बिहार की सियासत में एक बार फिर मटन का तड़का लग गया है – और इस बार तड़के का ठीकरा फोड़ा जा रहा है केंद्रीय मंत्री Lalan Singh के सिर! सावन का पवित्र महीना – जब लोग भोलेनाथ की भक्ति में डूबे रहते हैं – तब ललन सिंह ने लखीसराय के सूर्यगढ़ा में जेडीयू कार्यकर्ताओं के लिए ऐसी मटन पार्टी का आयोजन कर डाला। इससे बिहार की राजनीति में हड़कंप मच गया। मटन के टुकड़े, चावल की थाल, और टेबल-कुर्सी का शाही इंतजाम—कार्यकर्ता तो इस दावत पर टूट पड़े। लेकिन विपक्ष ने इसे सनातन धर्म पर चोट बताकर तीर-कमान संभाल लिए। आरजेडी और कांग्रेस ने मिलकर ऐसा सियासी बवाल काटा कि बीजेपी-जेडीयू की जोड़ी को अब अपनी ‘वाशिंग मशीन’ की ताकत आजमानी पड़ रही है। Bihar Mutton Controversy
Bihar Politics: मटन पार्टी का ‘सियासी भोज’
लखीसराय के सूर्यगढ़ा में 16 जुलाई को ललन सिंह ने 472 करोड़ की सड़क और पुल परियोजनाओं के शिलान्यास के बाद एक रैली की। लेकिन रैली से ज्यादा चर्चा बटोरी उनकी मटन दावत ने। मंच से Lalan Singh ने मुस्कुराते हुए ऐलान किया – “भोजन का बढ़िया इंतजाम है…सावन मानने वालों के लिए शाकाहारी थाली है – और जो सावन नहीं मानते, उनके लिए मटन-भात का जायका तैयार है!”बस – यहीं से शुरू हुआ सियासी तमाशा। वीडियो वायरल हुआ – जिसमें कार्यकर्ता मटन पर टूट पड़ते दिखे। टेबल-कुर्सी का इंतजाम था – लेकिन भीड़ इतनी कि अफरा-तफरी मच गई। सावन में मटन का ये भोज अब बिहार चुनाव से पहले सियासत का सबसे गर्म मसाला बन चुका है। Bihar Mutton Controversy
विपक्ष का तीखा तड़का – हर विरोधी भड़का!
विपक्ष ने इस मौके को लपक लिया और Lalan Singh को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आरजेडी ने फेसबुक पर तंज कसते हुए लिखा – “भगवान भोलेनाथ के पवित्र सावन मास में भी ललन सिंह मटन पार्टी देने से बाज नहीं आए! हिंदू धर्म के ये ठेकेदार दूसरों को तो खूब नसीहत देते हैं – पर अपनी बारी आने पर धर्म-रीत सब भूल जाते हैं!”
लालू प्रसाद की बेटी Rohini Acharyaने भी ट्वीट कर जेडीयू को ‘दोहरे चरित्र’ का तमगा दे डाला।
Bihar Mutton Controversy – सावन में ललन सिंह का मटन भोज – भारी सियासी बवाल
कांग्रेस ने तो और भी चटपटा पलटवार किया। नेता B.V. Srinivasने वीडियो शेयर करते हुए लिखा – “सावन में मोदी-नीतीश की मटन पार्टी! धर्म के ठेकेदारों, डूब मरो!”
कांग्रेस प्रवक्ता Gyanranjan ने तंज कसते हुए कहा – “एनडीए की वाशिंग मशीन इतनी ताकतवर है कि सारे दाग-धब्बे धो डालती है। ये लोग खुद वही करते हैं, जिसके लिए दूसरों को कोसते हैं!”
आरजेडी प्रवक्ता Chitranjan Gagan ने भी चुटकी ली। कहा – “जब लालू-राहुल ने मटन खाया था, तब बीजेपी-जेडीयू को हिंदू धर्म खतरे में दिखा था। अब ललन सिंह की मटन पार्टी पर चुप्पी क्यों?”
बिहार, मटन और सियासत…रिश्ता पुराना है!
बिहार में मटन और मछली का सियासी मसाला कोई नया नहीं है। दो साल पहले सावन में Lalu Yadav ने Rahul Gandhi को दिल्ली में चंपारण मटन बनाकर खिलाया था। उसका वीडियो वायरल हुआ तो बीजेपी ने इसे हिंदू भावनाओं का अपमान बताया था। स्वर्गीय सुशील मोदी ने तब Rahul Gandhi को ‘जनेऊधारी हिंदुत्व इच्छाधारी’ तक कह डाला था। जवाब में रोहिणी आचार्या ने बीजेपी को ललकारते हुए कहा था, “खाना-पहनना बीजेपी तय करेगी क्या?”
Bihar Mutton Controversy : बिहार की सियासत में मटन, मछली भोज पर पहले भी गहराए विवाद
पिछले साल नवरात्र में Tejashwi Yadav ने मछली खाते हुए वीडियो पोस्ट किया – तो बीजेपी-जेडीयू ने फिर हंगामा मचाया। PM Modi ने तक तेजस्वी पर तंज कसा था कि वो वीडियो दिखाकर किसे खुश करना चाहते हैं? अब ललन सिंह की मटन पार्टी ने विपक्ष को मौका दे दिया है कि वो पुराने हिसाब चुकता करें। सियासी गलियारों में ये सवाल गूंज रहा है—जब लालू-तेजस्वी के मटन-मछली पर हिंदू धर्म खतरे में था – तो ललन सिंह की दावत पर बीजेपी की खामोशी क्यों? Bihar Mutton Controversy
ललन सिंह का बचाव और सियासी दांव
सावन में मटन भोज पर विवाद गहराया तो केंद्रीय मंत्री Lalan Singh सफाई देने आए। ललन सिंह ने कहा कि भोज में शाकाहारी विकल्प भी थे – और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। उनके समर्थकों का कहना है कि ये दावत कार्यकर्ताओं से जुड़ने का तरीका थी – न कि धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का इरादा। लेकिन सावन में मटन का जिक्र मंच से करना और उसका वीडियो वायरल होना जेडीयू के लिए मुसीबत बन गया है।
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और विपक्ष इस मुद्दे को धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए भुनाने में जुट गया है। उधर विशेषज्ञों का मानना है कि ये विवाद जानबूझकर उछाला गया है ताकि सनातन मान्यताओं का हवाला देकर वोटरों को लामबंद किया जाए।
ललन पर बीजेपी की चुप्पी – NDA की मुश्किल
जेडीयू के सहयोगी बीजेपी ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। कुछ बीजेपी नेताओं ने निजी तौर पर सवाल उठाए, जैसे एक्स यूजर @manvendra_sinha ने लिखा, “जेडीयू सरकार में है, और सावन में ललन सिंह मटन पार्टी दे रहे हैं!” लेकिन पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। एनडीए के अन्य सहयोगी दलों की अनुपस्थिति भी इस भोज में चर्चा का विषय बनी। सियासी पंडितों का कहना है कि बीजेपी इस मुद्दे को दबाना चाहती है – क्योंकि जेडीयू के साथ गठबंधन की मजबूरी है। लेकिन विपक्ष की ‘वाशिंग मशीन’ वाली चुटकी ने बीजेपी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
ललन का मटन भोज – चुनावी जायका बदलेगा?
Bihar Mutton Controversy : बिहार में चुनावी माहौल गर्म है – Lalan Singh की मटन पार्टी ने इस आग में घी का काम किया है। सवाल ये है कि क्या ये मटन भोज बिहार चुनाव 2025 में कोई बड़ा सियासी मोड़ लाएगा? या फिर ये बस एक चटपटा विवाद बनकर रह जाएगा? विपक्ष इसे हिंदू भावनाओं से जोड़कर कितना भुना पाएगा और बीजेपी-जेडीयू की ‘वाशिंग मशीन’ कितने दाग धो पाएगी – ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है—बिहार की सियासत में मटन का स्वाद अब सिर्फ थाली में नहीं – बल्कि वोटों की तिजोरी में भी तलाशा जा रहा है!