगर गांव के फूस के छप्पर में नया मीटर लटकते ही पुरानी चिंताएं लौट आती हैं। ‘कितना जलाया, कितना काटा, कब आया, कब गया’ — ये हिसाब लगाने में ही आदमी आधा बुझ जाता है। लेकिन लाइनमैन से लेकर विभाग तक सब कहते हैं — ‘अब बिहार में अंधेरा नहीं रहेगा।’ सही कहा भाई! क्योंकि बिल देख के आदमी खुद बुझ जाएगा।
Bihar Power Plant-करंट पर सियासत, बिल पर चुप्पी — जनता खुद निपटे!
अभी तो सब खुश हैं — मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक प्रेस नोट छपवा रहे हैं कि बिहार अब ‘रोशनी वाला’ राज्य है। लेकिन जब गाँव का किसान महीने के आखिर में मीटर रीडिंग देखेगा, तब उसे रोशनी के साथ-साथ ‘बिजली विभाग की बिजली’ भी समझ में आएगी। तब NTPC, पावर प्लांट, यूनिट, मेगावाट सब हवा हो जाएगा — बचेगा तो बस खबरीलाल का सवाल — ‘बिजली तो दी, राहत कब दोगे?’
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