Bihar Bandh 2025-मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ INDIA गठबंधन का तीखा विरोध Bihar Bandh 2025-मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ INDIA गठबंधन का विरोध
बिहार में आज सड़कें ठप, ट्रेनें रुकीं, और टायर जल रहे हैं! Bihar Bandh 2025 में INDIA गठबंधन ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को ‘वोट चोरी’ की साजिश करार दिया। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पटना की सड़कों पर चक्का जाम और विरोध मार्च जारी है। गठबंधन का दावा है कि यह प्रक्रिया गरीब, दलित, और पिछड़े वर्गों को मताधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र है। प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए, लेकिन सियासी तपिश बिहार को झुलसा रही है।
Bihar Bandh 2025 : सड़कों पर सियासत की आग, वोटर लिस्ट का ‘खेल’
बिहार की सड़कें आज गूंज रही हैं—नारों से, टायरों की आग से, और INDIA गठबंधन की हुंकार से! Bihar Bandh 2025 ने राज्य को ठप कर दिया है, और केंद्र में है मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), जिसे विपक्ष ‘वोट की डकैती’ का नाम दे रहा है। कांग्रेस के राहुल गांधी और आरजेडी के तेजस्वी यादव आयकर गोलंबर से निर्वाचन कार्यालय तक ‘जन अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं, मानो सियासत का रणक्षेत्र सड़कों पर उतर आया हो। गठबंधन का आरोप है कि 11 दस्तावेजों की मांग गरीबों, दलितों, और पिछड़ों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश है। तो क्या ये लोकतंत्र की रक्षा का जंग है, या विधानसभा चुनाव से पहले सियासी नौटंकी? सवाल हवा में तैर रहा है, और सड़कों पर टायर जल रहे हैं।
Bihar Bandh 2025: ‘वोटबंदी’ का तमाशा या जनता की पुकार?
कहते हैं, लोकतंत्र में वोट जनता की ताकत है, लेकिन INDIA गठबंधन का दावा है कि Bihar Bandh 2025 इस ताकत को बचाने की जंग है। गठबंधन का कहना है कि SIR के नाम पर 8 करोड़ मतदाताओं में से 20%—यानी गरीब, दलित, और अल्पसंख्यक—के वोट छीने जा रहे हैं। तेजस्वी यादव ने तो इसे ‘नोटबंदी के बाद वोटबंदी’ का नाम दे दिया, और राहुल गांधी ने इसे ‘असंवैधानिक’ ठहराया। पटना में डाक बंगला चौराहा से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक का इलाका प्रतिबंधित है, लेकिन कार्यकर्ता टायर जलाकर, रेलवे ट्रैक जाम करके, और नारे लगाकर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। RJD की छात्र इकाई ने जहानाबाद में ट्रेनें रोकीं, और हाजीपुर में सड़कें ठप कर दीं। सवाल ये है—क्या ये जनता की आवाज है, या चुनावी मैदान में गठबंधन की सियासी चाल?
Bihar Bandh 2025:प्रशासन की चौकसी, सियासत की गर्मी
पटना में आज सड़कों पर सियासत का तूफान मचा है, और प्रशासन पसीना बहा रहा है। Bihar Bandh 2025 के चलते 50 से ज्यादा मजिस्ट्रेट और 600 पुलिसकर्मी तैनात हैं, मानो शहर किले में तब्दील हो गया हो। फिर भी, गठबंधन के कार्यकर्ता आयकर गोलंबर से बीजेपी दफ्तर और निर्वाचन कार्यालय तक मार्च करने को बेताब हैं। श्रमिक संगठनों ने भी अपनी 44 मांगों को बंद से जोड़ लिया, जिससे आंदोलन और व्यापक हो गया। पप्पू यादव जैसे नेता भी सड़कों पर हैं, ‘चुनाव आयोग होश में आओ’ के नारे लगाते हुए। दूसरी ओर, चुनाव आयोग का कहना है कि SIR एक सामान्य प्रक्रिया है, जो मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए जरूरी है। लेकिन जब तेजस्वी कहते हैं कि ‘बिहार का EC डाकघर बन गया है,’ तो सियासी तंज की गूंज दूर तक सुनाई देती है।
बिहार बंद 2025 और मतदाता सूची का विवाद
Bihar Bandh 2025 की जड़ में है 24 जून 2025 को शुरू हुआ विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), जिसके तहत बिहार के 7.89 करोड़ मतदाताओं को 11 दस्तावेजों में से एक जमा करना है। गठबंधन का आरोप है कि आधार, राशन कार्ड, और मनरेगा कार्ड जैसे आम दस्तावेजों को शामिल न करना गरीबों को निशाना बनाने की साजिश है। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार के गरीबों के पास जन्म प्रमाण पत्र कहां से आएगा?’ लालू प्रसाद ने तो ‘दो गुजरातियों’ (मोदी और शाह) पर बिहार के 8 करोड़ वोटरों के अधिकार छीनने का इल्जाम लगा दिया। INDIA गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 10 जुलाई को होगी। बिहार में सड़कों पर सवाल एक ही है—क्या ये बंद वोट की रक्षा का आंदोलन है, या सियासत का नया ड्रामा?
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: उस्मान
📍 लोकेशन: पटना, बिहार
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