Bihar Election 2025: महिलाओं को टिकट देने में RJD सबसे आगे, लेकिन वादों के बीच अधूरा रहा ‘आधी आबादी’ का सशक्तिकरण
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में एक बार फिर ‘आधी आबादी’ यानी महिला वोटर्स को रिझाने की होड़ तेज हो गई है। एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधनों ने महिलाओं के लिए बड़े-बड़े वादे किए हैं, लेकिन जब टिकट बंटवारे की बात आई, तो दोनों ही गठबंधनों का भरोसा पुरुष उम्मीदवारों पर अधिक दिखा। नतीजतन, बिहार विधानसभा में महिला प्रतिनिधित्व लगातार घटता जा रहा है।
🔹 वादों की झड़ी, लेकिन हकीकत कमजोर
नीतीश कुमार की सरकार ने चुनाव से पहले महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत जीविका दीदियों को स्वरोजगार के लिए 10-10 हजार रुपये की सहायता दी गई। सरकार का दावा है कि अब तक 1.21 करोड़ महिलाओं के खातों में ये राशि भेजी जा चुकी है। इसके अलावा, आंगनबाड़ी सेविकाओं और रसोइयों का मानदेय भी बढ़ाया गया।

वहीं दूसरी तरफ, राजद के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश की योजना का जवाब देते हुए वादा किया कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है, तो जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी और 30 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा। इससे पहले उन्होंने हर परिवार से एक सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया था।
🔹 टिकट बंटवारे में महिलाओं की हिस्सेदारी
वादों के बावजूद, टिकट बंटवारे में महिलाओं की हिस्सेदारी बेहद सीमित रही है।
- राजद (RJD) ने 143 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 24 महिलाओं को टिकट दिया — यानी करीब 16%। हालांकि मोहनियां सीट से एक महिला उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया।
- कांग्रेस ने 61 में से 5 महिलाओं को टिकट दिया, जो 8% से थोड़ा अधिक है।
- जेडीयू (JDU) और भाजपा (BJP) दोनों ने अपने 101-101 उम्मीदवारों में से 13-13 महिलाओं को मैदान में उतारा, यानी लगभग 13% हिस्सेदारी।

- एनडीए के सहयोगी दलों — चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियों ने कुल 6 महिला उम्मीदवार उतारे हैं। कुशवाहा ने अपनी पत्नी स्नेहलता को टिकट दिया, जबकि चिराग की पार्टी की एक उम्मीदवार सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया।
- जीतन राम मांझी की पार्टी ने 6 सीटों में से 2 महिलाओं को टिकट दिया, लेकिन दोनों रिश्तेदार हैं।
कुल मिलाकर, एनडीए ने 243 सीटों में से 35 महिला उम्मीदवार उतारे — ये 14% होता है।
वहीं महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस की ओर से 204 सीटों में 29 महिलाओं को टिकट मिला है।
🔹 घटता जा रहा है महिला प्रतिनिधित्व
बिहार विधानसभा में महिलाओं की हिस्सेदारी साल-दर-साल घटती जा रही है।
- 2020 की मौजूदा विधानसभा में केवल 23 महिला विधायक हैं, जो कुल का 10.70% है।
- 2015 में 28 महिला विधायक थीं — करीब 11%।
- 2010 में 34 महिला विधायक चुनी गई थीं, जो 14% प्रतिनिधित्व था — यानी अब तक का सबसे अच्छा आंकड़ा।
Bihar Election 2025 में महिला सशक्तिकरण अभी भी वादों तक सीमित
बिहार की राजनीति में महिला सशक्तिकरण अभी भी वादों तक सीमित है। पार्टियां चुनावी घोषणाओं में महिलाओं को आगे लाने की बात तो करती हैं, लेकिन टिकट वितरण में उनकी हिस्सेदारी आधे से भी कम रखती हैं।
‘आधी आबादी’ किसे जिताएगी, ये तो नतीजे तय करेंगे, लेकिन इतना तय है कि बिहार की महिलाएं अब केवल वोट बैंक नहीं रहीं — वे नीतियों और प्रतिनिधित्व दोनों में समान भागीदारी चाहती हैं।
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