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Bihar Crime and Politics : पटना में BJP नेता की गोली मारकर हत्या – कानून का राज लाने में हर बार फेल  सीएम नीतीश कुमार! 
बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर अपराधियों ने खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा दीं। शनिवार (12 जून) की रात पिपरा थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव में बीजेपी नेता सुरेंद्र केवट को खेत में पानी लगाते वक्त अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी। गोली का शिकार हुए 50 साल के सुरेंद्र केवट को पटना एम्स ले जाया गया- लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुरेंद्र केवट बीजेपी किसान मोर्चा के पुनपुन प्रखंड के पूर्व अध्यक्ष पद पर रह चुके थे।
इस हत्याकांड ने इलाके में दहशत फैला दी है- लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर बिहार में कानून का राज है या जंगलराज? पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र खेती के साथ-साथ ग्रामीण चिकित्सक का काम भी करते थे। मसौढ़ी एसडीपीओ कन्हैया कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि गोली चलने की आवाज तो सुनी गई- लेकिन अपराधी हवा में गायब हो गए। कोई भागता दिखा नहीं- जैसे भूत बनकर गोलियां बरसाई गई हों! पुलिस ने एफएसएल टीम को बुलाया है और परिजनों के बयान दर्ज कर रही है- लेकिन सवाल यह है कि क्या ये जांच सिर्फ कागजी खानापूरी बनकर रह जाएगी?
विपक्ष का तीखा तंज: बिहार बना ‘क्राइम कैपिटल’!
विपक्ष ने इस घटना को लेकर नीतीश कुमार की NDA सरकार को आड़े हाथों लिया है। बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने तंज कसते हुए कहा- “NDA ने बिहार को क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया बना डाला। भगवान भरोसे ही बिहारवासी जी रहे हैं!” उन्होंने दावा किया कि सिर्फ पटना में इस साल 116 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं। 
दूसरी तरफ- नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट में आग उगलते हुए कहा- “बिहार में इतने मर्डर हो रहे हैं कि गिनना मुश्किल है। सीतामढ़ी, नालंदा, खगड़िया, गया—हर जगह गोलियां चल रही हैं। सत्ताधारी नेताओं की बोलियां अपराधियों को संरक्षण दे रही हैं।” तेजस्वी ने तंज कसा कि सरकार अपराधियों की जाति ढूंढने में व्यस्त है- लेकिन कानून का राज कायम करने में नाकाम!
इससे पहले एनडीए के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी बिहार की नीतीश सरकार को बढ़ते अपराधों को लेकर कठघरे में खड़ा किया। चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा- “बिहारी अब और कितनी हत्याओं की भेंट चढ़ेंगे?” 
Bihar Crime – 7 दिन – 17 से ज्यादा हत्या और खौफ
सुनने में ये आंकड़ा खौफ पैदा करता है कि- पिछले 7 दिनों में बिहार में हत्या की 17 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें पटना के प्रसिद्ध व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या….सीवान में 3 लोगों की हत्या और पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 सदस्यों की हत्या जैसी दिल दहलाने वाली वारदातें शामिल हैं। बिहार में दिनदहाड़े हत्याएं और खुलेआम गोलीबारी अब आम बात हो गई है- पुलिस और प्रशासन अपराधियों के सामने असहाय नजर आ रहे हैं।
Bihar Crime and Politics –डिप्टी सीएम तक ने उठाए सवाल
खुद बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा तक कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जता रहे हैं। उन्होंने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन की नाकामी के कारण अपराधियों का हौसला बढ़ रहा है। सिन्हा ने बालू माफिया, जमीन माफिया और शराब माफिया के आपसी गठजोड़ को भी अपराध बढ़ने का एक बड़ा कारण बताया।
Bihar Crime and Politics : सुशासन बाबू के सारे दावे बस खोखले!
आखिर बिहार में ये हालात क्यों हैं? नीतीश कुमार- जो कभी ‘सुशासन बाबू’ कहलाते थे- उनकी सरकार में अपराधी बेलगाम क्यों हैं? क्या पुलिस सिर्फ खानापूरी के लिए है? अपराधियों को संरक्षण देने का ये खेल कब तक चलेगा? जनता सवाल पूछ रही है कि जब बीजेपी के नेता ही सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी का क्या हाल होगा? बिहार में कानून का डंडा चलेगा या अपराधियों की गोली ही राज करेगी?
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: उस्मान
📍 लोकेशन: पटना, बिहार
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