J&K को लेकर महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर गंभीर आरोप
जम्मू-कश्मीर (J&K) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र जम्मू-कश्मीर के आम नागरिकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहा है। अनंतनाग जिले में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को नौकरियों से निकाला जा रहा है, उनकी संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है और उन पर राष्ट्र-विरोधी होने का आरोप लगाया जा रहा है।
“गिलानी की विधवा तक को नहीं बख्शा गया”
महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के घर को जब्त किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गिलानी की 80 वर्षीय विधवा उस घर में रहती थीं, फिर भी मानवता को ताक पर रखकर उस घर को सील कर दिया गया। उन्होंने इसे अमानवीय करार देते हुए कहा, “ये महिला किसी की मां है, क्या उसके साथ ऐसा व्यवहार उचित है?”
J&K के हालात पर मुफ्ती के दावे
मुफ्ती ने बताया कि गिलानी के घर के साथ ही तहरीक-ए-हुर्रियत कश्मीर के मुख्यालय और अन्य धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं को भी गैरकानूनी गतिविधियों के आरोप में जब्त कर लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि फलाह-ए-आम ट्रस्ट और जमात-ए-इस्लामी द्वारा संचालित स्कूलों को भी बंद किया गया है।
वैचारिक मतभेद, लेकिन अमानवीयता क्यों?
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि किसी की विचारधारा से असहमति हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा से असहमति है, लेकिन वे उसके सदस्यों के साथ ऐसा अमानवीय रवैया नहीं देखना चाहतीं।
“J&K में संवाद ही एकमात्र रास्ता”
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान केवल बातचीत के जरिए ही संभव है। उन्होंने लद्दाख और गाजा में चल रही शांति वार्ताओं का हवाला देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी इसी प्रकार संवाद की ज़रूरत है, न कि दमन और डर का माहौल बनाने की।
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