Delhi Blast की जांच में बड़ा कदम, J&K में ताबड़तोड़ कार्रवाई
दिल्ली में 10 नवंबर की शाम हुए धमाके (Delhi Blast) की ख़बर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। शाम करीब 7 बजे हुए इस विस्फोट में कुल 13 लोगों की मौत हो गई थी। जांच ने जैसे-जैसे आगे बढ़ना शुरू किया, वैसे-वैसे इस कांड की गुत्थी खुलती चली गई। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसियों ने पाया कि पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद इस हमले के मुख्य साजिशकर्ता थे और उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क के साथ मिलकर इस धमाके को अंजाम दिया था। इस विस्फोट में उमर खुद भी मारा गया।
Delhi Blast: J&K में उमर के घर पर कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार जांच में खुलासा हुआ कि ये हमला किसी अचानक लिए गए फैसले का परिणाम नहीं था, बल्कि पिछले लंबे वक्त से रची जा रही एक लंबी योजना का हिस्सा था। धमाके के बाद देशभर में कई जगहों पर छापेमारी हुई, जिसमें उमर से जुड़े कई अहम सुराग मिले। इसी कार्रवाई के तहत सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी उमर का पुलवामा स्थित घर भी ध्वस्त कर दिया, ताकि आतंकी नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह समाप्त की जा सकें।

उमर के परिवार से भी पूछताछ की गई। उसकी मां ने बताया कि वो काफी समय से कट्टरपंथ की ओर झुक गया था और कई दिनों तक घरवालों से बात भी नहीं करता था। धमाके से पहले उसने परिवार को संपर्क न करने की हिदायत दी थी। हालांकि परिवार की ओर से उसकी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी समय रहते पुलिस को नहीं दी गई थी।
Delhi Blast, 2900 किलो विस्फोटक का कनेक्शन
उमर मोहम्मद पेशे से डॉक्टर था, लेकिन वो जैश-ए-मोहम्मद के ऐसे मॉड्यूल से जुड़ गया था, जिसे धमाके से पहले ही पुलिस ने निशाना बनाना शुरू कर दिया था। पुलिस ने उसके नेटवर्क के कई सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और उनके पास से फरीदाबाद में 2900 किलो विस्फोटक बरामद किया गया था—जो उनकी बड़ी और घातक योजना की ओर इशारा करता है।
जांच एजेंसियां अभी उमर के सभी साथियों से पूछताछ कर रही हैं। ये पता लगाने की कोशिश जारी है कि इनकी योजना कितनी विस्तृत थी और देश के किन-किन इलाकों को वे निशाना बनाने वाले थे। दिल्ली ब्लास्ट के बाद उठाए गए त्वरित एक्शन ने न सिर्फ एक बड़े आतंकी नेटवर्क को उजागर किया, बल्कि भविष्य की संभावित घटनाओं को भी रोकने में अहम भूमिका निभाई है।
