सावन में बरेली के त्रिवटी नाथ मंदिर में शिव भक्तों की पेंटिंग्स बनी आकर्षण का केंद्र… उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
संवाददाता – अंकुर चौधरी, बरेली
Bareilly : सावन का महीना भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए विशेष उत्साह और भक्ति का समय होता है. इस पवित्र माह में देशभर के शिव मंदिरों में कंवर यात्रा और जलाभिषेक की रौनक देखने को मिलती है. लेकिन इस बार बरेली के प्रसिद्ध त्रिवटी नाथ मंदिर में कुछ अनोखा देखने को मिला जहां शिव भक्तों ने अपनी आस्था को न केवल जल चढ़ाकर, बल्कि चित्रकला के माध्यम से भी व्यक्त किया. मंदिर में बच्चों और श्रद्धालुओं द्वारा बनाई गई भगवान शिव की पेंटिंग्स आकर्षण का केंद्र बन गईं.
चित्रकला की अनोखी पहल

सावन माह में त्रिवटी नाथ मंदिर में कांवर यात्रा का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. हजारों श्रद्धालु अपने कंवरों में पवित्र जल भरकर भगवान शिव को अर्पित करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं. इस बार मंदिर परिसर में एक अनोखी पहल ने सभी का ध्यान खींचा. कुछ भक्तों ने अपनी भक्ति को चित्रकला के माध्यम से व्यक्त करने का निर्णय लिया. खास तौर पर बच्चों के लिए आयोजित पेंटिंग कार्यशाला ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया.
आकर्षण का केंद्र बनीं पेंटिंग
इस कार्यशाला में बच्चों ने भगवान शिव, शिवलिंग, त्रिशूल और नंदी जैसे धार्मिक प्रतीकों की पेंटिंग्स बनाईं. इन पेंटिंग्स को मंदिर परिसर में प्रदर्शित किया गया जिसने न केवल भक्तों का ध्यान आकर्षित किया बल्कि धार्मिकता और कला के बीच एक अनोखा मेल भी प्रस्तुत किया. इस पहल ने बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ कला के प्रति रुचि विकसित करने का अवसर प्रदान किया.
बच्चों के लिए प्रेरणादायक पहल

त्रिवटी नाथ मंदिर में आयोजित इस पेंटिंग कार्यशाला में बच्चों को विशेष रूप से शामिल किया गया. इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों को भगवान शिव की भक्ति के साथ-साथ कला के महत्व को समझाना था. बच्चों ने उत्साह के साथ शिवलिंग, नंदी, और त्रिशूल जैसे प्रतीकों को अपने रंगों और ब्रश से जीवंत किया. इन पेंटिंग्स को देखकर मंदिर में आने वाले भक्तों ने बच्चों की प्रतिभा की खूब सराहना की.
बच्चों के लिए प्रेरणादायक बना मंच
इस पहल ने बच्चों को यह सिखाया कि भक्ति को केवल पूजा-पाठ तक सीमित रखने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसे कला के माध्यम से भी व्यक्त किया जा सकता है. यह आयोजन बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक मंच साबित हुआ, जहां उन्होंने अपनी रचनात्मकता को धार्मिक आस्था के साथ जोड़ा.
धार्मिकता और कला का अनोखा संगम

बरेली के त्रिवटी नाथ मंदिर में आयोजित इस पेंटिंग कार्यशाला ने धार्मिकता और कला के बीच एक सुंदर संतुलन प्रस्तुत किया. मंदिर के पुजारियों और आयोजकों का मानना है कि इस तरह की पहल भविष्य में और भी बड़े स्तर पर आयोजित की जा सकती है. यह न केवल बच्चों को धार्मिक मूल्यों से जोड़ेगी, बल्कि उन्हें अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का अवसर भी देगी.
पेंटिंग देखने उमड़ी भक्तों की भीड़
मंदिर में प्रदर्शित पेंटिंग्स को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. कई भक्तों ने इसे एक नई परंपरा की शुरुआत बताया, जो भविष्य में अन्य मंदिरों में भी अपनाई जा सकती है. इस पहल ने सावन के उत्सव को और भी रंगीन और आध्यात्मिक बना दिया.
त्रिवटी नाथ मंदिर क्यों है खास?

Bareilly का त्रिवटी नाथ मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. सावन माह में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. कांवर यात्रा के दौरान भक्त गंगा जल लेकर मंदिर पहुंचते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. इस बार पेंटिंग कार्यशाला ने मंदिर की रौनक को दोगुना कर दिया. मंदिर का प्रबंधन इस तरह की रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि नई पीढ़ी धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ सके.
